दुराचारी को 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा
रायबरेली। कोर्ट ने दुराचारी को 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 60 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। इसकी आधी राशि पीड़िता को दिए जाने का आदेश दिया गया है। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी तृतीय इफराक अहमद ने मंगलवार को सुनाया।
अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करने वाले एडीजीसी क्रिमिनल नरेंद्र यादव के मुताबिक मामले की रिपोर्ट पीड़ित युवती ने कोतवाली नगर में दर्ज कराई थी। रिपोर्ट के अनुसार युवती ने 2007 में बीएससी पास किया था, तभी लखनऊ शहर के राजाजीपुरम निवासी अली असद उर्फ अकरम उसका गिरा हुआ मोबाइल देने उसके घर आया था। इसी बीच उसने अपने को बीटेक पास बताते हुए पीड़ित की मां से निकाह करने की बात कही। पीड़िता 20 अक्तूबर 2007 को लखनऊ गई थी, तब अली असद अपने परिवारीजनों से मिलाने की जिद कर उसे अपने आवास पर ले गया। वहां कोल्डड्रिंक में कोई नशीली चीज मिलाकर उसे बेहोश कर दिया और उसके साथ रेप किया। आरोपी ने उसकी आपत्तिजनक फोटो खींची तथा कुछ कागजातों पर जबरन हस्ताक्षर भी कराए। इसके बाद वह पीड़िता को बराबर ब्लैकमेल कर धमकी देता रहा। पुलिस ने विवेचना के बाद चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर अली असद उर्फ अकरम को धारा 328, 376, 506 आईपीसी के तहत दोष सिद्ध कर सजा सुनाई।