सहारनपुर। लोकसभा चुनाव में गठबंधन से बसपा प्रत्याशी की जीत का समीकरण कांग्रेस के घटे जनाधार से तय हुआ। 2014 के लोकसभा चुनाव और फिर 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जितना वोट मिला था, उतना वोट भी इस चुनाव में कांग्रेस हासिल नहीं कर सकी। वहीं, भाजपा ने पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव के मुकाबले हर विधानसभा सीट पर वोट तो बढ़ाए, लेकिन जीत की दहलीज पार नहीं कर सकी।
वर्ष 2014 में जब लोकसभा चुनाव हुआ था, तो कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद को 407909 वोट मिले थे, जबकि अब कांग्रेस प्रत्याशी को मिले हैं 207068 वोट। इस लिहाज से कांग्रेस प्रत्याशी के आधे वोट घट गए। वहीं, 2014 में भाजपा को 472999 मिले थे, जिनमें बढ़ोतरी कर भाजपा को अब 491722 वोट मिले हैं। उधर, विजयश्री हासिल करने वाली बसपा को 2014 में 235033 वोट मिले थे, जबकि अब 514139 वोट मिले हैं, जो 2014 के आंकड़े से दोगुना से भी ज्यादा हैं। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस के जितने वोट कम हुए, उसी अनुपात में बसपा के वोट बढ़ गए। जाहिर है कि कांग्रेस का वोट बसपा की तरफ ट्रांसफर हो गया, जो बसपा की जीत का आधार बना।
इसी तरह दो साल पहले 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में मिले वोटों को भी कांग्रेस संजोकर नहीं रख पाई। उस चुनाव में कांग्रेस और सपा का गठबंधन था, जिसमें बेहट, सहारनपुर देहात, देवबंद और रामपुर मनिहारान से कांग्रेस प्रत्याशी ही चुनाव लड़े थे, जबकि सहारनपुर नगर विधानसभा से सपा प्रत्याशी चुनाव लड़े थे। इनमें से बेहट से नरेश सैनी और सहारनपुर देहात से मसूद अख्तर जीते थे, तो सहारनपुर नगर में सपा प्रत्याशी संजय गर्ग जीते थे। चारों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को जितने वोट मिले थे, उतने वोट भी इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को नहीं मिल सके हैं। जबकि 2017 के चुनाव की तुलना में भाजपा और बसपा के वोट हर सीट पर बढ़े, सिर्फ देवबंद सीट पर भाजपा को 112 वोट कम हासिल हुए।
बेहट
पार्टी ----- विस चुनाव 2017 ----लोस चुनाव 2019 ---फायदा/नुकसान
बसपा --------- 71019--------------102693----------- 31674 वोट बढ़े
भाजपा -------- 71449-------------91278------------- 19829 वोट बढ़े
कांग्रेस -------- 97035--------------61221------------ 35814 वोट कम हुए
सहारनपुर देहात
पार्टी ----- विस चुनाव 2017 ----लोस चुनाव 2019 ---फायदा/नुकसान
बसपा -------- 74219-------------- 122304-------------48085 वोट बढ़े
भाजपा ------- 58451--------------70940---------------12489 वोट बढ़े
कांग्रेस ------- 87501---------------43369--------------44132 वोट कम हुए
सहारनपुर नगर
पार्टी ----- विस चुनाव 2017 ----लोस चुनाव 2019 ---फायदा/नुकसान
बसपा ---------17350----------------78001------------- 60651 वोट बढ़े
भाजपा --------122574--------------135840------------ 13266 वोट बढ़े
कांग्रेस/सपा---127210--------------- 55069 ----------- 72141 वोट कम हुए
देवबंद
पार्टी ----- विस चुनाव 2017 ----लोस चुनाव 2019 ---फायदा/नुकसान
बसपा -------- 72844---------------109028-------------36184 वोट बढ़े
भाजपा ------- 102244-------------102132------------- 112 वोट कम हुए
कांग्रेस --------45495---------------16771--------------28724 वोट कम हुए
रामपुर मनिहारान
पार्टी ----- विस चुनाव 2017 ----लोस चुनाव 2019 ---फायदा/नुकसान
बसपा -------- 75870---------------101242-------------25372 वोट बढ़े
भाजपा ------- 102244-------------89752------------- 13287 वोट बढ़े
कांग्रेस --------61787---------------30478--------------31309 वोट कम हुए
