वाराणसी। डिजिटलीकरण के दौर में जहां रेलवे सभी निविदाएं ऑनलाइन आमंत्रित कर रहा है, वहीं पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल में अभी भी कामर्शियल ठेके परंपरागत तरीके (मैनुअली) से किए जा रहे हैं। सबसे ज्यादा पंचायत कामर्शियल के ठेके को लेकर ही होती है और पक्षपात का आरोप भी लगता है। बावजूद इसके मैनुअली ठेके किए जा रहे हैं। इस बाबत पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी का कहना है कि रेलवे के ज्यादातर ठेके ऑनलाइन किए जा रहे हैं। कामर्शियल ठेकों के लिए क्रिस ऐप तैयार कर रहा है। जल्द ही ये टेंडर भी ऑनलाइन हो जाएंगे।
दो पहिया, चार पहिया वाहन पार्किंग के ठेके को लेकर पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल कार्यालय पर बुधवार को जमकर बवाल हुआ। पूर्वोत्तर रेलवे, उत्तर रेलवे व डीरेका में भी टेंडर प्रक्रिया में वर्चस्व की लड़ाई को लेकर कई बार हंगामा होता रहा है। 10 मई 2016 में टेंडर प्रक्रिया को लेकर डीरेका परिसर में जमकर बवाल हुआ था। 14 लोगों को आरपीएफ ने रेलवे एक्ट और 29 लोगों को मंडुवाडीह पुलिस ने शांति भंग की आशंका में गिरफ्तार किया था।
लहरतारा स्थित पूर्वोत्तर रेलवे के मंडल कार्यालय पर बाहर की ओर सीसी कैमरे नहीं लगाए गए हैं। इसके चलते हंगामा करने वालों की पहचान नहीं हो सकी। इसको लेकर पुलिस प्रशासन को समस्या का सामना करना पड़ा।
वाराणसी। डिजिटलीकरण के दौर में जहां रेलवे सभी निविदाएं ऑनलाइन आमंत्रित कर रहा है, वहीं पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल में अभी भी कामर्शियल ठेके परंपरागत तरीके (मैनुअली) से किए जा रहे हैं। सबसे ज्यादा पंचायत कामर्शियल के ठेके को लेकर ही होती है और पक्षपात का आरोप भी लगता है। बावजूद इसके मैनुअली ठेके किए जा रहे हैं। इस बाबत पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी का कहना है कि रेलवे के ज्यादातर ठेके ऑनलाइन किए जा रहे हैं। कामर्शियल ठेकों के लिए क्रिस ऐप तैयार कर रहा है। जल्द ही ये टेंडर भी ऑनलाइन हो जाएंगे।
दो पहिया, चार पहिया वाहन पार्किंग के ठेके को लेकर पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल कार्यालय पर बुधवार को जमकर बवाल हुआ। पूर्वोत्तर रेलवे, उत्तर रेलवे व डीरेका में भी टेंडर प्रक्रिया में वर्चस्व की लड़ाई को लेकर कई बार हंगामा होता रहा है। 10 मई 2016 में टेंडर प्रक्रिया को लेकर डीरेका परिसर में जमकर बवाल हुआ था। 14 लोगों को आरपीएफ ने रेलवे एक्ट और 29 लोगों को मंडुवाडीह पुलिस ने शांति भंग की आशंका में गिरफ्तार किया था।
लहरतारा स्थित पूर्वोत्तर रेलवे के मंडल कार्यालय पर बाहर की ओर सीसी कैमरे नहीं लगाए गए हैं। इसके चलते हंगामा करने वालों की पहचान नहीं हो सकी। इसको लेकर पुलिस प्रशासन को समस्या का सामना करना पड़ा।