नहीं कराया गया प्रसव, परिवार वाले ले गए निजी अस्पताल
मिर्जापुर। स्वास्थ्य केन्द्र पर शनिवार को डॉक्टर और एएनएम की लापरवाही से प्रसव के बाद एक जच्चा-बच्चा की मृत्यु हो जाने और डॉक्टर के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज हो जाने के बाद भी स्वास्थ्य कर्मी नहीं चेते। सोमवार को भी स्वास्थ्य केन्द्र में प्रसव कराने आई महिला पांच घंटे तक लेबर रूम के सामने पीड़ा से तड़पती रही, किंतु किसी एएनएम या दाई ने उसका प्रसव नहीं करवाया। सरकारी सेवा से नाउम्मीद हो गए गर्भवती के परिवार वाले उसे निजी अस्पताल ले गए।
गांव थरिया निवासी तहरूद्दीन सुबह 11 बजे के करीब पत्नी परवीन को प्रसव कराने के लिए केन्द्र लेकर आया। ड्यूटी पर तैनात एएनएम माया देवी ने प्रसव कराने के लिए परवीन को पीड़ा बढ़ाने वाला इंजेक्शन लगा दिया। इसी बीच स्वास्थ्य शिक्षाधिकारी वीके शर्मा ने शनिवार को स्वास्थ्य केन्द्र में प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा की मृत्यु के मामले में एएनएम माया को निलंबित किए जाने का पत्र प्राप्त करने को कह दिया। फिर क्या? आरोप है कि निलंबन का नाम सुनते ही माया बौखला गयीं और परवीन को लेबर रूम से बाहर निकाल कर ताला लगा दिया। बेचारी परवीन पांच घंटे तक लेबर रूम के बाहर जमीन पर पड़ी प्रसव पीड़ा से तड़पती रही, किंतु किसी को भी उस पर दया नहीं आयी। हालांकि प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. आशिफ और एचईओ वीके शर्मा मोबाइल से अन्य एएनएम को बुलाते रहे। बार-बार डॉक्टर के बुलाने पर एएनएम कंचन दीक्षित तब आईं जब सरकारी सेवा से नाउम्मीद हो चुका तहरूद्दीन परवीन को टेंपो में लाद कर निजी अस्पताल लेकर चला गया।
000000000000
एएनएम माया निलंबित
शनिवार को डिलीवरी के बाद जच्चा-बच्चा की मौत के मामले में एएनएम माया देवी को निलंबित कर दिया गया है।
गांव कुतुलूपुर के श्रीपाल की बेटी गीता की डिलीवरी के बाद जच्चा-बच्चा की मौत के मामले में एएनएम माया देवी को सीएमओ ने दोषी मानते हुए सोमवार को निलंबित कर सीएचसी जलालाबाद से संबद्ध कर दिया है।