गौरव शुक्ला, अमर उजाला, कानपुर
Updated Wed, 25 Jul 2018 08:57 AM IST
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
भारत माता के वीर सपूत और शहीद क्रांतिकारी चंद्रशेखर तिवारी 'आजाद' के जीवन की असली कहानी पहली बार बड़े पर्दे पर सबके सामने आएगी। इसी साल 14 सितंबर 2018 को 26 भाषाओं में रिलीज हो रही आजाद की बायोपिक फिल्म ‘राष्ट्रपुत्र’ में आजाद और उनके परिवार की हालत कैसी थी ये सभी को फिल्म के माध्यम से बताया जाएगा। इसके अलावा आजाद हिंद फौज में 'आजाद' टाइटल क्यों दिया गया यह पहली बार लोगों को दिखाया जाएगा। यह जानकारी फिल्म के लेखक व निर्देशक आजाद ने दी।
आजाद मूल रूप से वाराणसी के रहने वाले हैं। वह आजाद से इतना ज्यादा प्रभावित थे कि उन्होंने अपना नाम आजाद ही रख लिया। आजाद ने बताया कि उन्होंने ‘राष्ट्रपुत्र’ फिल्म की शूटिंग इलाहाबाद, लखनऊ, उन्नाव, झांसी में की थी। इसके अलावा फिल्म में कई सीन कानपुर के दिखाए जाएंगे जिस समय भगत सिंह की मुलाकात आजाद से होती है तब मशहूर पत्रकार और क्रांतिकारी गणेश शंकर विद्यार्थी देश की आजादी के लिए क्या रणनीतियां बनाते थे, ये सब कुछ फिल्म में दिखाया जाएगा।
सोमवार 23 जुलाई को चंद्रशेखर आजाद की 112 वीं जयंती पर फिल्म स्टूडियो बॉम्बे टॉकीज ने ‘राष्ट्रपुत्र’ की रिलीज की घोषणा की। ‘राष्ट्रपुत्र’ चंद्रशेखर आज़ाद के व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारित है।
सैनिक स्कूल, नासिक के छात्र लेखक-निर्देशक और अभिनेता आजाद ने चंद्रशेखर आज़ाद की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। बॉम्बे टॉकीज ने अपनी बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘‘राष्ट्रपुत्र’’ के मोशन पोस्टर का विमोचन किया और साथ ही ‘राष्ट्रपुत्र’ के वैश्विक रिलीज़ डेट के रूप में हिंदी दिवस 14 सितम्बर 2018 की घोषणा की।बॉम्बे टॉकीज़ करीब छह दशकों के अंतराल के बाद गिरीश घनश्याम दुबे के नेतृत्व में दोबारा सक्रिय होकर ‘राष्ट्रपुत्र’ के माध्यम से पुनरागमन कर रहा है। ’राष्ट्रपुत्र’ सैनिक विद्यालय के छात्र आज़ाद के द्वारा लिखित-निर्देशित-अभिनीत फिल्म है। यह फिल्म केवल भारत ही नहीं विदेश में भी रिलीज की जा रही है।
भारत माता के वीर सपूत और शहीद क्रांतिकारी चंद्रशेखर तिवारी 'आजाद' के जीवन की असली कहानी पहली बार बड़े पर्दे पर सबके सामने आएगी। इसी साल 14 सितंबर 2018 को 26 भाषाओं में रिलीज हो रही आजाद की बायोपिक फिल्म ‘राष्ट्रपुत्र’ में आजाद और उनके परिवार की हालत कैसी थी ये सभी को फिल्म के माध्यम से बताया जाएगा। इसके अलावा आजाद हिंद फौज में 'आजाद' टाइटल क्यों दिया गया यह पहली बार लोगों को दिखाया जाएगा। यह जानकारी फिल्म के लेखक व निर्देशक आजाद ने दी।
आजाद मूल रूप से वाराणसी के रहने वाले हैं। वह आजाद से इतना ज्यादा प्रभावित थे कि उन्होंने अपना नाम आजाद ही रख लिया। आजाद ने बताया कि उन्होंने ‘राष्ट्रपुत्र’ फिल्म की शूटिंग इलाहाबाद, लखनऊ, उन्नाव, झांसी में की थी। इसके अलावा फिल्म में कई सीन कानपुर के दिखाए जाएंगे जिस समय भगत सिंह की मुलाकात आजाद से होती है तब मशहूर पत्रकार और क्रांतिकारी गणेश शंकर विद्यार्थी देश की आजादी के लिए क्या रणनीतियां बनाते थे, ये सब कुछ फिल्म में दिखाया जाएगा।
सोमवार 23 जुलाई को चंद्रशेखर आजाद की 112 वीं जयंती पर फिल्म स्टूडियो बॉम्बे टॉकीज ने ‘राष्ट्रपुत्र’ की रिलीज की घोषणा की। ‘राष्ट्रपुत्र’ चंद्रशेखर आज़ाद के व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारित है।
विदेश में भी रिलीज होगी 'राष्ट्रपुत्र'
अभिनेता आजाद, फिल्म 'राष्ट्रपुत्र' के एक सीन में
सैनिक स्कूल, नासिक के छात्र लेखक-निर्देशक और अभिनेता आजाद ने चंद्रशेखर आज़ाद की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। बॉम्बे टॉकीज ने अपनी बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘‘राष्ट्रपुत्र’’ के मोशन पोस्टर का विमोचन किया और साथ ही ‘राष्ट्रपुत्र’ के वैश्विक रिलीज़ डेट के रूप में हिंदी दिवस 14 सितम्बर 2018 की घोषणा की।बॉम्बे टॉकीज़ करीब छह दशकों के अंतराल के बाद गिरीश घनश्याम दुबे के नेतृत्व में दोबारा सक्रिय होकर ‘राष्ट्रपुत्र’ के माध्यम से पुनरागमन कर रहा है। ’राष्ट्रपुत्र’ सैनिक विद्यालय के छात्र आज़ाद के द्वारा लिखित-निर्देशित-अभिनीत फिल्म है। यह फिल्म केवल भारत ही नहीं विदेश में भी रिलीज की जा रही है।