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बीएचयू परिसर में छात्रों के बाद अब छात्राएं चीफ प्रॉक्टर प्रो. रोयाना सिंह से नाराज हो गई हैं। पिछले साल सितंबर में छेड़खानी के विरोध में धरने के दौरान चीफ प्रॉक्टर द्वारा पिज्जा, कोल्ड ड्रिंक का बयान देने और विरोध करने पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज के खिलाफ सड़क पर उतरकर विरोध जताया।
महिला महाविद्यालय गेट पर छात्राओं ने चीफ प्रॉक्टर पर मनमानीपन का आरोप लगाया और नारेबाजी करते हुए उनका इस्तीफा मांगा। शाम 6 बजे से शुरू विरोध 9 बजे तक चला।
चीफ प्रॉक्टर ने गुरुवार को अपने कार्यालय पर धरना देने गए छात्र-छात्राओं पर तोड़फोड़, लूट, हत्या के प्रयास, मारपीट का मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें पांच छात्राओं का भी नाम शामिल था।
इधर इसके विरोध में महिला महाविद्यालय की छात्राओं का आक्रोश फूट गया। शनिवार सुबह से ही मोबाइल पर मैसेज भेजकर वह शाम 6 बजे महाविद्यालय गेट पर एकत्र होकर आवाज बुलंद करने की अपील की।
शाम 6 बजे 50 से अधिक छात्राएं गेट के सामने आगर धरने पर बैठ गई और चीफ प्रॉक्टर के विरोध में नारेबाजी करने लगी। इस दौरान मुकदमे को फर्जी बताते हुए उसे वापस करने, पिज्जा वाले बयान को झूठा, तानाशाही का आरोप लगाते हुए आजादी के नारे लगाए।
उस समय तो प्रो. रोयाना सिंह चीफ प्रॉक्टर भी नहीं थी, यहां तक कि धरना स्थल पर भी नहीं आई थी, ऐसे में पिज्जा, कोल्ड ड्रिंक का झूठा आरोप क्यों लगा रही हैं, समझ में नहीं आ रहा है। रात करीब आठ बजे महिला महाविद्यालय गेट से बीएचयू मुख्य द्वार के बाहर तक मार्च निकालकर आजादी के नारे भी लगाए।
विश्वविद्यालय में पांच दिन पहले चीफ प्रॉक्टर प्रो. रोयाना सिंह ने इलेक्ट्रानिक मीडिया के सामने विवादित बयान दिया था कि पिछले साल सितंबर माह में छात्रा से छेड़खानी के विरोध में धरना देने वाले छात्रों के लिए ट्रक से पिज्जा और कोल्ड ड्रिंक्स मंगाया गया था।
इसकी जानकारी होते ही धरना देने वाले छात्र-छात्राओं ने चीफ प्राक्टर कार्यालय पहुंचकर विरोध जताया। नाराज छात्र चीफ प्राक्टर से माफी की मांग पर अड़े थे।
इस पर दोनों पक्षों में गतिरोध बढ़ गया था। मामले में चीफ प्रॉक्टर ने 13 नामजद छात्रों समेत 25 के खिलाफ हत्या का प्रयास, मारपीट, तोड़फोड़ का मुकदमा दर्ज करा दिया।
वहीं छात्राओं को बीएचयू मुख्य द्वार के पास लंका एसओ ने समझाया। इस दौरान उन्होंने दर्ज मुकदमे की जानकारी देते हुए कहा कि किसी भी छात्र-छात्रा के साथ ज्यादती नहीं होगी। घटना के समय मै खुद वहां था, ऐसा नहीं है कि जो एफआईआर में लिखा है, उसके आधार पर ही कार्रवाई होगी।
चीफ प्रॉक्टर से सभी आरोपों का प्रमाण मांगा गया है। अगर दो-तीन दिन के भीतर लूट, मारपीट, हत्या के प्रयास आदि का कोई प्रमाण नहीं मिलता है तो एफआईआर समाप्त कर देंगे।
