बदायूं। जनपद में फैला कोरोना संक्रमण नियंत्रण में आ चुका है। सभी कोरोना पॉजिटिव मरीज ठीक होकर बरेली से डिस्चार्ज हो चुके हैं। उन्हें 14 दिन को क्वांरटीन में रखा गया है। अगर 26 दिन तक कोई कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं मिलता है तो ऐसे मेें जिला ग्रीन जोन में आ सकता है। नियम के मुताबिक चलें तो शहर 24 मई और पूरा जिला 26 मई तक ग्रीन जोन में परिवर्तित हो जाएगा। लेकिन इसके लिए जनपद वासियों को सामाजिक दूरी का ख्याल रखना होगा।
जिले में सबसे पहला कोरोना पॉजिटिव मरीज सहसवान कस्बे में मिला था। इससे पहले लोग यही अनुमान लगा रहे थे कि जिले में कोरोना वायरस की एंट्री नहीं होगी। ये बीमारी गैर प्रांत और अन्य देशों में फैली है। यहां फैलना मुश्किल है, लेकिन छह अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने से सबका अनुमान धरा रह गया। उस दिन से जिले में ऐसा वायरस फैला कि एक-एक करके 16 लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। इनमें चार कोरोना पॉजिटिव मरीज ऐसे थे, जो गैर प्रांत से संक्रमित होकर लौटे थे। उनमें दो मुंबई के बड़ाला निवासी और एक आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले का, चौथा नेपाल का नागरिक था। गनीमत तो ये रही थी कि ये संक्रमित ज्यादा लोगों के संपर्क में नहीं आए थे। इससे सिर्फ चार लोग ही संक्रमित हुए, अन्यथा समुचित गांव संक्रमित हो सकता था। इधर, जालंधरी सराय के युवक के संपर्क में आने से उसकी मां, भाई और दो रिश्तेदार संक्रमित हुए तो वहीं कासगंज से लौटे दो मां-बेटे कोरोना पॉजिटिव निकले। शहर में सबसे पहला मरीज जालंधरी सराय का युवक था और सबसे आखिरी मरीज बैंक अधिकारी बना।
14 अप्रैल को ऑरेंज जोन की घोषणा, कई पाबंदियां लगीं
मरीजों की संख्या बढ़ने पर 14 अप्रैल को जिला ऑरेंज जोन में घोषित हो गया था। इसके साथ ही कई पाबंदियां लगा दी गईं थीं। कोई व्यक्ति घर से बाहर नहीं निकलेगा, कोई वाहन नहीं चलेगा। सारे ऑफिस, प्रतिष्ठान, दुकानें बंद रहेंगी। स्कूल कॉलेज भी नहीं खुलेंगे। हॉटस्पॉट इलाके तो पूर्ण रूप से बंद रहेंगे। अब लोगों की जुबां पर एक ही सवाल है कि आखिर जिला ग्रीन जोन में कब बदलेगा। प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक कोई पॉजिटिव मरीज पाए जाने पर कम से कम 28 दिन तक अगर कोई नया केस नहीं आया तो जिले को ग्रीन जोन में बदलना संभव होगा। शहर में अब तक सबसे आखिरी मरीज 25 अप्रैल को मिला था। इसके हिसाब से 23 मई तक 28 दिन पूरे होंगे। इससे 24 मई को शहर के ग्रीन जोन में बदलने की उम्मीद है। वहीं सहसवान में 27 अप्रैल को दो कोरोना मरीज मिले थे। वे ठीक तो हो गए हैं लेकिन 28 दिन पूरे होने में 26 मई तक इंतजार करना पड़ेगा। इसके बाद ही हॉटस्पॉट हटेंगे और जिला ग्रीन जोन में बदल जाएगा।
14 दिन क्वांरटीन में रहेंगे अंतिम कोरोना मरीज
जिले में अब तक के आखिरी तीनों मरीज स्वस्थ होकर जरूर लौट आएं हैं लेकिन उनके लिए अभी खतरा टला नहीं है। इस लिहाज से उन्हें 14 दिन के लिए क्वांरटीन में रखा गया है। 14 दिन पूरे होने के बाद उन्हें 14 दिन और सावधानी पूर्वक रहना होगा। तब कहीं वह और उनके आसपास के लोग सुरक्षित रहेंगे।
ठीक होने के बाद मरीजों को 14 दिन क्वारंटीन में रहना होगा। इसके दो सप्ताह तक कोई नया मरीज नहीं मिलता है तो इलाका हॉटस्पॉट से मुक्त हो जाएगा। अगर जिले में कोई मरीज नहीं मिला तो जिला ऑरेंज से ग्रीन जोन में बदल जाएगा। इसके लिए लोगों को सहयोग करना जरूरी है। घर से बाहर न निकलें, तभी मेहनत सफल हो पाएगी। सामाजिक दूरी का भी ख्याल रखें। - अमित कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट
