आजमगढ़। मऊ, आजमगढ़ होते हुए जौनपुर के शाहगंज रेलवे स्टेशन के बीच ट्रैक पर पड़ने वाले 35 मानव रहित रेलवे क्रासिंग पर क्षेत्र के लोग आए दिन मौत से रुबरू होकर गुजरते हैं। यहां आए दिन कटकर लोगों की मौत हो रही है। हादसों पर रोक लगाने के लिए रेलवे विभाग के आजमगढ़ सेक्शन इंजीनियर की तरफ से फाटकों को बंद करने, ट्रैक पर पुल बनाकर नीचे से आवागमन करने और सड़क बनाने की अनुमति के लिए तीनों जिलों के डीएम से अनुमति मांगी है लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। फाइल दफ्तर में डंप है।
आजमगढ़ रेलवेे स्टेशन का आधुनिकीकरण के साथ-साथ ट्रेन हादसों को रोकने के लिए रेलवे मंत्रालय की तरफ से हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। आजमगढ़ रेलवे विभाग मऊ, आजमगढ़ से जौनपुर के शाहगंज रेलवे स्टेशन तक के ट्रैक की निगरानी करता है। सहायक पीडब्लूआई एके यादव ने बताया कि मऊ से शाहगंज तक रेलवे ट्रैक पर कुल 35 मानव रहित रेलवे क्रासिंग मौजूद हैं। इसमें सबसे अधिक मानव रहित रेलवे क्रासिंग आजमगढ़ में 26, जौनपुर में एक और मऊ जिले में आठ हैं। इन स्थानों पर फाटक न होने की वजह से ट्रैक पार करते समय अक्सर हादसे भी होते रहे हैं। हाल के दिनों में मानव रहित रेलवे फाटक पर होने वाली घटनाओं को देखते हुए विभाग की तरफ से वर्ष 2016 में सभी मानव रहित रेलवे क्रासिंगों को बंद करने का निर्देश दिया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि जिस फाटक से लोगों का अधिक आवागमन है। वहां अंडर पास बना दिया जाए। इसके अलावा जो रेलवे फाटक मुख्य फाटक से कम दूरी पर स्थित है। उसे बंद कर ट्रैक के दोनों तरफ सड़क बनाकर उसे दूसरे ट्रैक के नीचे बने पुल से जोड़ दिया जाए। रास्तों को बंद करने के लिए डीएम की अनुमति आवश्यक होता है। इसलिए रिपोर्ट तैयार कर आजमगढ़, मऊ और जौनपुर के डीएम को रिपोर्ट भेजी गई है। अब तक अनुमति न मिलने की वजह से मानव रहित रेलवे फाटक को बंद करने में परेशानी हो रही है। सुनवाई के लिए बार-बार रिमाइंडर भेजा जा रहा है।
कोट
मऊ से शाहगंज रेलवे स्टेशन के बीच रेलवे ट्रैक पर कुल 35 मानव रहित रेलवे क्रासिंग मौजूद हैं। इन्हें बंद करने, ट्रैक के नीचे पुल और सड़क बनाने के लिए आजमगढ़, मऊ और जौनपुर के डीएम के यहां रिपोर्ट भेजी गई है। अभी अनुमति नहीं मिल सकी है। रिमाइंडर भेजा गया है। - अरविंद राय, चीफ सेक्शन इंजीनियर, आजमगढ़
आजमगढ़। मऊ, आजमगढ़ होते हुए जौनपुर के शाहगंज रेलवे स्टेशन के बीच ट्रैक पर पड़ने वाले 35 मानव रहित रेलवे क्रासिंग पर क्षेत्र के लोग आए दिन मौत से रुबरू होकर गुजरते हैं। यहां आए दिन कटकर लोगों की मौत हो रही है। हादसों पर रोक लगाने के लिए रेलवे विभाग के आजमगढ़ सेक्शन इंजीनियर की तरफ से फाटकों को बंद करने, ट्रैक पर पुल बनाकर नीचे से आवागमन करने और सड़क बनाने की अनुमति के लिए तीनों जिलों के डीएम से अनुमति मांगी है लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। फाइल दफ्तर में डंप है।
आजमगढ़ रेलवेे स्टेशन का आधुनिकीकरण के साथ-साथ ट्रेन हादसों को रोकने के लिए रेलवे मंत्रालय की तरफ से हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। आजमगढ़ रेलवे विभाग मऊ, आजमगढ़ से जौनपुर के शाहगंज रेलवे स्टेशन तक के ट्रैक की निगरानी करता है। सहायक पीडब्लूआई एके यादव ने बताया कि मऊ से शाहगंज तक रेलवे ट्रैक पर कुल 35 मानव रहित रेलवे क्रासिंग मौजूद हैं। इसमें सबसे अधिक मानव रहित रेलवे क्रासिंग आजमगढ़ में 26, जौनपुर में एक और मऊ जिले में आठ हैं। इन स्थानों पर फाटक न होने की वजह से ट्रैक पार करते समय अक्सर हादसे भी होते रहे हैं। हाल के दिनों में मानव रहित रेलवे फाटक पर होने वाली घटनाओं को देखते हुए विभाग की तरफ से वर्ष 2016 में सभी मानव रहित रेलवे क्रासिंगों को बंद करने का निर्देश दिया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि जिस फाटक से लोगों का अधिक आवागमन है। वहां अंडर पास बना दिया जाए। इसके अलावा जो रेलवे फाटक मुख्य फाटक से कम दूरी पर स्थित है। उसे बंद कर ट्रैक के दोनों तरफ सड़क बनाकर उसे दूसरे ट्रैक के नीचे बने पुल से जोड़ दिया जाए। रास्तों को बंद करने के लिए डीएम की अनुमति आवश्यक होता है। इसलिए रिपोर्ट तैयार कर आजमगढ़, मऊ और जौनपुर के डीएम को रिपोर्ट भेजी गई है। अब तक अनुमति न मिलने की वजह से मानव रहित रेलवे फाटक को बंद करने में परेशानी हो रही है। सुनवाई के लिए बार-बार रिमाइंडर भेजा जा रहा है।
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मऊ से शाहगंज रेलवे स्टेशन के बीच रेलवे ट्रैक पर कुल 35 मानव रहित रेलवे क्रासिंग मौजूद हैं। इन्हें बंद करने, ट्रैक के नीचे पुल और सड़क बनाने के लिए आजमगढ़, मऊ और जौनपुर के डीएम के यहां रिपोर्ट भेजी गई है। अभी अनुमति नहीं मिल सकी है। रिमाइंडर भेजा गया है। - अरविंद राय, चीफ सेक्शन इंजीनियर, आजमगढ़