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शाहाबाद (हरदोई)। 18 बीघा तालाब अवैध रूप से एक व्यक्ति के नाम दर्ज करने के मामले में हुई जांच के बाद दोषी पाए जाने पर लाभार्थी और लेखपाल के खिलाफ एसडीएम ने रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए हैं। उधर, सरकारी अभिलेखों में निरस्तीकरण की कार्रवाई कर संबंधित तालाब को एक बार फिर तालाब के खाते में दर्ज कर दिया गया।
टोडरपुर ब्लॉक के गांव असगरपुर में 18 बीघा का एक सरकारी तालाब है। तत्कालीन लेखपाल अतीउल्ला खॉ ने वर्ष 1983 में सरकारी अभिलेखों में दर्ज इस तालाब को नत्थू सिंह के नाम दर्ज कर दिया था। तभी से करीब 20 लाख की लागत से बना यह तालाब नत्थू सिंह के कब्जे में चल रहा था। गांव के डब्बू मिश्रा ने इस मामले की शिकायत एसडीएम जयपाल सिंह से की थी।
एसडीएम ने जांच करवाई, जिसमें आरोप सिद्ध होने पर तालाब का निरस्तीकरण करवाया और सरकारी अभिलेखों में पुन: तालाब दर्ज कर दिया गया। एसडीएम ने तत्कालीन लेखपाल व लाभार्थी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश तहसीलदार सुशीलचंद्र गुप्ता को दिए।
शाहाबाद (हरदोई)। 18 बीघा तालाब अवैध रूप से एक व्यक्ति के नाम दर्ज करने के मामले में हुई जांच के बाद दोषी पाए जाने पर लाभार्थी और लेखपाल के खिलाफ एसडीएम ने रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए हैं। उधर, सरकारी अभिलेखों में निरस्तीकरण की कार्रवाई कर संबंधित तालाब को एक बार फिर तालाब के खाते में दर्ज कर दिया गया।
टोडरपुर ब्लॉक के गांव असगरपुर में 18 बीघा का एक सरकारी तालाब है। तत्कालीन लेखपाल अतीउल्ला खॉ ने वर्ष 1983 में सरकारी अभिलेखों में दर्ज इस तालाब को नत्थू सिंह के नाम दर्ज कर दिया था। तभी से करीब 20 लाख की लागत से बना यह तालाब नत्थू सिंह के कब्जे में चल रहा था। गांव के डब्बू मिश्रा ने इस मामले की शिकायत एसडीएम जयपाल सिंह से की थी।
एसडीएम ने जांच करवाई, जिसमें आरोप सिद्ध होने पर तालाब का निरस्तीकरण करवाया और सरकारी अभिलेखों में पुन: तालाब दर्ज कर दिया गया। एसडीएम ने तत्कालीन लेखपाल व लाभार्थी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश तहसीलदार सुशीलचंद्र गुप्ता को दिए।