सहारनपुर। लोकसभा चुनाव में गठबंधन से बसपा प्रत्याशी की जीत का समीकरण कांग्रेस के घटे जनाधार से तय हुआ। 2014 के लोकसभा चुनाव और फिर 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जितना वोट मिला था, उतना वोट भी इस चुनाव में कांग्रेस हासिल नहीं कर सकी। वहीं, भाजपा ने पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव के मुकाबले हर विधानसभा सीट पर वोट तो बढ़ाए, लेकिन जीत की दहलीज पार नहीं कर सकी।
वर्ष 2014 में जब लोकसभा चुनाव हुआ था, तो कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद को 407909 वोट मिले थे, जबकि अब कांग्रेस प्रत्याशी को मिले हैं 207068 वोट। इस लिहाज से कांग्रेस प्रत्याशी के आधे वोट घट गए। वहीं, 2014 में भाजपा को 472999 मिले थे, जिनमें बढ़ोतरी कर भाजपा को अब 491722 वोट मिले हैं। उधर, विजयश्री हासिल करने वाली बसपा को 2014 में 235033 वोट मिले थे, जबकि अब 514139 वोट मिले हैं, जो 2014 के आंकड़े से दोगुना से भी ज्यादा हैं। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस के जितने वोट कम हुए, उसी अनुपात में बसपा के वोट बढ़ गए। जाहिर है कि कांग्रेस का वोट बसपा की तरफ ट्रांसफर हो गया, जो बसपा की जीत का आधार बना।
इसी तरह दो साल पहले 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में मिले वोटों को भी कांग्रेस संजोकर नहीं रख पाई। उस चुनाव में कांग्रेस और सपा का गठबंधन था, जिसमें बेहट, सहारनपुर देहात, देवबंद और रामपुर मनिहारान से कांग्रेस प्रत्याशी ही चुनाव लड़े थे, जबकि सहारनपुर नगर विधानसभा से सपा प्रत्याशी चुनाव लड़े थे। इनमें से बेहट से नरेश सैनी और सहारनपुर देहात से मसूद अख्तर जीते थे, तो सहारनपुर नगर में सपा प्रत्याशी संजय गर्ग जीते थे। चारों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को जितने वोट मिले थे, उतने वोट भी इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को नहीं मिल सके हैं। जबकि 2017 के चुनाव की तुलना में भाजपा और बसपा के वोट हर सीट पर बढ़े, सिर्फ देवबंद सीट पर भाजपा को 112 वोट कम हासिल हुए।
बेहट
पार्टी ----- विस चुनाव 2017 ----लोस चुनाव 2019 ---फायदा/नुकसान
बसपा --------- 71019--------------102693----------- 31674 वोट बढ़े
भाजपा -------- 71449-------------91278------------- 19829 वोट बढ़े
कांग्रेस -------- 97035--------------61221------------ 35814 वोट कम हुए
सहारनपुर देहात
पार्टी ----- विस चुनाव 2017 ----लोस चुनाव 2019 ---फायदा/नुकसान
बसपा -------- 74219-------------- 122304-------------48085 वोट बढ़े
भाजपा ------- 58451--------------70940---------------12489 वोट बढ़े
कांग्रेस ------- 87501---------------43369--------------44132 वोट कम हुए
सहारनपुर नगर
पार्टी ----- विस चुनाव 2017 ----लोस चुनाव 2019 ---फायदा/नुकसान
बसपा ---------17350----------------78001------------- 60651 वोट बढ़े
भाजपा --------122574--------------135840------------ 13266 वोट बढ़े
कांग्रेस/सपा---127210--------------- 55069 ----------- 72141 वोट कम हुए
देवबंद
पार्टी ----- विस चुनाव 2017 ----लोस चुनाव 2019 ---फायदा/नुकसान
बसपा -------- 72844---------------109028-------------36184 वोट बढ़े
भाजपा ------- 102244-------------102132------------- 112 वोट कम हुए
कांग्रेस --------45495---------------16771--------------28724 वोट कम हुए
रामपुर मनिहारान
पार्टी ----- विस चुनाव 2017 ----लोस चुनाव 2019 ---फायदा/नुकसान
बसपा -------- 75870---------------101242-------------25372 वोट बढ़े
भाजपा ------- 102244-------------89752------------- 13287 वोट बढ़े
कांग्रेस --------61787---------------30478--------------31309 वोट कम हुए