लोहता। मुसहर परिवारों को उजाड़ने पर जन संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को भट्ठी गांव का दौरा किया। प्रतिनिधिमंडल ने उत्पीड़न की रिपोर्ट मानवाधिकार आयोग और डीजीपी को भेज दी है। इधर, जमानत पर छूटने के बाद मुसहर परिवार की महिलाओं ने आदिवासी वनवासी कल्याण समिति के कार्यकर्ताओं को आपबीती सुनाई। समिति ने इसकी सूचना राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया को दी है।
भट्ठी गांव में सड़क किनारे वर्षों से प्लास्टिक की झोपड़ी डालकर रह रहे मुसहर परिवारों पर गुरुवार को दबंगों ने जबरन मारपीट कर उनका आशियाना उजाड़ दिया। हमले में चार महिलाएं घायल हो गईं। विडंबना यह कि पुलिस ने दबंगों पर कार्रवाई की बजाय मुसहर महिलाओं और पुुरुषों को घसीटकर थाने भेज दिया। दबाव पड़ने पर पुलिस ने दबंगों की तरफ से तीन लोगों को गिरफ्तार किया। शुक्रवार को सात महिलाएं जमानत पर छूट गईं। उनके साथ गिरफ्तार सुरेंद्र को एक अन्य मामले में जेल भेज दिया गया।
जनसंघर्ष मोर्चा के पूर्वांचल प्रवक्ता वीरेंद्र यादव के नेतृत्व में मौके पर पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया कि भूमि और खनन माफिया ने पुलिस से मिलकर मुसहरों को उजाड़ा है। इसके विरोध में जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में शामिल राजनारायन पटेल, योगीराज, सुरेश वर्मा, मुन्नू पहलवान, कृष्णा जायसवाल ने बताया कि उत्पीड़न संबंधी रिपोर्ट मुख्यमंत्री, मानवाधिकार आयोग और डीजीपी को भेजी गई है। पुलिस ने जबरदस्ती महिलाओं के साथ बच्चों को भी लाकअप में रखा था। जमानत पर छूटने के बाद मुसहर महिलाओं ने आदिवासी वनवासी कल्याण समिति की आशा वनवासी से मुलाकात की। आशा ने उन्हें मदद का भरोसा दिलाया। उनके साथ समिति के प्यारेलाल वनवासी, सितारे वनवासी और जानकी मौजूद थीं।
लोहता। मुसहर परिवारों को उजाड़ने पर जन संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को भट्ठी गांव का दौरा किया। प्रतिनिधिमंडल ने उत्पीड़न की रिपोर्ट मानवाधिकार आयोग और डीजीपी को भेज दी है। इधर, जमानत पर छूटने के बाद मुसहर परिवार की महिलाओं ने आदिवासी वनवासी कल्याण समिति के कार्यकर्ताओं को आपबीती सुनाई। समिति ने इसकी सूचना राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया को दी है।
भट्ठी गांव में सड़क किनारे वर्षों से प्लास्टिक की झोपड़ी डालकर रह रहे मुसहर परिवारों पर गुरुवार को दबंगों ने जबरन मारपीट कर उनका आशियाना उजाड़ दिया। हमले में चार महिलाएं घायल हो गईं। विडंबना यह कि पुलिस ने दबंगों पर कार्रवाई की बजाय मुसहर महिलाओं और पुुरुषों को घसीटकर थाने भेज दिया। दबाव पड़ने पर पुलिस ने दबंगों की तरफ से तीन लोगों को गिरफ्तार किया। शुक्रवार को सात महिलाएं जमानत पर छूट गईं। उनके साथ गिरफ्तार सुरेंद्र को एक अन्य मामले में जेल भेज दिया गया।
जनसंघर्ष मोर्चा के पूर्वांचल प्रवक्ता वीरेंद्र यादव के नेतृत्व में मौके पर पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया कि भूमि और खनन माफिया ने पुलिस से मिलकर मुसहरों को उजाड़ा है। इसके विरोध में जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में शामिल राजनारायन पटेल, योगीराज, सुरेश वर्मा, मुन्नू पहलवान, कृष्णा जायसवाल ने बताया कि उत्पीड़न संबंधी रिपोर्ट मुख्यमंत्री, मानवाधिकार आयोग और डीजीपी को भेजी गई है। पुलिस ने जबरदस्ती महिलाओं के साथ बच्चों को भी लाकअप में रखा था। जमानत पर छूटने के बाद मुसहर महिलाओं ने आदिवासी वनवासी कल्याण समिति की आशा वनवासी से मुलाकात की। आशा ने उन्हें मदद का भरोसा दिलाया। उनके साथ समिति के प्यारेलाल वनवासी, सितारे वनवासी और जानकी मौजूद थीं।