बीएचयू परिसर में छात्रों के बाद अब छात्राएं चीफ प्रॉक्टर प्रो. रोयाना सिंह से नाराज हो गई हैं। पिछले साल सितंबर में छेड़खानी के विरोध में धरने के दौरान चीफ प्रॉक्टर द्वारा पिज्जा, कोल्ड ड्रिंक का बयान देने और विरोध करने पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज के खिलाफ सड़क पर उतरकर विरोध जताया।
महिला महाविद्यालय गेट पर छात्राओं ने चीफ प्रॉक्टर पर मनमानीपन का आरोप लगाया और नारेबाजी करते हुए उनका इस्तीफा मांगा। शाम 6 बजे से शुरू विरोध 9 बजे तक चला।
चीफ प्रॉक्टर ने गुरुवार को अपने कार्यालय पर धरना देने गए छात्र-छात्राओं पर तोड़फोड़, लूट, हत्या के प्रयास, मारपीट का मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें पांच छात्राओं का भी नाम शामिल था।
इधर इसके विरोध में महिला महाविद्यालय की छात्राओं का आक्रोश फूट गया। शनिवार सुबह से ही मोबाइल पर मैसेज भेजकर वह शाम 6 बजे महाविद्यालय गेट पर एकत्र होकर आवाज बुलंद करने की अपील की।
शाम 6 बजे 50 से अधिक छात्राएं गेट के सामने आगर धरने पर बैठ गई और चीफ प्रॉक्टर के विरोध में नारेबाजी करने लगी। इस दौरान मुकदमे को फर्जी बताते हुए उसे वापस करने, पिज्जा वाले बयान को झूठा, तानाशाही का आरोप लगाते हुए आजादी के नारे लगाए।
उस समय तो प्रो. रोयाना सिंह चीफ प्रॉक्टर भी नहीं थी, यहां तक कि धरना स्थल पर भी नहीं आई थी, ऐसे में पिज्जा, कोल्ड ड्रिंक का झूठा आरोप क्यों लगा रही हैं, समझ में नहीं आ रहा है। रात करीब आठ बजे महिला महाविद्यालय गेट से बीएचयू मुख्य द्वार के बाहर तक मार्च निकालकर आजादी के नारे भी लगाए।
क्या है पूरा मामला
बीएचयू छात्राएं
- फोटो : अमर उजाला
विश्वविद्यालय में पांच दिन पहले चीफ प्रॉक्टर प्रो. रोयाना सिंह ने इलेक्ट्रानिक मीडिया के सामने विवादित बयान दिया था कि पिछले साल सितंबर माह में छात्रा से छेड़खानी के विरोध में धरना देने वाले छात्रों के लिए ट्रक से पिज्जा और कोल्ड ड्रिंक्स मंगाया गया था।
इसकी जानकारी होते ही धरना देने वाले छात्र-छात्राओं ने चीफ प्राक्टर कार्यालय पहुंचकर विरोध जताया। नाराज छात्र चीफ प्राक्टर से माफी की मांग पर अड़े थे।
इस पर दोनों पक्षों में गतिरोध बढ़ गया था। मामले में चीफ प्रॉक्टर ने 13 नामजद छात्रों समेत 25 के खिलाफ हत्या का प्रयास, मारपीट, तोड़फोड़ का मुकदमा दर्ज करा दिया।
वहीं छात्राओं को बीएचयू मुख्य द्वार के पास लंका एसओ ने समझाया। इस दौरान उन्होंने दर्ज मुकदमे की जानकारी देते हुए कहा कि किसी भी छात्र-छात्रा के साथ ज्यादती नहीं होगी। घटना के समय मै खुद वहां था, ऐसा नहीं है कि जो एफआईआर में लिखा है, उसके आधार पर ही कार्रवाई होगी।
चीफ प्रॉक्टर से सभी आरोपों का प्रमाण मांगा गया है। अगर दो-तीन दिन के भीतर लूट, मारपीट, हत्या के प्रयास आदि का कोई प्रमाण नहीं मिलता है तो एफआईआर समाप्त कर देंगे।