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National Youth Day: हाथरस के स्टेशन मास्टर बने थे स्वामी विवेकानंद के पहले शिष्य, बनने के लिए दी अजीब परीक्षा
अमर उजाला नेटवर्क, हाथरस
Published by: चमन शर्मा
Updated Thu, 12 Jan 2023 05:31 AM IST
सार
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स्वामी विवेकानंद के मानने वालों की संख्या देश में ही नहीं विदेश में भी हैं, पर उनका पहला शिष्य कौन था, कैसे वह स्वामी जी का शिष्य बना, यह कम ही लोगों को पता होगा। विवेकानंद जी का पहला शिष्य हाथरस से थे, जो एक स्टेशन मास्टर थे। स्वामी सदानंद ने पहले शिष्य बनने के लिए एक अजीब परीक्षा दी थी।
स्वामी विवेकानंद के पहले शिष्य हाथरस के शरतचंद्र गुप्ता
- फोटो : साेशल मीडिया
शायद ही किसी को पता होगा कि स्वामी विवेकानंद के पहले शिष्य हाथरस के एक स्टेशन मास्टर थे। 135 साल पहले स्वामी जी ने शरतचंद्र गुप्ता को गुरू दीक्षा दी थी, जिसके बाद वह स्वामी सदानंद बन गए थे।
युवाओं के प्रेरणास्रोत और आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद की आज जयंती है। इसे पूरा देश राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में भी मनाता है। हाथरस से भी स्वामी विवेकानंद का गहरा नाता रहा है। स्वामी विवेकानंद ने अपना पहला शिष्य हाथरस में ही तत्कालीन स्टेशन मास्टर को बनाया था और उन्हें गुरु दीक्षा दी थी। यह सहायक स्टेशन मास्टर शरतचंद्र गुप्ता बाद में स्वामी सदानंद बने और उन्होंने रामकृष्ण मिशन के लिए काफी काम किया।
ऐसे बने पहले शिष्य
बृज की द्वार देहरी कही जाने वाली हाथरस नगरी से युवाओं के प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद का भी खास नाता है। 12 जनवरी 1863 को स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ था। 135 साल पहले वर्ष 1888 में स्वामी जी जब वृंदावन से हरिद्वार जा रहे थे तो वह हाथरस सिटी रेलवे स्टेशन पर रुके थे। उस समय रेलवे स्टेशन के सहायक स्टेशन मास्टर शरतचंद्र गुप्ता स्वामी जी के व्यक्तित्व से प्रभावित हुए। उन्होंने स्वामी जी का शिष्य बनने की इच्छा जताई।
ये दी अजीब परीक्षा
गुरुदीक्षा देने से पहले स्वामी जी ने उनकी परीक्षा ली। इस परीक्षा में शरद चंद्र गुप्ता पास हो गए। परीक्षा में सहायक स्टेशन मास्टर को अपने ही स्टेशन के कुलियों से भिक्षा मांगनी पड़ी। इस परीक्षा में शरतचंद्र पास हो गए और स्वामी जी ने उन्हें अपना शिष्य बना लिया। शरतचंद्र ने नौकरी छोड़ दी और स्वामी जी के साथ चले गए। उन्होंने अपना नाम बदल लिया और वह शरतचंद्र से स्वामी सदानंद हो गए। स्वामी सदानंद ने स्वामी विवेेकानंद के उपदेशों का काफी प्रचार-प्रसार किया और रामकृष्ण मिशन के काफी कार्य किया।
कई पुस्तकों व फिल्म में है इसका जिक्र
स्वामी विवेकानंद ने अपना पहला शिष्य हाथरस सिटी रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर को बनाया। इसका जिक्र स्वामी विवेकानंद पर वर्ष 1998 में बनी फिल्म में
इसका जिक्र है। इसमें अनुपम खेर ने स्टेशन मास्टर का किरदार निभाया है। इस फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती, हेमा मालिनी, जयप्रदा जैसे कलाकारों ने काम किया है। द लाइफ ऑफ स्वामी विवेकानंद सहित अन्य पुस्तकों में भी इसका जिक्र है।
रेलवे स्टेशन पर नहीं है कोई उल्लेख
सबसे बड़ी विडंबना यह है कि हाथरस सिटी रेलवे स्टेशन पर इसका उल्लेख नहीं हैं। जानकार बताते हैं कि तीन दशक पहले इसे लेकर एक
शिलालेख लगाया गया था और स्टेशन पर स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा भी स्थापित कराई थी, लेकिन स्टेशन के सौंदर्यीकरण के चक्कर में प्रतिमा भी हटा दी गई और यह शिलालेख भी। अब इसका कोई पता नही है
कन्या कुमारी से स्वामी
विवेकानंद भारत परिक्रमा यात्रा वर्ष 1991 में निकाली गई थी। तब मैं इस परिक्रमा यात्रा का सहसंयोजक था। हमने इज्जतनगर के मंडल रेल प्रबंधक से अनुमति लेकर सिटी रेलवे स्टेशन पर एक शिलालेख और बाद में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा स्थापित कराई थी, लेकिन यह शिलालेख और प्रतिमा स्टेशन के सौंदर्यीकरण के चलते हटा दी गई। इसके बाद यह लगी ही नहीं। रेलवे प्रशासन ने इस स्मृति को संजोकर नहीं रखा। -हरीश कुमार शर्मा एडवोकेट, सामाजिक कार्यकर्ता
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