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जलालाबाद(कन्नौज)। कृषि विज्ञान केंद्र अनौगी पर शुक्रवार को पचपुखरा, डिगसरा व जमला गांव की 25 कृषक महिलाओं के लिए मशरूम उत्पादन व प्रसंस्करण तकनीक पर प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। महिलाओं को ऑयस्टर व बटन मशरूम के पैदावार की तकनीकी जानकारी दी गई। इक्कीस महिलाओं को ऑयस्टर मशरूम के बीज का वितरण भी किया गया।
केंद्र की महिला वैज्ञानिक डॉ. पूनम सिंह ने बताया कि मशरूम का उत्पादन व उपभोग कुपोषण दूर करने के साथ ही महिलाओं की आय बढ़ा कर उनको स्वावलंबी बनाने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने बताया की मशरूम में प्रोटीन के साथ-साथ अनेक विटामिन, खनिज लवण व खाद्य रेशा बहुतायत में पाया जाता है। मशरूम ही एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जिसमे सूरज से मिलने वाला विटामिन डी भी पाया जाता है। यह महिलाओं व बच्चों की मजबूत हड्डियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह अनेकों शारीरिक बीमारियों जैसे हृदय रोग, कब्ज, कैंसर, मोटापा, मधुमेह आदि में अत्यंत लाभदायक है। ऑयस्टर मशरूम का उत्पादन के लिए खेत की आवश्यकता नहीं होती है। इसे घर पर उपलब्ध भूसे पर किसी कमरे में उगाकर महिलाएं तीन गुना तक मुनाफा कमा सकती हैं।
मशरूम के तुड़ाई उपरांत प्रबंधन व विपणन की जानकारी के लिए कानपुर के ज्ञान एग्रो वर्ल्ड के ज्ञान प्रकाश सचान की ओर से कृषक महिलाओं से प्रसंस्करण व विपणन कि बारीकियों पर चर्चा की गई। प्रशिक्षण में केंद्र के पशुपालन वैज्ञानिक डॉ. शशिकांत ने महिलाओं की प्रशिक्षण में भागीदारी व तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता जरूरी है। मौसम वैज्ञानिक अमरेंद्र यादव ने कहा कि मशरूम उत्पादन में वातावरण के तापमान व आर्द्रता का विशेष महत्व है। प्रशिक्षण में केंद्र के अमित प्रताप सिंह, अनीता कटियार व प्रदीप कटियार भी उपस्थित रहे।
जलालाबाद(कन्नौज)। कृषि विज्ञान केंद्र अनौगी पर शुक्रवार को पचपुखरा, डिगसरा व जमला गांव की 25 कृषक महिलाओं के लिए मशरूम उत्पादन व प्रसंस्करण तकनीक पर प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। महिलाओं को ऑयस्टर व बटन मशरूम के पैदावार की तकनीकी जानकारी दी गई। इक्कीस महिलाओं को ऑयस्टर मशरूम के बीज का वितरण भी किया गया।
केंद्र की महिला वैज्ञानिक डॉ. पूनम सिंह ने बताया कि मशरूम का उत्पादन व उपभोग कुपोषण दूर करने के साथ ही महिलाओं की आय बढ़ा कर उनको स्वावलंबी बनाने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने बताया की मशरूम में प्रोटीन के साथ-साथ अनेक विटामिन, खनिज लवण व खाद्य रेशा बहुतायत में पाया जाता है। मशरूम ही एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जिसमे सूरज से मिलने वाला विटामिन डी भी पाया जाता है। यह महिलाओं व बच्चों की मजबूत हड्डियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह अनेकों शारीरिक बीमारियों जैसे हृदय रोग, कब्ज, कैंसर, मोटापा, मधुमेह आदि में अत्यंत लाभदायक है। ऑयस्टर मशरूम का उत्पादन के लिए खेत की आवश्यकता नहीं होती है। इसे घर पर उपलब्ध भूसे पर किसी कमरे में उगाकर महिलाएं तीन गुना तक मुनाफा कमा सकती हैं।
मशरूम के तुड़ाई उपरांत प्रबंधन व विपणन की जानकारी के लिए कानपुर के ज्ञान एग्रो वर्ल्ड के ज्ञान प्रकाश सचान की ओर से कृषक महिलाओं से प्रसंस्करण व विपणन कि बारीकियों पर चर्चा की गई। प्रशिक्षण में केंद्र के पशुपालन वैज्ञानिक डॉ. शशिकांत ने महिलाओं की प्रशिक्षण में भागीदारी व तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता जरूरी है। मौसम वैज्ञानिक अमरेंद्र यादव ने कहा कि मशरूम उत्पादन में वातावरण के तापमान व आर्द्रता का विशेष महत्व है। प्रशिक्षण में केंद्र के अमित प्रताप सिंह, अनीता कटियार व प्रदीप कटियार भी उपस्थित रहे।