सर्वे के लिए गठित कमेटी के सत्यापन के बाद कब्जेदारों को नोटिस भेजने की तैयारी
संवाद न्यूज एजेंसी
रायबरेली। ऐशबाग माइनर को अस्तित्व में लाने के लिए सिंचाई विभाग की ओर से चल रहा सर्वे का काम सोमवार को पूरा हो गया है। सर्वे में 90 से अधिक लोगों का कब्जा पाया गया। कहीं पर सड़क बनी है, तो कहीं घरों की चारदीवारी बनी पाई गई। विभागीय टीम के सर्वे और कब्जा हटाए जाने को लेकर लोगों में दहशत का माहौल है।
सिंचाई विभाग खंड दक्षिणी की ऐशबाग माइनर पर 30 साल से पहले से कब्जा है। अब तक माइनर का कब्जा नहीं हट पाया। सिंचाई विभाग ने कब्जा हटवाने और माइनर को अस्तित्व में लाने के लिए कवायद शुरू की है। माइनर पर कब्जा करने वालों की पहचान के लिए डीएम माला श्रीवास्तव के आदेश पर छह सदस्यीय टीम गठित की गई। टीम ने 23 जनवरी से सर्वे का काम शुरू हुआ, जो पूरा हो गया। रायबरेली माइनर से निकली ऐशबाग माइनर की लंबाई 3.300 किलोमीटर है। यह माइनर गणेश नगर से निकली है, जो मनिका रोड, नयापुरवा, फिरोज गांधी डिग्री कॉलेज, इंदिरा नगर, जेल गार्डेन, क्रांतिपुरी होते हुए जिला कारागार परिसर के कृषि फार्म तक गई है। इस माइनर से कृषि फाॅर्म में होने वाली फसलों की सिंचाई की जाती थी।
अधिशासी अभियंता हेमंत कुमार का कहना है कि 23 जनवरी से शुरू सर्वे 30 जनवरी को पूरा हो गया। इसमें 90 से अधिक लोगों का अतिक्रमण है। सूची तैयार कराई जा रही है। कमेटी के सदस्यों के हस्ताक्षर के बाद कब्जेदारों को नोटिस भेजा जाएगा।