थाना दक्षिण स्थित राजपूताना मुहल्ला निवासी अधिवक्ता अकरम के घर पहुचनें पर माँ से गले मिलकर विलख?
- फोटो : FIROZABAD
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फिरोजाबाद। अपहर्ताओं के चंगुल से मुक्त होने के बाद अधिवक्ता मोहम्मद अकरम अंसारी मंगलवार दोपहर करीब सवा तीन बजे मोहल्ला राजपूताना स्थित आवास पर पहुंचे। घर पहुंचते ही अकरम अपनी मां के गले से लिपट गए। अधिवक्ता की सकुशल वापसी से पूरे परिवार की आंखें खुशी से छलछला उठीं। मौके पर बड़ी संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।
अधिवक्ता अकरम अंसारी मंगलवार दोपहर तकरीबन तीन बजे सफेद रंग की कार में सवार होकर पुलिस के साथ मोहल्ला राजपूताना स्थित अपने आवास पर पहुंचे तो हजारों लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। 15 दिन बाद अधिवक्ता की सकुशल वापसी से हर चेहरे पर मुस्कान थी। घर के बाहर मौजूद लोगों से मिलने के बाद अधिवक्ता घर के अंदर सबसे पहले अपनी मां से मिले।
उन्होंने अपनी पत्नी और बच्चों से भी हालचाल जाना। कई दिनों बाद उन्हें देखकर परिजनों की आंखों से भी आंसू छलक पड़े। इस दौरान पड़ोसियों ने भी एक-दूसरे को लड्डू खिलाकर खुशी व्यक्त की।
अधिवक्ता के चेहरे पर अब भी दहशत
अधिवक्ता अंसारी 14 दिन तक अपहर्ताओं के बंधन में रहे। उन्हें बंद कमरे में रखा गया। अधिवक्ता के चेहरे पर रिहाई की राहत के साथ ही अब भी दहशत की परछाई नजर आ रही है। वह अधिक कुछ नहीं बोले, इतना ही कहा कि उन्हें बंद कमरे में रखा गया। कहा कि अपहर्ताओं द्वारा मारपीट नहीं की जाती थी लेकिन धमकाया जाता था।
दिनों-दिन बढ़ रही थी बेचैनी : आरिफ अंसारी
अधिवक्ता अकरम अंसारी की सकुशल वापसी के बाद उनके पिता आरिफ अंसारी की आंखें नम हो गईं। पुत्र को सकुशल देख उन्होंने यही कहा कि अल्लाह ने मदद की। पुलिस का शुक्रिया। पूछने पर बताया कि दिन बढ़ने के साथ ही परिवार में बैचेनी बढ़ती जा रही थी। पुत्र की कुशलक्षेम नहीं मिलने के कारण मन में कई आशंकाएं थीं।
बच्चों को दिलासा देने में होती थी मुश्किल : रूबी रुकैया
पति के सकुशल वापस आने पर पत्नी रूबी रुकैया काफी खुश थी। उन्होंने बताया अकरम इतने दिनों तक कभी अलग नहीं रहे। बच्चे पूछते थे कि पापा कब आएंगे? तो उन्हें कहना पड़ता था कि वे दिल्ली गए हैं। जल्द ही घर लौट आएंगे।
फिरोजाबाद। अपहर्ताओं के चंगुल से मुक्त होने के बाद अधिवक्ता मोहम्मद अकरम अंसारी मंगलवार दोपहर करीब सवा तीन बजे मोहल्ला राजपूताना स्थित आवास पर पहुंचे। घर पहुंचते ही अकरम अपनी मां के गले से लिपट गए। अधिवक्ता की सकुशल वापसी से पूरे परिवार की आंखें खुशी से छलछला उठीं। मौके पर बड़ी संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।
अधिवक्ता अकरम अंसारी मंगलवार दोपहर तकरीबन तीन बजे सफेद रंग की कार में सवार होकर पुलिस के साथ मोहल्ला राजपूताना स्थित अपने आवास पर पहुंचे तो हजारों लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। 15 दिन बाद अधिवक्ता की सकुशल वापसी से हर चेहरे पर मुस्कान थी। घर के बाहर मौजूद लोगों से मिलने के बाद अधिवक्ता घर के अंदर सबसे पहले अपनी मां से मिले।
उन्होंने अपनी पत्नी और बच्चों से भी हालचाल जाना। कई दिनों बाद उन्हें देखकर परिजनों की आंखों से भी आंसू छलक पड़े। इस दौरान पड़ोसियों ने भी एक-दूसरे को लड्डू खिलाकर खुशी व्यक्त की।
अधिवक्ता के चेहरे पर अब भी दहशत
अधिवक्ता अंसारी 14 दिन तक अपहर्ताओं के बंधन में रहे। उन्हें बंद कमरे में रखा गया। अधिवक्ता के चेहरे पर रिहाई की राहत के साथ ही अब भी दहशत की परछाई नजर आ रही है। वह अधिक कुछ नहीं बोले, इतना ही कहा कि उन्हें बंद कमरे में रखा गया। कहा कि अपहर्ताओं द्वारा मारपीट नहीं की जाती थी लेकिन धमकाया जाता था।
दिनों-दिन बढ़ रही थी बेचैनी : आरिफ अंसारी
अधिवक्ता अकरम अंसारी की सकुशल वापसी के बाद उनके पिता आरिफ अंसारी की आंखें नम हो गईं। पुत्र को सकुशल देख उन्होंने यही कहा कि अल्लाह ने मदद की। पुलिस का शुक्रिया। पूछने पर बताया कि दिन बढ़ने के साथ ही परिवार में बैचेनी बढ़ती जा रही थी। पुत्र की कुशलक्षेम नहीं मिलने के कारण मन में कई आशंकाएं थीं।
बच्चों को दिलासा देने में होती थी मुश्किल : रूबी रुकैया
पति के सकुशल वापस आने पर पत्नी रूबी रुकैया काफी खुश थी। उन्होंने बताया अकरम इतने दिनों तक कभी अलग नहीं रहे। बच्चे पूछते थे कि पापा कब आएंगे? तो उन्हें कहना पड़ता था कि वे दिल्ली गए हैं। जल्द ही घर लौट आएंगे।