चित्रकूट। बदलते मौसम में लापरवाही लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रही है। दिन में तेज धूप, सुबह-शाम ठंड पड़ने से सर्दी, जुकाम और खांसी की समस्या बढ़ जाती है। चिकित्सक सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।
जिला अस्पताल के फि जिशियन डा. बीएस द्विवेदी ने बताया कि सर्दी समाप्त और गर्मी की शुरुआत हो रही है। ऐसे मौसम में सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। दिन में तेज धूप के कारण लोग गर्म कपड़े नही पहन रहे है वही शाम को ठंड बढ़ने पर उसी हालत में बने रहते हैं। जिससे लोग अनायास ही सर्दी का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस समय बुखार, खांसी और जुकाम के ज्यादा मरीज आ रहे हैं। रोजाना 80 से 150 तक मरीज इसी से संबंधित आते हैं। बाल रोग विशेषज्ञ डा. एचसी अग्रवाल ने बताया कि ठंड से बचने के लिए सुबह शाम जरूर गर्म कपड़े पहने, अत्यधिक ठंडे पानी से न नहाए। भीड़भाड़ वाले स्थानों और धूल से बचें। उन्होंने बताया कि बुखार आने पर तुरंत विशेषज्ञ चिकित्सक से इलाज कराएं। झोलाछाप के चक्कर में कतई न पड़े, क्योंकि सही इलाज न मिलने से परेशानी और बढ़ सकती है। बाल रोग विशेषज्ञ डा. शिव सिंह ने बताया कि रोजाना 40 से 50 बच्चे इलाज के लिए अस्पताल आ रहे हैं। उन्होंने सलाह दिया कि मौसम अनुसार माताएं अपने बच्चों को कपड़े पहनाए। अत्यधिक तेल मसाले वाले खाद्य पदार्थ के सेवन से परहेज करें। सबसे बड़ी बात इस मौसम में आइसक्त्रस्ीम कतई ना खाएं। यह सीधे गले पर असर डालती है , पहले गले में खराश और फि र खांसी शुरू हो जाती है। एक बार खांसी होने पर उसके सही होने में कम से कम एक हफ्ते का समय लगता है। महिलाएं इस मौसम में विशेष ख्याल रखें। क्योंकि यदि मां को सर्दी लगती है तो उससे निश्चित तौर पर उनका बच्चा भी प्रभावित होता है।
चित्रकूट। बदलते मौसम में लापरवाही लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रही है। दिन में तेज धूप, सुबह-शाम ठंड पड़ने से सर्दी, जुकाम और खांसी की समस्या बढ़ जाती है। चिकित्सक सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।
जिला अस्पताल के फि जिशियन डा. बीएस द्विवेदी ने बताया कि सर्दी समाप्त और गर्मी की शुरुआत हो रही है। ऐसे मौसम में सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। दिन में तेज धूप के कारण लोग गर्म कपड़े नही पहन रहे है वही शाम को ठंड बढ़ने पर उसी हालत में बने रहते हैं। जिससे लोग अनायास ही सर्दी का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस समय बुखार, खांसी और जुकाम के ज्यादा मरीज आ रहे हैं। रोजाना 80 से 150 तक मरीज इसी से संबंधित आते हैं। बाल रोग विशेषज्ञ डा. एचसी अग्रवाल ने बताया कि ठंड से बचने के लिए सुबह शाम जरूर गर्म कपड़े पहने, अत्यधिक ठंडे पानी से न नहाए। भीड़भाड़ वाले स्थानों और धूल से बचें। उन्होंने बताया कि बुखार आने पर तुरंत विशेषज्ञ चिकित्सक से इलाज कराएं। झोलाछाप के चक्कर में कतई न पड़े, क्योंकि सही इलाज न मिलने से परेशानी और बढ़ सकती है। बाल रोग विशेषज्ञ डा. शिव सिंह ने बताया कि रोजाना 40 से 50 बच्चे इलाज के लिए अस्पताल आ रहे हैं। उन्होंने सलाह दिया कि मौसम अनुसार माताएं अपने बच्चों को कपड़े पहनाए। अत्यधिक तेल मसाले वाले खाद्य पदार्थ के सेवन से परहेज करें। सबसे बड़ी बात इस मौसम में आइसक्त्रस्ीम कतई ना खाएं। यह सीधे गले पर असर डालती है , पहले गले में खराश और फि र खांसी शुरू हो जाती है। एक बार खांसी होने पर उसके सही होने में कम से कम एक हफ्ते का समय लगता है। महिलाएं इस मौसम में विशेष ख्याल रखें। क्योंकि यदि मां को सर्दी लगती है तो उससे निश्चित तौर पर उनका बच्चा भी प्रभावित होता है।