फसली ऋण लेने वालों का ही होगा कर्जा माफ
ऋण के गलत इस्तेमाल पाए जाने पर नहीं मिलेगा लाभ
अमर उजाला ब्यूरो
ललितपुर।
योगी सरकार किसानी कर रहे अन्नदाताओं को ही कर्जमाफी योजना का फायदा दिलाने की तैयारी में जुटी है। शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि जिन किसानों ने क्राप लोन लिया है, उनका ही कर्जा माफ किया जाएगा। यदि ऋण का गलत जगह इस्तेमाल हुआ है तो उसे इसका लाभ नहीं दिया जाए। बैंकों ने इसकी पड़ताल आरंभ कर दी है।
बुंदेलखंड के किसानों की मालीहालत किसी से छिपी नहीं है। इसके पीछे वजह प्रकृति की मार है। पिछले कई वर्षों से यहां के किसान अतिवृष्टि, ओलावृष्टि और सूखे की मार झेलते आ रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपत्ति झेल रहे किसानों का कर्जमाफ करने की घोषणा की है। इसमें जिले के करीब 90 हजार अस्सी किसान चिह्नित हुए हैं। जिस पर शासन का 352.615 करोड़ रुपये व्यय होने का अनुमान है। उधर, जिला कृषि अधिकारी बृजेश कुमार का कहना है कि जिले के लघु, सीमांत कर्जदार किसानों का डेटा पहले ही लॉक किया जा चुका है। इसकी सूची बैंकों को भेजी गई है। बैंक अपने स्तर से चिह्नित किसानों की पात्रता की पड़ताल करा रही हैं। यह देखा जा रहा है कि जो ऋण लिया गया है, उसका इस्तेमाल कृषि कार्य या अन्य जगह इस्तेमाल हुआ है। यदि कृषि ऋण का इस्तेमाल मकान बनाने, वाहन खरीदने या अन्य कार्य में पाया गया तो ऐसे कृषक कर्ज माफी योजना के लाभ से वंचित हो जाएंगे। जिन किसानों के आधार कार्ड व मोबाइल नंबर सबसे पहले फीड हो जाएंगे और उनकी खसरा, खतौनी भी सही पाई जाएगी, ऐसे किसानों को सबसे पहले लाभान्वित किया जाएगा।
आधार लिंक होने पर पकड़ में आएगी गड़बड़ी
कृषकों के आधार कार्ड लिंक कराए जा रहे हैं। जैसे ही आधार कार्ड लिंक होगा, वैसे ही उसकी जमीन का सिजरा खुल जाएगा। यदि किसी ने खसरा, खतौनी में हेराफेरी की है तो उसका आसानी से पता चल जाएगा। जो कृषक आधार कार्ड उपलब्ध नहीं कराएंगे, उनकी भूमि का सत्यापन राजस्व कर्मियों के माध्यम से कराया जाएगा। इस तरह कर्जमाफी योजना को पारदर्शी बनाने की कोशिश की गई है।