दुपहिया वाहन चालकों के साथ होने वाले अधिकांश सड़क हादसों में मौत का कारण सिर में घातक चोट लगना सामने आता है। कहते भी हैं कि अगर हेलमेट लगाया होता तो शायद जान बच जाती। लेकिन जागरूकता के बावजूद शहर में 65 प्रतिशत से ज्यादा दुपहिया वाहन चालक हेलमेट नहीं लगाते। इनमें ज्यादा संख्या युवाओं की है। बड़ी वजह लापरवाही है। अधिकांश युवा यह भी कहते हैं कि हेलमेट लगाने से हेयर स्टाइल बिगड़ जाएगा। ट्रैफिक पुलिस के हेलमेट अभियान के आंकड़ों में यह बात सामने आई है।
आंकड़ों के अनुसार साल 2017 में करीब 56 हजार दोपहिया वाहनों की चेकिंग में 23,207 दोपहिया वाहन चालकों के चालान हेलमेट न पहनने के कारण किए गए। 70 चालकों के डीएल निरस्तीकरण की रिपोर्ट आरटीओ भेजी गई। इस साल में 15 अक्तूबर तक 45 हजार दोपहिया वाहनों की चेकिंग में 30,946 चालकों ने हेलमेट नहीं पहना था।
हेलमेट से बच सकती थी जान
दौराला निवासी 30 वर्षीय युवक की बाइक को एक वाहन ने टक्कर मारी। सड़क पर गिरे युवक की सिर में गंभीर चोट लगने से मौत हो गई थी। कंकरखेड़ा हाईवे पर दिल्ली के दो कांवड़ियों की सड़क हादसे में मौत हुई थी। इन दोनों ने भी हेलमेट नहीं लगाया था। गढ़ रोड और लावड़ रोड पर बाइक सवार दो युवकों की मौत का कारण हेलमेट न लगाना माना गया।
बिना हेलमेट चालान
वर्ष 2017 -23207
वर्ष 2018 से अब तक -30,946
65 प्रतिशत से ज्यादा दुपहिया वाहन चालक नहीं लगाते हेलमेट शहर में
मौत का आंकड़ा
वर्ष 2017 :1040 सड़क हादसे, 417 लोगों की मौत, 808 घायल
वर्ष 2018 : 784 हादसे, 329 लोगों की मौत, 567 घायल (15 अक्तूबर तक)
100 रुपये का चालान कटवाने में नहीं दिक्कत, भले ही जान चली जाए
जोखिम भरा सफर
दोपहिया वाहन पर बिना हेलमेट चालक और पीछे बैठने वाला भी सुरक्षित नहीं है। हादसों के कई कारण हैं। हेलमेट जरूर लगाएं।
-डॉ. प्रदीप कृष्ण आत्रेय, रोड सेफ्टी एक्सपर्ट
जागरूकता की ज्यादा जरूरत
पुलिस चालान काटते समय भविष्य में हेलमेट लगाने की हिदायत देती है। दुपहिया वाहन चालकों को खुद ही जागरूक होना होगा
-संजीव वाजपेयी, एसपी ट्रैफिक
युवा मानसिकता बदलें
अधिकांश युवा समझते हैं कि हेलमेट लगाएंगे तो उनका हेयर स्टाइल बिगड़ जाएगा। युवा तय करें कि जीवन जरूरी है या स्टाइल।
-डॉ. विभा नागर, मनोचिकित्सक, जिला अस्पताल
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दुपहिया वाहन चालकों के साथ होने वाले अधिकांश सड़क हादसों में मौत का कारण सिर में घातक चोट लगना सामने आता है। कहते भी हैं कि अगर हेलमेट लगाया होता तो शायद जान बच जाती। लेकिन जागरूकता के बावजूद शहर में 65 प्रतिशत से ज्यादा दुपहिया वाहन चालक हेलमेट नहीं लगाते। इनमें ज्यादा संख्या युवाओं की है। बड़ी वजह लापरवाही है। अधिकांश युवा यह भी कहते हैं कि हेलमेट लगाने से हेयर स्टाइल बिगड़ जाएगा। ट्रैफिक पुलिस के हेलमेट अभियान के आंकड़ों में यह बात सामने आई है।
आंकड़ों के अनुसार साल 2017 में करीब 56 हजार दोपहिया वाहनों की चेकिंग में 23,207 दोपहिया वाहन चालकों के चालान हेलमेट न पहनने के कारण किए गए। 70 चालकों के डीएल निरस्तीकरण की रिपोर्ट आरटीओ भेजी गई। इस साल में 15 अक्तूबर तक 45 हजार दोपहिया वाहनों की चेकिंग में 30,946 चालकों ने हेलमेट नहीं पहना था।
हेलमेट से बच सकती थी जान
दौराला निवासी 30 वर्षीय युवक की बाइक को एक वाहन ने टक्कर मारी। सड़क पर गिरे युवक की सिर में गंभीर चोट लगने से मौत हो गई थी। कंकरखेड़ा हाईवे पर दिल्ली के दो कांवड़ियों की सड़क हादसे में मौत हुई थी। इन दोनों ने भी हेलमेट नहीं लगाया था। गढ़ रोड और लावड़ रोड पर बाइक सवार दो युवकों की मौत का कारण हेलमेट न लगाना माना गया।