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मथुरा। नगर पालिका की पहली बोर्ड बैठक के प्रस्तावों पर विरोध और अल्पमत में होने के बावजूद स्वीकृति दिए जाने पर शासन ने जिला प्रशासन कोे जांच के आदेश दिए हैं। इस पर जांच अधिकारी एडीएम कानून व्यवस्था ने चेयरमैन सहित 24 सभासदों को नोटिस जारी किए हैं। सभी से अपना पक्ष रखने को कहा गया है।
मथुरा नगर पालिका की पहली बोर्ड बैठक एक सितंबर 2012 को हुई थी। इसमें सात प्रस्ताव रखे गए थे। इसमें करीब 13 करोड़ रुपये के पुराने भुगतान का प्रस्ताव भी शामिल था। इसमें अधिकांश प्रस्तावों का बहुमत से विपक्ष ने विरोध किया। चंद मिनटों में ही हंगामे के कारण बैठक पूरी हो गई लेकिन पालिका प्रशासन ने सभी प्रस्तावों को स्वीकृत दर्शा दिया।
इसकी शिकायत पहले जिला प्रशासन से की गई। शपथ पत्र भी दिए लेकिन यहां टालमटोल को देख शिकायती पत्र मुख्यमंत्री को भेजा गया। इस पर विशेष सचिव नगर विकास ने डीएम को जांच के आदेश दिए। डीएम ने जांच की जिम्मेदारी एडीएम कानून व्यवस्था को सौंप दी।
अब एडीएम कानून व्यवस्था अरुण कुमार ने विपक्षी सभासदों से 29 जनवरी तक साक्ष्यों सहित अपना पक्ष रखने को कहा है। इधर, जांच अधिकारी ने पहली बोर्ड बैठक के संदर्भ में पालिकाध्यक्ष से भी जवाब मांगा है। इसमें पालिकाध्यक्ष पर आरोप लगाया गया है कि पालिका के कर्मचारी, अधिकारी और ठेकेदारों से सांठगांठ कर मनमाने तरीके से बहुमत न होने पर भी प्रस्ताव पारित कर लिए गए। इसका जवाब तत्काल पालिकाध्यक्ष से मांगा गया है।
मथुरा। नगर पालिका की पहली बोर्ड बैठक के प्रस्तावों पर विरोध और अल्पमत में होने के बावजूद स्वीकृति दिए जाने पर शासन ने जिला प्रशासन कोे जांच के आदेश दिए हैं। इस पर जांच अधिकारी एडीएम कानून व्यवस्था ने चेयरमैन सहित 24 सभासदों को नोटिस जारी किए हैं। सभी से अपना पक्ष रखने को कहा गया है।
मथुरा नगर पालिका की पहली बोर्ड बैठक एक सितंबर 2012 को हुई थी। इसमें सात प्रस्ताव रखे गए थे। इसमें करीब 13 करोड़ रुपये के पुराने भुगतान का प्रस्ताव भी शामिल था। इसमें अधिकांश प्रस्तावों का बहुमत से विपक्ष ने विरोध किया। चंद मिनटों में ही हंगामे के कारण बैठक पूरी हो गई लेकिन पालिका प्रशासन ने सभी प्रस्तावों को स्वीकृत दर्शा दिया।
इसकी शिकायत पहले जिला प्रशासन से की गई। शपथ पत्र भी दिए लेकिन यहां टालमटोल को देख शिकायती पत्र मुख्यमंत्री को भेजा गया। इस पर विशेष सचिव नगर विकास ने डीएम को जांच के आदेश दिए। डीएम ने जांच की जिम्मेदारी एडीएम कानून व्यवस्था को सौंप दी।
अब एडीएम कानून व्यवस्था अरुण कुमार ने विपक्षी सभासदों से 29 जनवरी तक साक्ष्यों सहित अपना पक्ष रखने को कहा है। इधर, जांच अधिकारी ने पहली बोर्ड बैठक के संदर्भ में पालिकाध्यक्ष से भी जवाब मांगा है। इसमें पालिकाध्यक्ष पर आरोप लगाया गया है कि पालिका के कर्मचारी, अधिकारी और ठेकेदारों से सांठगांठ कर मनमाने तरीके से बहुमत न होने पर भी प्रस्ताव पारित कर लिए गए। इसका जवाब तत्काल पालिकाध्यक्ष से मांगा गया है।