बदायूं। जनपद में फैला कोरोना संक्रमण नियंत्रण में आ चुका है। सभी कोरोना पॉजिटिव मरीज ठीक होकर बरेली से डिस्चार्ज हो चुके हैं। उन्हें 14 दिन को क्वांरटीन में रखा गया है। अगर 26 दिन तक कोई कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं मिलता है तो ऐसे मेें जिला ग्रीन जोन में आ सकता है। नियम के मुताबिक चलें तो शहर 24 मई और पूरा जिला 26 मई तक ग्रीन जोन में परिवर्तित हो जाएगा। लेकिन इसके लिए जनपद वासियों को सामाजिक दूरी का ख्याल रखना होगा।
जिले में सबसे पहला कोरोना पॉजिटिव मरीज सहसवान कस्बे में मिला था। इससे पहले लोग यही अनुमान लगा रहे थे कि जिले में कोरोना वायरस की एंट्री नहीं होगी। ये बीमारी गैर प्रांत और अन्य देशों में फैली है। यहां फैलना मुश्किल है, लेकिन छह अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने से सबका अनुमान धरा रह गया। उस दिन से जिले में ऐसा वायरस फैला कि एक-एक करके 16 लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। इनमें चार कोरोना पॉजिटिव मरीज ऐसे थे, जो गैर प्रांत से संक्रमित होकर लौटे थे। उनमें दो मुंबई के बड़ाला निवासी और एक आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले का, चौथा नेपाल का नागरिक था। गनीमत तो ये रही थी कि ये संक्रमित ज्यादा लोगों के संपर्क में नहीं आए थे। इससे सिर्फ चार लोग ही संक्रमित हुए, अन्यथा समुचित गांव संक्रमित हो सकता था। इधर, जालंधरी सराय के युवक के संपर्क में आने से उसकी मां, भाई और दो रिश्तेदार संक्रमित हुए तो वहीं कासगंज से लौटे दो मां-बेटे कोरोना पॉजिटिव निकले। शहर में सबसे पहला मरीज जालंधरी सराय का युवक था और सबसे आखिरी मरीज बैंक अधिकारी बना।
14 अप्रैल को ऑरेंज जोन की घोषणा, कई पाबंदियां लगीं
मरीजों की संख्या बढ़ने पर 14 अप्रैल को जिला ऑरेंज जोन में घोषित हो गया था। इसके साथ ही कई पाबंदियां लगा दी गईं थीं। कोई व्यक्ति घर से बाहर नहीं निकलेगा, कोई वाहन नहीं चलेगा। सारे ऑफिस, प्रतिष्ठान, दुकानें बंद रहेंगी। स्कूल कॉलेज भी नहीं खुलेंगे। हॉटस्पॉट इलाके तो पूर्ण रूप से बंद रहेंगे। अब लोगों की जुबां पर एक ही सवाल है कि आखिर जिला ग्रीन जोन में कब बदलेगा। प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक कोई पॉजिटिव मरीज पाए जाने पर कम से कम 28 दिन तक अगर कोई नया केस नहीं आया तो जिले को ग्रीन जोन में बदलना संभव होगा। शहर में अब तक सबसे आखिरी मरीज 25 अप्रैल को मिला था। इसके हिसाब से 23 मई तक 28 दिन पूरे होंगे। इससे 24 मई को शहर के ग्रीन जोन में बदलने की उम्मीद है। वहीं सहसवान में 27 अप्रैल को दो कोरोना मरीज मिले थे। वे ठीक तो हो गए हैं लेकिन 28 दिन पूरे होने में 26 मई तक इंतजार करना पड़ेगा। इसके बाद ही हॉटस्पॉट हटेंगे और जिला ग्रीन जोन में बदल जाएगा।
14 दिन क्वांरटीन में रहेंगे अंतिम कोरोना मरीज
जिले में अब तक के आखिरी तीनों मरीज स्वस्थ होकर जरूर लौट आएं हैं लेकिन उनके लिए अभी खतरा टला नहीं है। इस लिहाज से उन्हें 14 दिन के लिए क्वांरटीन में रखा गया है। 14 दिन पूरे होने के बाद उन्हें 14 दिन और सावधानी पूर्वक रहना होगा। तब कहीं वह और उनके आसपास के लोग सुरक्षित रहेंगे।
ठीक होने के बाद मरीजों को 14 दिन क्वारंटीन में रहना होगा। इसके दो सप्ताह तक कोई नया मरीज नहीं मिलता है तो इलाका हॉटस्पॉट से मुक्त हो जाएगा। अगर जिले में कोई मरीज नहीं मिला तो जिला ऑरेंज से ग्रीन जोन में बदल जाएगा। इसके लिए लोगों को सहयोग करना जरूरी है। घर से बाहर न निकलें, तभी मेहनत सफल हो पाएगी। सामाजिक दूरी का भी ख्याल रखें। - अमित कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट