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सोमवार की रात नवाबाद थाना क्षेत्र के स्टेशन मार्ग पर फ्लावर कंपाउंड स्थित आनंद लॉज के कमरा नंबर 12 में सोमवार की रात उत्तर पश्चिम दिल्ली में रहने वाले एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। युवक दिल्ली की एक नल फैक्ट्री में काम करता था और सामान का ऑर्डर लेने झांसी आया था। फोरेंसिक टीम ने नमूने लिए। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
उत्तर पश्चिम दिल्ली के लिवासपुर समयपुर बादली की गली नंबर 20 निवासी मयंक अग्रवाल (35) नल फैक्ट्री में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत थे। विगत 13 फरवरी को वह व्यापारियों से कंपनी का ऑर्डर लेने झांसी आए थे। यहां उन्होंने स्टेशन मार्ग पर फ्लावर कंपाउंड स्थित आनंद लॉज में चार सौ रुपये दिन के हिसाब से कमरा नंबर 12 ले रखा था।
सोमवार की रात उन्होंने कमरे में लगी सीमेंट की जाली में कपड़े का फंदा बनाया। पलंग के ऊपर स्टूल रखा और इसके बाद फंदे पर झूल गए। मंगलवार की सुबह सफाई कर्मचारी ने दरवाजा खटखटाया, लेकिन काफी देर तक न खुलने पर वह चला गया। जब 11 बजे तक कमरे का दरवाजा नहीं खुला तो मैनेजर दीपचंद्र्र ने जानकारी पुलिस को दी।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने कुंडी को तोड़ा। कमरे में मयंक का शव फंदे पर लटक रहा था। घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए मेडिकल कॉलेज भेज दिया। देर रात तक पुलिस परिजनों के आने का इंतजार कर रही थी। इस मामले में नवाबाद प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार मिश्र ने बताया कि मयंक आठ फरवरी को भी झांसी आया था और दो दिन इसी लॉज में आकर ठहरा था। उसका मोबाइल कहां गया? इसका पता किया जा रहा है।
नहीं मिला मोबाइल, पर्ची पर लिखे मिले नंबर
पुलिस को कमरे में मयंक का मोबाइल नहीं मिला। वह पलंग पर एक पर्ची जरूर लिखकर छोड़ गए, जिसमें पत्नी मोनिका, बहन प्रियंका, मां ममता, साली शिवानी का मोबाइल नंबर लिखा था।
परिवार में हैं ये लोग
मयंक के पिता माया प्रकाश अग्रवाल की तीन साल पहले मृत्यु हो चुकी है। वे मां, पत्नी, तीन साल की बेटी व बहन के साथ दिल्ली में रह रहे थे। दूरभाष पर ससुर प्रेम कुमार शाह ने बताया कि उनकी बेटी के साथ साढ़े चार साल पहले मयंक की शादी हुई थी। हादसे का पता लगने के बाद से वे सदमे में हैं। धीरे- धीरे पता लग रहा है कि गौरव ने कई जगह से पैसा ले रखा था। मगर उसने जिक्र कभी नहीं किया।
सोमवार की रात नवाबाद थाना क्षेत्र के स्टेशन मार्ग पर फ्लावर कंपाउंड स्थित आनंद लॉज के कमरा नंबर 12 में सोमवार की रात उत्तर पश्चिम दिल्ली में रहने वाले एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। युवक दिल्ली की एक नल फैक्ट्री में काम करता था और सामान का ऑर्डर लेने झांसी आया था। फोरेंसिक टीम ने नमूने लिए। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
उत्तर पश्चिम दिल्ली के लिवासपुर समयपुर बादली की गली नंबर 20 निवासी मयंक अग्रवाल (35) नल फैक्ट्री में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत थे। विगत 13 फरवरी को वह व्यापारियों से कंपनी का ऑर्डर लेने झांसी आए थे। यहां उन्होंने स्टेशन मार्ग पर फ्लावर कंपाउंड स्थित आनंद लॉज में चार सौ रुपये दिन के हिसाब से कमरा नंबर 12 ले रखा था।
सोमवार की रात उन्होंने कमरे में लगी सीमेंट की जाली में कपड़े का फंदा बनाया। पलंग के ऊपर स्टूल रखा और इसके बाद फंदे पर झूल गए। मंगलवार की सुबह सफाई कर्मचारी ने दरवाजा खटखटाया, लेकिन काफी देर तक न खुलने पर वह चला गया। जब 11 बजे तक कमरे का दरवाजा नहीं खुला तो मैनेजर दीपचंद्र्र ने जानकारी पुलिस को दी।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने कुंडी को तोड़ा। कमरे में मयंक का शव फंदे पर लटक रहा था। घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए मेडिकल कॉलेज भेज दिया। देर रात तक पुलिस परिजनों के आने का इंतजार कर रही थी। इस मामले में नवाबाद प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार मिश्र ने बताया कि मयंक आठ फरवरी को भी झांसी आया था और दो दिन इसी लॉज में आकर ठहरा था। उसका मोबाइल कहां गया? इसका पता किया जा रहा है।
नहीं मिला मोबाइल, पर्ची पर लिखे मिले नंबर
पुलिस को कमरे में मयंक का मोबाइल नहीं मिला। वह पलंग पर एक पर्ची जरूर लिखकर छोड़ गए, जिसमें पत्नी मोनिका, बहन प्रियंका, मां ममता, साली शिवानी का मोबाइल नंबर लिखा था।
परिवार में हैं ये लोग
मयंक के पिता माया प्रकाश अग्रवाल की तीन साल पहले मृत्यु हो चुकी है। वे मां, पत्नी, तीन साल की बेटी व बहन के साथ दिल्ली में रह रहे थे। दूरभाष पर ससुर प्रेम कुमार शाह ने बताया कि उनकी बेटी के साथ साढ़े चार साल पहले मयंक की शादी हुई थी। हादसे का पता लगने के बाद से वे सदमे में हैं। धीरे- धीरे पता लग रहा है कि गौरव ने कई जगह से पैसा ले रखा था। मगर उसने जिक्र कभी नहीं किया।