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Corona Vaccination: Doctors have done more vaccine trial on their own children, waiting for permission for two years
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Corona Vaccination: डॉक्टरों ने अपने बच्चों पर ज्यादा कराया वैक्सीन का ट्रायल, दो साल के लिए अनुमति का इंतजार
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: प्रभापुंज मिश्रा
Updated Fri, 18 Jun 2021 12:22 AM IST
सार
ट्रायल में जिन बच्चों को वैक्सीन लगी है उनके डॉक्टर मां-बाप खुद भी कोवाक्सिन के बड़ों के ट्रायल में आगे रहकर वैक्सीन लगवाई थी।
ट्रायल में बच्चे को वैक्सीन लगाते चीफ इन्वेस्टिगेटर प्रो वी एन त्रिपाठी
- फोटो : amar ujala
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कानपुर में स्वदेशी वैक्सीन कोवाक्सिन का पीडियाट्रिक ट्रायल सबसे ज्यादा डॉक्टरों के बच्चों पर किया गया है। शहर के अलावा लखनऊ के डॉक्टर भी अपने बच्चों को लेकर आए और वैक्सीन लगवाई। दिलचस्प यह है कि जिन बच्चों को वैक्सीन लगी है उनके डॉक्टर मां-बाप खुद भी कोवाक्सिन के बड़ों के ट्रायल में आगे रहकर वैक्सीन लगवाई थी।
डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेेशन ही एक मात्र तरीका है। इससे हर्ड इम्युनिटी पैदा होगी जिससे रोग से बचाव होगा। प्रदेश मेें कोवाक्सिन का ट्रायल सिर्फ कानपुर मेें हुआ है। आर्यनगर स्थित प्रखर अस्पताल में 37 बच्चों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। इनमें 12 से 18 साल आयु वर्ग के 20 और छह से 12 साल आयु वर्ग के 17 वॉलंटियर को वैक्सीन लगी है।
अब बारी दो साल से छह साल के बीच के वॉलंटियर की है। इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) का पत्र आते ही वैक्सीनेशन शुरू कर दिया जाएगा। दोनों ट्रायल मेें डॉक्टर परिवार आगे रहे हैं। वैक्सीन ट्रायल के प्रमुख डॉ. जेएस कुशवाहा का कहना है कि 80 फीसदी बच्चे डॉक्टरों के रहे हैं। इनमें कई ने बड़ों के ट्रायल में वैक्सीन लगवाई थी। अब पीडियाट्रिक ट्रायल में अपने बच्चों को लगवा रहे हैं।
विस्तार
कानपुर में स्वदेशी वैक्सीन कोवाक्सिन का पीडियाट्रिक ट्रायल सबसे ज्यादा डॉक्टरों के बच्चों पर किया गया है। शहर के अलावा लखनऊ के डॉक्टर भी अपने बच्चों को लेकर आए और वैक्सीन लगवाई। दिलचस्प यह है कि जिन बच्चों को वैक्सीन लगी है उनके डॉक्टर मां-बाप खुद भी कोवाक्सिन के बड़ों के ट्रायल में आगे रहकर वैक्सीन लगवाई थी।
डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेेशन ही एक मात्र तरीका है। इससे हर्ड इम्युनिटी पैदा होगी जिससे रोग से बचाव होगा। प्रदेश मेें कोवाक्सिन का ट्रायल सिर्फ कानपुर मेें हुआ है। आर्यनगर स्थित प्रखर अस्पताल में 37 बच्चों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। इनमें 12 से 18 साल आयु वर्ग के 20 और छह से 12 साल आयु वर्ग के 17 वॉलंटियर को वैक्सीन लगी है।
अब बारी दो साल से छह साल के बीच के वॉलंटियर की है। इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) का पत्र आते ही वैक्सीनेशन शुरू कर दिया जाएगा। दोनों ट्रायल मेें डॉक्टर परिवार आगे रहे हैं। वैक्सीन ट्रायल के प्रमुख डॉ. जेएस कुशवाहा का कहना है कि 80 फीसदी बच्चे डॉक्टरों के रहे हैं। इनमें कई ने बड़ों के ट्रायल में वैक्सीन लगवाई थी। अब पीडियाट्रिक ट्रायल में अपने बच्चों को लगवा रहे हैं।
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