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रामपुर। सांसद आजम खां को तहसीलदार सदर की कोर्ट से एक और झटका लगा है। तहसीलदार की कोर्ट ने हमसफर रिसोर्ट में 0.038 हेक्टेयर जमीन को सरकारी (खाद के गड्ढे) मानते हुए इसे कब्जा मुक्त कराने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने राजस्व निरीक्षक को अवैध कब्जा हटाने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने इस मामले में 5.32 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
सांसद आजम खां की मुश्किलें कम नहीं हो पा रही हैं। जौहर यूनिवर्सिटी रोड पर उनका हमसफर रिसोर्ट है। यह रिसोर्ट उनकी पत्नी डॉ. तजीन फात्मा और दोनों पुत्रों अदीब और अब्दुल्ला आजम के नाम पर है। 2019 में हमसफर रिसोर्ट में सामुदायिक उपयोग की जमीन होने की जानकारी मिली थी। इसको लेकर भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय संयोजक आकाश सक्सेना ने शिकायत की थी, जिसके बाद प्रशासन ने हमसफर रिसोर्ट का निरीक्षण किया था। रिसोर्ट में सामुदायिक उपयोग की जमीनें होने की शिकायत पर जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी सदर को पूरे मामले की जांच सौंपी थी। इस पर राजस्व विभाग की टीम ने रिसोर्ट में जाकर जमीन की पैमाइश की थी। पैमाइश के दौरान टीम को यहां पर एक गाटे पर खाद का गड्ढे मिले, जबकि दो गाटों पर सरकारी रास्ता पाया गया था। एसडीएम ने मामले की रिपोर्ट डीएम को सौंपी थी। रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने एसडीएम को इस मामले में परिवाद दायर करने के निर्देश दिए थे, जिस पर तत्कालीन एसडीएम सदर प्रेम प्रकाश तिवारी ने खाद का गड्ढा होने के मामले में धारा 67 के तहत तहसीलदार सदर के न्यायालय में परिवाद दायर कराया।
मंगलवार को तहसीलदार सदर प्रमोद कुमार की कोर्ट ने परिवाद पर अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने प्रतिवादी की ओपत्ति को खारिज करते हुए रिसोर्ट में खाद के गड्ढों को स्वीकार किया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि खाता खतौनी संख्या 122, गाटा संख्या 164, रकबा 0.038 हेक्टेयर जमीन खाद के गड्ढों की जमीन है। इस पर अवैध किया गया है, इसे खाली कराया जाए। कोर्ट ने राजस्व निरीक्षक को अवैध कब्जा को मुक्त कराने का आदेश दिया है। साथ ही इस मामले में 5.32 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है और वाद व्यय के रूप में दस रुपये जमा कराने का आदेश दिया गया है।
अवैध कब्जा तुरंत हटवाए प्रशासन: आकाश
रामपुर। हमसफर रिसोर्ट में सरकारी जमीन होने की शिकायत करने वाले भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय संयोजक आकाश सक्सेना का कहना है कि तहसीलदार कोर्ट का फैसला आने के बाद प्रशासन अवैध कब्जा तुरंत खाली कराए। उनका कहना है कि रिसोर्ट में अन्य विभागों की सरकारी जगह है। इस मामले में भी नियमानुसार कार्रवाई होनी चाहिए।
क्या होते खाद के गड्ढे
रामपुर। खाद के गड्ढे की जमीन सरकारी होती है जो सार्वजनिक इस्तेमाल में होती है। इन गड्ढों में आसपास के गांवों के लोग कूड़ा डालते थे। बाद में कूड़े से खाद बन जाता था। जिसका इस्तेमाल फसलों में किया जाता है।
रामपुर। सांसद आजम खां को तहसीलदार सदर की कोर्ट से एक और झटका लगा है। तहसीलदार की कोर्ट ने हमसफर रिसोर्ट में 0.038 हेक्टेयर जमीन को सरकारी (खाद के गड्ढे) मानते हुए इसे कब्जा मुक्त कराने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने राजस्व निरीक्षक को अवैध कब्जा हटाने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने इस मामले में 5.32 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
सांसद आजम खां की मुश्किलें कम नहीं हो पा रही हैं। जौहर यूनिवर्सिटी रोड पर उनका हमसफर रिसोर्ट है। यह रिसोर्ट उनकी पत्नी डॉ. तजीन फात्मा और दोनों पुत्रों अदीब और अब्दुल्ला आजम के नाम पर है। 2019 में हमसफर रिसोर्ट में सामुदायिक उपयोग की जमीन होने की जानकारी मिली थी। इसको लेकर भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय संयोजक आकाश सक्सेना ने शिकायत की थी, जिसके बाद प्रशासन ने हमसफर रिसोर्ट का निरीक्षण किया था। रिसोर्ट में सामुदायिक उपयोग की जमीनें होने की शिकायत पर जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी सदर को पूरे मामले की जांच सौंपी थी। इस पर राजस्व विभाग की टीम ने रिसोर्ट में जाकर जमीन की पैमाइश की थी। पैमाइश के दौरान टीम को यहां पर एक गाटे पर खाद का गड्ढे मिले, जबकि दो गाटों पर सरकारी रास्ता पाया गया था। एसडीएम ने मामले की रिपोर्ट डीएम को सौंपी थी। रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने एसडीएम को इस मामले में परिवाद दायर करने के निर्देश दिए थे, जिस पर तत्कालीन एसडीएम सदर प्रेम प्रकाश तिवारी ने खाद का गड्ढा होने के मामले में धारा 67 के तहत तहसीलदार सदर के न्यायालय में परिवाद दायर कराया।
मंगलवार को तहसीलदार सदर प्रमोद कुमार की कोर्ट ने परिवाद पर अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने प्रतिवादी की ओपत्ति को खारिज करते हुए रिसोर्ट में खाद के गड्ढों को स्वीकार किया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि खाता खतौनी संख्या 122, गाटा संख्या 164, रकबा 0.038 हेक्टेयर जमीन खाद के गड्ढों की जमीन है। इस पर अवैध किया गया है, इसे खाली कराया जाए। कोर्ट ने राजस्व निरीक्षक को अवैध कब्जा को मुक्त कराने का आदेश दिया है। साथ ही इस मामले में 5.32 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है और वाद व्यय के रूप में दस रुपये जमा कराने का आदेश दिया गया है।
अवैध कब्जा तुरंत हटवाए प्रशासन: आकाश
रामपुर। हमसफर रिसोर्ट में सरकारी जमीन होने की शिकायत करने वाले भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय संयोजक आकाश सक्सेना का कहना है कि तहसीलदार कोर्ट का फैसला आने के बाद प्रशासन अवैध कब्जा तुरंत खाली कराए। उनका कहना है कि रिसोर्ट में अन्य विभागों की सरकारी जगह है। इस मामले में भी नियमानुसार कार्रवाई होनी चाहिए।
क्या होते खाद के गड्ढे
रामपुर। खाद के गड्ढे की जमीन सरकारी होती है जो सार्वजनिक इस्तेमाल में होती है। इन गड्ढों में आसपास के गांवों के लोग कूड़ा डालते थे। बाद में कूड़े से खाद बन जाता था। जिसका इस्तेमाल फसलों में किया जाता है।