पुवायां (शाहजहांपुर)। पराली जलाने की घटनाएं बढ़ने पर प्रशासन सख्त हो गया है। अधिकारियों ने पराली जलाने से रोकने में शिथिलता पर करीब 60 कर्मचारियों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है। इनमें से अधिकांश को नोटिस थमाए गए हैं तो कई का वेतन रोक दिया गया है।
जिला स्तरीय तीन अधिकारियों से जवाब तलब भी किया गया है। जिले भर में अब तक पराली जलाने के 195 मामले सामने आ चुके हैं। एनजीटी की रोक के बाद भी पराली जलने से अफसर इसे कर्मचारियों की शिथिलता मान रहे हैं। पुवायां तहसील में सर्वाधिक मामले सामने आए हैं। अधिकांश मामले सेटेलाइट की तस्वीरों से सामने आए हैं। इसमें पुवायां में पराली जलाने की 42, बंडा में 96 और खुटार में 23 मामले सामने आए हैं। तीनों ब्लाकों के नोडल अधिकारियों को स्पष्टीकरण के लिए नोटिस जारी किए गए हैं।
यहां जमकर जलाई गई पराली
पराली जलने की अधिक घटनाओं वाली न्याय पंचायतों में नामित कुल 18 नोडल अधिकारियों में खुटार की न्याय पंचायत रूजहां कलां में तीन. सिल्हुआ में 16, रायपुर विचपुरी में तीन नरौठा हंसराम में एक, बंडा में 23, मोहद्दीनपुर में नौ, मुड़िॱरया कुर्मियात में 20, ररूआ में आठ, रनमस्तपुर बुजुर्ग में चार, देवकली में आठ, नभीची में चार, गुलड़िया भूपसिंह में 20, पुवायां की न्याय पंचायत बरखेड़ा खुर्द में दो, कंजा पुरैना में एक, जुझारपुर पैंतापुर में पांच, जेबां में छह, नाहिल में एक और गंगसरा में 27 घटनाएं सामने आई हैं।
कार्रवाई की जद में आए ये कर्मचारी
पराली जलाने के अधिक मामले होने के कारण 21 अधिकारियों सहित पुवायां तहसील में कृषि विभाग के 24 प्राविधिक सहायक, एटीएम, बीटीएम को स्पष्टीकरण हेतु नोटिस जारी किए गए हैं। साथ ही वेतन रोकने के निर्देश भी दिए गए हैं। अधिक घटनाओं वाली न्याय पंचायतों में कृषि विभाग के पांच कर्मचारियों को विभागीय कार्रवाई के लिए नोटिस जारी किया गया है। एसडीएम पुवायां ने दो लेखपालों का वेतन रोकने के साथ तीन लेखपालों को चार्जशीट और पांच लेखपालों को नोटिस जारी किया। एसडीएम सदर ने दो लेखपालों, एक कानूनगो का वेतन रोकने की कार्रवाई की है।
एडीएम वित्त एवं राजस्व त्रिभुवन सिंह ने बताया कि तहसीलों की ओर से 8514 कृषकों को नोटिस तामील कराए गए थे। किसानों ने घोषित किया है कि वह पराली नहीं जलाएंगे। कुल 2658 क्विंटल पराली गोशालाओं को भेजी गई है।