राज्यसभा सांसद अमर सिंह का ज्यादा समय बाहर ही बीता था। इसलिए वो अपने गांव से जुड़वा चाहते थे। वर्ष 2008 में पिता के निधन के बाद तेरहवीं पर बड़ा कार्यक्रम कराया था। हेलीकॉप्टर तक की व्यवस्था की गई थी। पूरे दिन आसमान में हेलीकाप्टर मंडराता रहा।
वाराणसी से अतिथियों को गांव लाया गया था। कार्यक्रम में अमिताभ बच्चन, एश्वर्या राय, अभिषेक बच्चन, जया प्रदा और मुलायम सिंह यादव के साथ कई प्रदेशों के दिग्गज नेता शामिल हुए थे। अमर सिंह के बाबा स्व. विश्वनाथ सिंह एमए एलएलबी थे। कोलकाता के बड़ा बाजार में ताला बनाने की फैक्ट्री थी।
अमर सिंह से पिता स्व. हरिश्चंद्र सिंह भी एमए एलएलबी थे। वो भी कोलकाता में ही थे। माता का नाम पंकजा सिंह था। अमर सिंह ने भी एमए एलएलबी किया था। उनकी शिक्षा कोलकाता के प्रेसीडेंसी कालेज से हुई थी।
वर्ष 1983-84 में यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह कोलकाता गए थे। वहीं अमर सिंह उनके संपर्क में आए और नजदीकी बढ़ी। उनके कहने पर अमर सिंह ने 1984-85 साहिबाबाद में केमिकल और पेस्टीसाइड की फैक्ट्री लगाई थी। चूंकि वीरबहादुर सिंह गोरखपुर के थे इसलिए दोनों में संबंध प्रगाढ हुए।
इसके बाद अमर सिंह कांग्रेस में शामिल हो गए। कहा जाता है कि पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव से भी उनके अच्छे संबंध थे। 1989 के बाद कांग्रेस का पतन हुआ तो ये मुलायम सिंह यादव के संपर्क में आए। इसके बाद सपा में शामिल हुए मुलायम सिंह यादव ने उन्हें सपा का महासचिव बनाने के साथ ही राज्यसभा सदस्य भी बनाया।
अमर सिंह के गांव के निवासी श्रीप्रकाश सिंह ने बताया कि उन्होंने ने ही अखिलेश यादव को आस्ट्रेलिया के पर्थ में एडमीशन कराया। पढ़ाई कराने के साथ उनकी शादी में भी अहम भूमिका निभाई। अमर सिंह के एक भाई अरविंद सिंह और दो बेटियां दिशा और दृष्टि हैं। दोनों की अभी शादी नहीं हुई है।
बताया जाता है कि पूर्वांचल में पहली बार 1996 में राज बब्बर के साथ इंद्रासन सिंह (वकील) के घर अमर सिंह आजमगढ़ आए थे। आखिरी बार वह अपने घर को आरएसएस को दान देने के लिए आए थे। वर्ष 2008 में पिता का निधन होने के बाद अमर सिंह गांव आए थे।
तेरहवीं आजमगढ़ से ही की गई थी। गांव में बड़े कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। अतिथियों को वाराणसी से यहां लाने और छोड़ने के लिए हेलीकॉप्टरकी व्यवस्था की गई थी। कार्यक्रम में पूरे दिन आसमान में हेलीकॉप्टर मंडराता रहा।
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राज्यसभा सांसद अमर सिंह का ज्यादा समय बाहर ही बीता था। इसलिए वो अपने गांव से जुड़वा चाहते थे। वर्ष 2008 में पिता के निधन के बाद तेरहवीं पर बड़ा कार्यक्रम कराया था। हेलीकॉप्टर तक की व्यवस्था की गई थी। पूरे दिन आसमान में हेलीकाप्टर मंडराता रहा।
वाराणसी से अतिथियों को गांव लाया गया था। कार्यक्रम में अमिताभ बच्चन, एश्वर्या राय, अभिषेक बच्चन, जया प्रदा और मुलायम सिंह यादव के साथ कई प्रदेशों के दिग्गज नेता शामिल हुए थे। अमर सिंह के बाबा स्व. विश्वनाथ सिंह एमए एलएलबी थे। कोलकाता के बड़ा बाजार में ताला बनाने की फैक्ट्री थी।
अमर सिंह से पिता स्व. हरिश्चंद्र सिंह भी एमए एलएलबी थे। वो भी कोलकाता में ही थे। माता का नाम पंकजा सिंह था। अमर सिंह ने भी एमए एलएलबी किया था। उनकी शिक्षा कोलकाता के प्रेसीडेंसी कालेज से हुई थी।
वर्ष 1983-84 में यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह कोलकाता गए थे। वहीं अमर सिंह उनके संपर्क में आए और नजदीकी बढ़ी। उनके कहने पर अमर सिंह ने 1984-85 साहिबाबाद में केमिकल और पेस्टीसाइड की फैक्ट्री लगाई थी। चूंकि वीरबहादुर सिंह गोरखपुर के थे इसलिए दोनों में संबंध प्रगाढ हुए।
इसके बाद अमर सिंह कांग्रेस में शामिल हो गए। कहा जाता है कि पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव से भी उनके अच्छे संबंध थे। 1989 के बाद कांग्रेस का पतन हुआ तो ये मुलायम सिंह यादव के संपर्क में आए। इसके बाद सपा में शामिल हुए मुलायम सिंह यादव ने उन्हें सपा का महासचिव बनाने के साथ ही राज्यसभा सदस्य भी बनाया।
अमर सिंह के गांव के निवासी श्रीप्रकाश सिंह ने बताया कि उन्होंने ने ही अखिलेश यादव को आस्ट्रेलिया के पर्थ में एडमीशन कराया। पढ़ाई कराने के साथ उनकी शादी में भी अहम भूमिका निभाई। अमर सिंह के एक भाई अरविंद सिंह और दो बेटियां दिशा और दृष्टि हैं। दोनों की अभी शादी नहीं हुई है।
बताया जाता है कि पूर्वांचल में पहली बार 1996 में राज बब्बर के साथ इंद्रासन सिंह (वकील) के घर अमर सिंह आजमगढ़ आए थे। आखिरी बार वह अपने घर को आरएसएस को दान देने के लिए आए थे। वर्ष 2008 में पिता का निधन होने के बाद अमर सिंह गांव आए थे।
तेरहवीं आजमगढ़ से ही की गई थी। गांव में बड़े कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। अतिथियों को वाराणसी से यहां लाने और छोड़ने के लिए हेलीकॉप्टरकी व्यवस्था की गई थी। कार्यक्रम में पूरे दिन आसमान में हेलीकॉप्टर मंडराता रहा।