वर्ष 21-22 से 25-26 पंचवर्षीय योजना में जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में 33 करोड़ से कुल आठ नए विद्युत उपकेंद्र बनाने की तैयारी विद्युत विभाग ने की है। विद्युत विभाग की ओर से इस बाबत शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। लेकिन शासन से अभी तक हरी झंडी नहीं मिली है। अब आचार संहिता समाप्त होने के बाद ही प्रस्ताव स्वीकृत होने की उम्मीद है।
जिले में बिजली की आपूर्ति सुधारने को विद्युत विभाग की ओर से समय-समय पर कवायद की जाती है। विभाग की ओर से कराए गए सर्वे में यह सामने आया कि जनपद के कई ऐसे इलाके हैं जहां विद्युत उपकेंद्र को लंबी दूरी तक बिजली की आपूर्ति करनी पड़ती है। इसके चलते तारों की लंबाई अधिक होने के कारण लाइन लॉस भी अधिक होता है। इस कमी को दूर करने के लिए विद्युत विभाग ने कवायद तो की लेकिन अभी भी यह कवायद अधर में लटका हुआ है। विद्युत विभाग की ओर से जिले के अलग-अलग स्थानों पर कुल आठ नए विद्युत उपकेंद्र बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। हालांकि इसे पंचवर्षीय योजना में शामिल किया गया है जो वर्ष 2025-26 तक पूरा होगा। इसमें विद्युत वितरण खंड प्रथम के क्षेत्र में एक, द्वितीय में चार, तृतीय में दो व चतुर्थ के क्षेत्र में एक विद्युत उपकेंद्र का निर्माण प्रस्तावित है।
यहां के लिए प्रस्तावित है विद्युत उपकेंद्र
विद्युत वितरण खंड प्रथम के क्षेत्र में माधोपुर, द्वितीय के क्षेत्र में जिगिरसड़, माल्देपुर, भरौली व सागरपाली में विद्युत उपकेंद्र निर्माण का प्रस्ताव है। इसके अलावा विद्युत वितरण खंड तृतीय के क्षेत्र में पुरुषोत्तम पट्टी व चोगड़ा तथा चतुर्थ के क्षेत्र में लालगंज में निर्माण का प्रस्ताव है।
तीन चरण में होगा निर्माण
पहले चरण में जिगिरसड़, पुरुषोत्तम पट्टी व लालगंज में विद्युत उपकेंद्र निर्माण का प्रस्ताव है। इसके अलावा द्वितीय चरण में माल्देपुर, भरौली व चोगड़ा तथा तृतीय चरण में माधोपुर व सागरपाली में विद्युत उपकेंद्र निर्माण का प्रस्ताव है।
जिले में आठ नए विद्युत उपकेंद्र निर्माण के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। सभी आठ उपकेंद्र पंचवर्षीय योजना में हैं। निर्माण पर कुल 33 करोड़ खर्च होने की संभावना है। शासन से स्वीकृति के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
- एके चौधरी, अधिशासी अभियंता, विद्युत वितरण खंड, द्वितीय, बलिया
वर्ष 21-22 से 25-26 पंचवर्षीय योजना में जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में 33 करोड़ से कुल आठ नए विद्युत उपकेंद्र बनाने की तैयारी विद्युत विभाग ने की है। विद्युत विभाग की ओर से इस बाबत शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। लेकिन शासन से अभी तक हरी झंडी नहीं मिली है। अब आचार संहिता समाप्त होने के बाद ही प्रस्ताव स्वीकृत होने की उम्मीद है।
जिले में बिजली की आपूर्ति सुधारने को विद्युत विभाग की ओर से समय-समय पर कवायद की जाती है। विभाग की ओर से कराए गए सर्वे में यह सामने आया कि जनपद के कई ऐसे इलाके हैं जहां विद्युत उपकेंद्र को लंबी दूरी तक बिजली की आपूर्ति करनी पड़ती है। इसके चलते तारों की लंबाई अधिक होने के कारण लाइन लॉस भी अधिक होता है। इस कमी को दूर करने के लिए विद्युत विभाग ने कवायद तो की लेकिन अभी भी यह कवायद अधर में लटका हुआ है। विद्युत विभाग की ओर से जिले के अलग-अलग स्थानों पर कुल आठ नए विद्युत उपकेंद्र बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। हालांकि इसे पंचवर्षीय योजना में शामिल किया गया है जो वर्ष 2025-26 तक पूरा होगा। इसमें विद्युत वितरण खंड प्रथम के क्षेत्र में एक, द्वितीय में चार, तृतीय में दो व चतुर्थ के क्षेत्र में एक विद्युत उपकेंद्र का निर्माण प्रस्तावित है।
यहां के लिए प्रस्तावित है विद्युत उपकेंद्र
विद्युत वितरण खंड प्रथम के क्षेत्र में माधोपुर, द्वितीय के क्षेत्र में जिगिरसड़, माल्देपुर, भरौली व सागरपाली में विद्युत उपकेंद्र निर्माण का प्रस्ताव है। इसके अलावा विद्युत वितरण खंड तृतीय के क्षेत्र में पुरुषोत्तम पट्टी व चोगड़ा तथा चतुर्थ के क्षेत्र में लालगंज में निर्माण का प्रस्ताव है।
तीन चरण में होगा निर्माण
पहले चरण में जिगिरसड़, पुरुषोत्तम पट्टी व लालगंज में विद्युत उपकेंद्र निर्माण का प्रस्ताव है। इसके अलावा द्वितीय चरण में माल्देपुर, भरौली व चोगड़ा तथा तृतीय चरण में माधोपुर व सागरपाली में विद्युत उपकेंद्र निर्माण का प्रस्ताव है।
जिले में आठ नए विद्युत उपकेंद्र निर्माण के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। सभी आठ उपकेंद्र पंचवर्षीय योजना में हैं। निर्माण पर कुल 33 करोड़ खर्च होने की संभावना है। शासन से स्वीकृति के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
- एके चौधरी, अधिशासी अभियंता, विद्युत वितरण खंड, द्वितीय, बलिया