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अंधाधुंध बिजली कटौती से बढ़ रहा जनाक्रोश
रात की कटौती बनी मुसीबत का सबब
महरौनी (ललितपुर)।
सूबे के मुखिया द्वारा प्रदेश वासियों को 24 घंटे बिजली देने के दावे किये जा रहे हैं, लेकिन हकीकत में ये दावे खोखले साबित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने जनपद मुख्यालय पर 24, तहसील मुख्यालय पर 20 और ग्रामीण क्षेत्र में 18 घंटे बिजली देने का फरमान सुनाया था। खासतौर से रात में बिजली कटौती न करने के सख्त निर्देश दिये थे। लेकिन इन आदेशों को धता बताकर क्षेत्र में अंधाधुंध बिजली कटौती की जा रही है।
विद्युत उपखंड महरौनी से जुड़े कस्बा सहित ग्रामीण फीडर सैदपुर, क्योलारी, सिलावन और सुनवाहा पर आपूर्ति के लिए निर्भर उपभोक्ताओं को मनमानी अघोषित बिजली कटौती की वजह से दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। गत कुछ दिनों से क्षेत्र में बिजली कटौती काफी बढ़ गई है, जिससे क्षेत्रवासी बेहाल हैं। कस्बा महरौनी में जहां 20 घंटे आपूर्ति मिलनी चाहिए, लेकिन यहां औसतन 12-14 घंटे बिजली ही नसीब हो पा रही है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्र में 10 घंटे बिजली मिल रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री के दावे बेअसर साबित हो रहे हैं। सबसे ज्यादा परेशानी रात की अघोषित बिजली कटौती से है। उमस भरी गर्मी और मच्छरों के प्रकोप से लोग परेशान हैं। रात को बिजली कटने से बच्चों के बिलखने की आवाजें गूंजती रहती हैं। लोग बीमार हो रहे हैं। लोगों की दिनचर्या अस्त व्यस्त हो गई है और अवसाद के शिकार हो रहे हैं। इस समस्या को लेकर जनाक्रोश बढ़ रहा है। बिजली कटौती से परेशान लोगों का कहना है कि नयी सरकार से उनको काफी उम्मीदें थी कि अब क्षेत्र में अच्छी बिजली आपूर्ति मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बिजली आपूर्ति व्यवस्था की बदहाली से ही पिछली प्रदेश सरकार की लुटिया डूबी थी।
दो दिन से विकराल हुई समस्या
महरौनी। पिछले दो दिन से बिजली कटौती काफी बढ़ गई है, जिससे क्षेत्रवासियों की परेशानियों में काफी इजाफा हुआ है। विद्युत उपकेंद्र महरौनी से जिम्मेदार कर्मचारियों का कहना है कि उनको 132 केवी लाईन से निर्धारित रोस्टर के अनुसार बिजली नहीं मिल रही है, जिसका नियंत्रण पनकी कंट्रोल रूम से होता है। इमरजेंसी कटौती का मेसेज आ रहा है। रात की बिजली कटौती बढ़ने से सभी व्याकुल हैं। बिजली कटौती होने से पावर हाऊस महरौनी के कंट्रोल रूप पर फोन घनघनाने लगते हैं। लेकिन स्थानीय विद्युत कर्मी रटा रटाया जवाब दे रहे हैं कि आपूर्ति ऊपर से बंद है। इसके अलावा बार-बार लाईन फाल्ट होने पर सुधार कार्यों के लिए भी बिजली काटनी पड़ रही है। इससे कोढ़ में खाज जैसी स्थिति बन रही है और पर्याप्त बिजली आपूर्ति नहीं मिल पा रही है। मंगलवार रात को महज ढाई घंटे बिजली ही क्षेत्रवासियों को नसीब हुई। वहीं, बुधवार को भी बिजली की आंख मिचौली चलती रही। इस वजह से घरों में पानी की समस्या सहित लोगों के अन्य कामकाज व व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। लोगों के इनवर्टर भी चार्ज नहीं हो पा रहे हैं। आक्रोशित नागरिकों का सब्र अब जवाब दे रहा है और क्षेत्रवासियों ने शीघ्र ही इस मनमानी कटौती को रोकने की मांग की है।
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क्या हुआ तेरा वादा..
विद्युत उपकेंद्र महरौनी से इन दिनों बहुत कम बिजली आपूर्ति मिल रही है। रात की कटौती लोगों को रुला रही है। मुख्यमंत्री के वादे हवा हवाई साबित हो रहे हैं। विडंबना यह है कि विधायक प्रदेश सरकार के मंत्री भी हैं, लेकिन फिर भी क्षेत्रवासियों को पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही हैं। अगर यही हाल रहा तो क्षेत्रवासियों का जनाक्रोश ज्वालामुखी बनकर फूटेगा।
वरुण प्रताप सिंह, महरौनी
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जनप्रतिनिधि नहीं कर रहे पहल
बिजली लोगों की बुनियादी जरूरत बन गई है। लेकिन अफसोस की बात है कि क्षेत्रवासियों को पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है। अंधाधुंध बिजली कटौती ने जीना मुहाल कर दिया है। यह समस्या गहराती जा रही है, जिससे आम-खास सभी वर्ग परेशान हैं और क्षेत्रवासियों में आक्रोश है। दुर्भाग्य की बात है कि जनप्रतिनिधियों द्वारा इस जनसमस्या के समाधान के लिए कोई पहल नहीं हो रही है।
राजेश श्रीवास्तव, बार संघ सचिव महरौनी
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दिन भर में छह घंटे मिली बिजली
नगर में आज दिन भर में महज लगभग छह घंटे से ज्यादा बिजली नहीं मिली है। इससे व्यवसाय पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। घरेलू कार्य भी ठप पडे़ हैं। उमस भरी गर्मी में बिजली के बिना बहुत दिक्कत हो रही है। बरसाती कीड़े मकोड़े निकल रहे हैं, जिनका भय बना हुआ है। बिजली व्यवस्था बदहाल होने से बिजली विभाग और सरकार को कोस रहे हैं।
सौरभ सिंघई महरौनी
वर्जन
ऊपर से हो रही कटौती
प्रदेश में बिजली संकट के चलते निर्धारित रोस्टर के अनुसार आपूर्ति नहीं मिल पा रही है। लगभग सभी जगह यही हाल है। विद्युत उपकेंद्र महरौनी को जितनी बिजली मिल रही है, उसी के अनुसार क्षेत्र को आपूर्ति दी जा रही है। स्थानीय स्तर से कोई कटौती नहीं की जा रही है।
सौरभ पटैरिया, एसडीओ विद्युत