कानपुर। कई दिनों से दौड़ाने के बावजूद जब खरीद नहीं हुई तो क्षुब्य युवक ने अपने गेहूं के बोरों में आग लगा दी। घाटमपुर के साढ़ केंद्र में इससे अफरातफरी मच गई। वहां मौजूद लोगों ने जल्द आग बुझाई। सूचना पर पहुंचे अफसरों ने युवक का गेहूं तौलवाया। युवक ने केंद्र प्रभारी पर गाली-गलौज कर जान से मारने की धमकी देने के मामलों में रिपोर्ट दर्ज कराई है। वहीं शासन ने मामले को संज्ञान में लेते हुए केंद्र प्रभारी को निलंबित कर दिया है।
ग्राम तिवारीपुर (साढ़) निवासी अमित उर्फ टिंकू यादव अपना गेहूं बेचने को 15 दिन से क्रय केंद्र के चक्कर लगा रहा था। आरोप है कि केंद्र प्रभारी विजय सिंह यादव उसे रोज टरका रहे थे। शुक्रवार को वह फिर किराए के ट्रैक्टर में गेहूं लदवाकर केंद्र पहुंचा था। केंद्र प्रभारी ने फिर उसे दो दिन बाद आने को कहा। इससे नाराज अमित ने गेहूं के बोरों पर डीजल डालकर आग लगा दी। इससे ट्राली में लदे गेहूं के बोरे जलने लगे। अन्य किसानों और केंद्र केे कर्मियों ने भागकर आग बुझाई। तब तक करीब चार-पांच बोरे और उनमें भरा गेहूं जल गया। सूचना पर पुलिस, एसडीएम घाटमपुर केपी सिंह और एडीएम आपूर्ति विवेक पांडेय पहुंचे। अफसरों ने अमित यादव के बचे हुए 31 कुंतल गेहूं की तौल कराई और उसे क्रय केंद्र में बिक्री करवाया।
किसने क्या कहा
केंद्र प्रभारी विजय प्रति कुंतल 85 रुपये कमीशन मांग कर रहा था। नहीं देने पर दौड़ाया जा रहा था। रोज-रोज ट्रैक्टर लाने से भाड़ा देना पड़ रहा था। -अमित यादव पीड़ित
समिति से गोदाम तक गेहूं ले जाने और गोदाम में रखवाने पर 80 से लेकर 100 रुपये प्रति कुंतल वसूली होती है। अमित ने पूर्व नियोजित योजना के तहत ड्रामा किया है। दबाव और आरोपों में काम करने की जगह मैं निलंबित होना पसंद करूंगा। -विजय सिंह यादव केंद्र प्रभारी
साढ़ खरीद केंद्र के प्रभारी विजय यादव के खिलाफ किसानों की शिकायतें जायज हैं। निलंबन की कार्रवाई हो गई है। अन्य आरोपों की जांच भी होगी। -विवेक कुमार पांडेय, एडीएम आपूर्ति
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दिक्कत पर करें शिकायत
अपना गेहूं जलाना किसी समस्या का समाधान नहीं है। इसमें आपका ही नुकसान है। अगर किसी को खरीद केंद्र पर कोई परेशानी होती है तो वह जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी आरबी पांडेय से शिकायत कर सकता है। इसके लिए मोबाइल नंबर-9450961329 पर संपर्क करें।
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दो टूक---
जिलाधिकारी एमपी अग्रवाल
1-मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों के बावजूद आज भी गेहूं खरीद केंद्रों पर अव्यवस्थाओं का आलम है। इस पर रोक क्यों नहीं लग रही?
-क्षेत्रों में एसडीएम, एडीएम आपूर्ति समेत अन्य अफसर निरीक्षण कर व्यवस्थाएं कर रहे हैं। जहां गड़बड़ी मिल रही है वहां पर संबंधित लोगों पर कार्रवाई की जा रही है।
2-केंद्रों पर बोरों की दिक्कत है। किसानों को कई-कई दिन गेहूं बिक्री के लिए खड़ा रहना पड़ता है। इससे उन्हें अतिरिक्त भाड़ा खर्च करना पड़ता है। इस ओर ध्यान क्यों नहीं दिया जा रहा है?
-बोरों की दिक्कत दूर कर दी गई है। अब किसी केंद्र पर यह समस्या नहीं है, समय से खरीद के बंदोबस्त है। अगर किसी किसान को कोई दिक्कत है तो वह एसडीएम या एडीएम आपूर्ति से शिकायत कर सकता है।
3-साढ़ में परेशान अमित ने गेहूं को आग लगा दी। यह उदाहरण है कि किसानों को कितनी दिक्कतें आ रही हैं। व्यवस्था क्यों नहीं सुधर रही?
-देखिए मैं बाहर हूं। इस बारे में और बात करनी है तो एडीएम आपूर्ति से बात कर लें।