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लखीमपुर खीरी। खाद्य सुरक्षा औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने 2020 में दिवाली के दौरान अभियान में खाद्य पदार्थों के 45 नमूने जांच के लिए लैब को भेजे थे, जिनकी रिपोर्ट चार माह बाद भी नहीं आई है। इससे मिलावटखोरों पर अंकुश लगाने की कवायद आगे नहीं बढ़ पा रही है। वहीं इस मामले में पूरी तरह लैब की लापरवाही सामने आ रही है, जिसे 14 दिन में नमूनों की जांच कर रिपोर्ट देनी होती है। अब अगले माह मार्च में होली आने को है, जिससे पहले मिलावटखोरी रोकने के लिए अभियान चलाया जाएगा।
मिलावटखोरों पर कार्रवाई के लिए लैब रिपोर्ट ही आधार होती है, लेकिन लैब से रिपोर्ट न मिलने से कार्रवाई नहीं हो पा रही है। एफएसडीए ने दिवाली के दौरान मिठाई, तेल, कचरी-पापड़ समेत कुल 45 नमूने जांच के लिए लखनऊ व मेरठ की लैब भेजे थे। इसके बाद भी अलग-अलग महीनों में नमूने भरकर जांच के लिए लैब भेजे जा चुके हैं। फरवरी 2021 में भी विशेष सर्विलांस के तहत 54 नमूनेे भरकर भेजे जा चुके हैं।
विभागीय अधिकारी के मुताबिक, 14 दिन के अंदर लैब में नमूनों की जांच किए जाने का प्रावधान है, जिसके बाद लैब द्वारा रिपोर्ट एफएसडीए कार्यालय को उपलब्ध कराई जाती है। दिवाली में भरे गए नमूनों को भेजे हुए चार माह बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक रिपोर्ट नहीं आई हैं। इससे मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही है और मिलावटखोरों को भी लैब की लापरवाही फलने-फूलने का अवसर दे रही है।
दिवाली के समय 45 नमूने जांच के लिए लैब भेजे गए थे, जिनकी रिपोर्ट अभी लैब से प्राप्त नहीं हुई है। इस संबंध में लैब को सूचना भेजी गई है, लेकिन अभी कोई जवाब नहीं आया है। हालांकि बाद में भेजे गए कुछ नमूनों की रिपोर्ट प्राप्त हुई हैं।
- कौशलेंद्र शर्मा, अभिहित अधिकारी, एफएसडीए
लखीमपुर खीरी। खाद्य सुरक्षा औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने 2020 में दिवाली के दौरान अभियान में खाद्य पदार्थों के 45 नमूने जांच के लिए लैब को भेजे थे, जिनकी रिपोर्ट चार माह बाद भी नहीं आई है। इससे मिलावटखोरों पर अंकुश लगाने की कवायद आगे नहीं बढ़ पा रही है। वहीं इस मामले में पूरी तरह लैब की लापरवाही सामने आ रही है, जिसे 14 दिन में नमूनों की जांच कर रिपोर्ट देनी होती है। अब अगले माह मार्च में होली आने को है, जिससे पहले मिलावटखोरी रोकने के लिए अभियान चलाया जाएगा।
मिलावटखोरों पर कार्रवाई के लिए लैब रिपोर्ट ही आधार होती है, लेकिन लैब से रिपोर्ट न मिलने से कार्रवाई नहीं हो पा रही है। एफएसडीए ने दिवाली के दौरान मिठाई, तेल, कचरी-पापड़ समेत कुल 45 नमूने जांच के लिए लखनऊ व मेरठ की लैब भेजे थे। इसके बाद भी अलग-अलग महीनों में नमूने भरकर जांच के लिए लैब भेजे जा चुके हैं। फरवरी 2021 में भी विशेष सर्विलांस के तहत 54 नमूनेे भरकर भेजे जा चुके हैं।
विभागीय अधिकारी के मुताबिक, 14 दिन के अंदर लैब में नमूनों की जांच किए जाने का प्रावधान है, जिसके बाद लैब द्वारा रिपोर्ट एफएसडीए कार्यालय को उपलब्ध कराई जाती है। दिवाली में भरे गए नमूनों को भेजे हुए चार माह बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक रिपोर्ट नहीं आई हैं। इससे मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही है और मिलावटखोरों को भी लैब की लापरवाही फलने-फूलने का अवसर दे रही है।
दिवाली के समय 45 नमूने जांच के लिए लैब भेजे गए थे, जिनकी रिपोर्ट अभी लैब से प्राप्त नहीं हुई है। इस संबंध में लैब को सूचना भेजी गई है, लेकिन अभी कोई जवाब नहीं आया है। हालांकि बाद में भेजे गए कुछ नमूनों की रिपोर्ट प्राप्त हुई हैं।
- कौशलेंद्र शर्मा, अभिहित अधिकारी, एफएसडीए