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सरलता है सबसे बड़ा धर्म : भारतभूषण
हस्तिनापुर। प्राचीन नगरी में स्थित कैलाश पर्वत दिगंबर जैन मंदिर में 48 दिवसीय भक्तामर विधान एवं पाठ के आठवें दिन मंगलवार को विधानाचार्य सुदीप शास्त्री ने मांगलिक मंत्रों से क्रियाओं का शुभारंभ किया।
स्वर्ण कलश से अभिषेक करने का सौभाग्य शिरीश जैन, श्रेयांश जैन तथा शांतिधारा का सौभाग्य जीवेंद्र जैन, सुशील जैन को प्राप्त हुआ। दीप प्रज्ज्वलन शशीबाला जैन, अनुपमा जैन ने किया। सुनीता दीदी ने शांतिधारा का उच्चारण किया। देव-शास्त्र-गुरु, आदिनाथ भगवान की पूजा के बाद तीर्थंकरों को 48 अर्घ्य चढ़ाए गए। 81 परिवारों की ओर से विधान का आयोजन कराया गया।
आचार्य 108 भारतभूषण मुनिराज ने कहा कि सरलता ही सबसे बड़ा धर्म है। आचार्य मानतुंगाचार्य के गुणों का बखान करते हुए कहा कि यह संसार एक मेला है। जिसके झमेले में सभी फंसे हुए हैं। यदि गुरु की अंगुली पकड़कर चलेंगे तो इस मेले में भटकने से बच जाएंगे। एकमात्र संत ही हमें दुर्गुणों, बीमारी एवं अभिशाप से बचाते हैं। विधान का विसर्जन सलिल जैन ने किया। पंच परमेष्ठी की आरती का दीप प्रज्ज्वलन सुनीता जैन, आदिनाथ भगवान की आरती का दीप प्रज्ज्वलन रेखा जैन व नेहा जैन तथा चौबीसों भगवान की आरती का दीप प्रज्ज्वलन गुरुकुल के बच्चों ने किया। इस मौके पर क्षेत्र के अध्यक्ष विनोद जैन, महामंत्री मुकेश जैन, कोषाध्यक्ष राजेंद्र जैन, सह संयोजक मोतीलाल जैन, मुकेश जैन, भूषण स्वरूप, मुकेश जैन, प्रमोद जैन, विनय जैन का सहयोग रहा।
आत्मिक आनंद की अनुभूति के लिए भोजन जरूरी: प्रणम्य सागर
हस्तिनापुर। दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में आचार्य श्री 108 विद्यासागर महाराज के परम शिष्य योग प्रणेता मुनि प्रणम्य सागर, मुनि चंद्रसागर महाराज, आचार्य भारत भूषण महाराज ससंघ एवं आचार्य निषंक भूषण महाराज विराजमान हैं।
आचार्य प्रणम्य सागर ने कहा कि बिना भोजन के शरीर शिथिल हो जाता है। यदि दीर्घकाल तक भोजन ना मिले तो शरीर नष्ट भी हो जाता है। इस बात को सब लोग भलीभांति जानते हैं। आत्मा को भोजन दिए बिना आत्मिक आनंद की अनुभूति नहीं हो सकती है। आत्मा का पूर्ण भोजन है सकल, संयम का पालन करना और नाश्ता देने का आश्रय है अणुव्रतों को अंगीकार करना। भक्तों को संयमी बनने से नहीं डरना चाहिए। अपूर्व साहस के साथ संयम पथ पर चलना चाहिए। आत्मा के भोजन स्वरूप संयम को अवश्य ही अंगीकार करें। तीर्थ क्षेत्र कमेटी के महामंत्री मुकेश जैन, उपाध्यक्ष जीवेंद्र जैन, कोषाध्यक्ष राजेंद्र कुमार जैन, मंत्री राजीव जैन एवं विजय कुमार जैन, जितेंद्र जैन, विनय कुमार जैन आदि रहे।