पनकी पुलिस ने बिकरू कांड के आरोपियों दहशतगर्द विकास दुबे और उसके साथियों को शरण देने वाले 25 हजार के इनामी कानपुर देहात के मंगलपुर करिया झाला गांव निवासी अर्पित तिवारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पकड़े गए आरोपी ने दहशतगर्द और उसके साथियों को खेत के पास बने ट्यूबवेल के कमरे में शरण दी थी। पुलिस को उसकी काफी दिनों से तलाश थी।
दो जुलाई वर्ष 2020 को विकास दुबे ने अपने साथियों संग मिलकर सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी। हत्याकांड के बाद विकास दुबे अपने साथी अमर दुबे, प्रभात मिश्रा व अन्य के साथ मौके से भागकर कानपुर देहात के मंगलपुर करिया झाला गांव निवासी अर्पित तिवारी के पास पहुंचा था।
जहां अर्पित ने सभी को अपने खेत के पास बने ट्यूबवेल के कमरे में एक रात के लिए शरण दी थी। यहां अर्पित ने खाने पीने से लेकर सोने तक की व्यवस्था की थी। दूसरे दिन सुबह विकास अपने साथियों के साथ असलहा लेकर कार से फरार हुआ था। इसके बाद से अर्पित फरार था। पिछले साल जब एसटीएफ ने विकास दुबे से जुड़े हथियारों की तस्करी का मामला पकड़ा तो उसकी फरारी की कहानी भी सामने आई थी। इसके बाद से पुलिस को अर्पित की तलाश थी।
पुलिस ने अर्पित को उसके ही गांव से गिरफ्तार कर 19 जनवरी को जेल भेज दिया था। पनकी इंस्पेक्टर अंजन कुमार सिंह ने बताया कि जेल भेजा गया आरोपी विकास व उसके साथियों की भागने में मदद किया था। जिस पर 25 हजार का इनाम घोषित था।
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पनकी पुलिस ने बिकरू कांड के आरोपियों दहशतगर्द विकास दुबे और उसके साथियों को शरण देने वाले 25 हजार के इनामी कानपुर देहात के मंगलपुर करिया झाला गांव निवासी अर्पित तिवारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पकड़े गए आरोपी ने दहशतगर्द और उसके साथियों को खेत के पास बने ट्यूबवेल के कमरे में शरण दी थी। पुलिस को उसकी काफी दिनों से तलाश थी।
दो जुलाई वर्ष 2020 को विकास दुबे ने अपने साथियों संग मिलकर सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी। हत्याकांड के बाद विकास दुबे अपने साथी अमर दुबे, प्रभात मिश्रा व अन्य के साथ मौके से भागकर कानपुर देहात के मंगलपुर करिया झाला गांव निवासी अर्पित तिवारी के पास पहुंचा था।
जहां अर्पित ने सभी को अपने खेत के पास बने ट्यूबवेल के कमरे में एक रात के लिए शरण दी थी। यहां अर्पित ने खाने पीने से लेकर सोने तक की व्यवस्था की थी। दूसरे दिन सुबह विकास अपने साथियों के साथ असलहा लेकर कार से फरार हुआ था। इसके बाद से अर्पित फरार था। पिछले साल जब एसटीएफ ने विकास दुबे से जुड़े हथियारों की तस्करी का मामला पकड़ा तो उसकी फरारी की कहानी भी सामने आई थी। इसके बाद से पुलिस को अर्पित की तलाश थी।
पुलिस ने अर्पित को उसके ही गांव से गिरफ्तार कर 19 जनवरी को जेल भेज दिया था। पनकी इंस्पेक्टर अंजन कुमार सिंह ने बताया कि जेल भेजा गया आरोपी विकास व उसके साथियों की भागने में मदद किया था। जिस पर 25 हजार का इनाम घोषित था।
25 हजार के इनामी अर्पित तिवारी ने बिकरू कांड के आरोपियों को शरण दी थी।