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Remuneration will be cut if there is an error in evaluation, examiner will be disqualified for three years
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UP Board : मूल्यांकन में मिली त्रुटि तो कटेगा पारिश्रमिक, परीक्षक तीन वर्ष के लिए घोषित होंगे अयोग्य
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Fri, 17 Mar 2023 12:12 AM IST
सार
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यूपी बोर्ड परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन में विशेष सावधानी बरतने का निर्देश दिया गया है। मूल्यांकन में हुई गड़बड़ी का खमियाजा परीक्षकों को भुगतना होगा। नियमों के मुताबिक कॉपियों के मूल्यांकन में दो प्रतिशत तक त्रुटि मिलने पर 85 फीसदी तक पारिश्रमिक में कटौती की जाएगी।
यूपी बोर्ड परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन में विशेष सावधानी बरतने का निर्देश दिया गया है। मूल्यांकन में हुई गड़बड़ी का खमियाजा परीक्षकों को भुगतना होगा। नियमों के मुताबिक कॉपियों के मूल्यांकन में दो प्रतिशत तक त्रुटि मिलने पर 85 फीसदी तक पारिश्रमिक में कटौती की जाएगी। साथ ही परीक्षक को तीन वर्ष के लिए अयोग्य घोषित किया जाएगा।
बोर्ड के नियमों के मुताबिक मूल्यांकन में 0.5 प्रतिशत की त्रुटि पाए जाने पर 25 फीसदी की कटौती होगी। एक प्रतिशत तक त्रुटि मिलने पर 50 प्रतिशत और मूल्यांकन में 2 फीसदी त्रुटि मिलने पर परीक्षक के पारिश्रमिक में 85 फीसदी तक कटौती की व्यवस्था की गई है। बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार इस व्यवस्था के पीछे मुख्य कारण है कि मूल्यांकन कार्य शुद्ध और त्रुटि विहीन हो।
मूल्यांकन केंद्रों पर परीक्षकों ने बदली टोली तो होगी सख्त कार्रवाई
यूपी बोर्ड परीक्षा के खत्म होते ही उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की तैयारी शुरू हो गई है। बोर्ड की तरफ से इस बार मूल्यांकन केंद्रों पर परीक्षकों की मनमानी रोकने के लिए कई नियमों में बदलाव किया गया है। अब कॉपियों के मूल्यांकन में लगे परीक्षक केंद्रों पर अपनी टोली नहीं छोड़ सकेंगे। यानी एक टोली के परीक्षक दूसरी टोली में नहीं जा सकेंगे। इसके लिए विशेष निगरानी की व्यवस्था की गई है।
माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से कॉपियों की जांच के लिए 15 कार्य दिवस निर्धारित किए गए हैं। पूर्व के वर्षों में केंद्रों पर परीक्षकों की मनमानी के कारण खासी समस्याएं उत्पन्न हुई थी। परीक्षक अपनी मर्जी से किसी भी टोली में बैठकर कॉपियों को जांचते थे। ऐसे में उप प्रधान परीक्षकों को काफी मुश्किलें होती थी। इस बार बोर्ड ने मूल्यांकन केंद्रों में इस प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगाने की व्यवस्था की है।
बोर्ड की तरफ से जारी निर्देश में स्पष्ट कहा गया है कि उप प्रधान परीक्षक और उनके सहायकों के एक साथ बैठने का ऐसा प्रबंध किया जाएगा, कि मूल्यांकन कार्य में परीक्षकों की एकाग्रता प्रभावित न हो। एक टोली से दूसरी टोली में जाने वाले परीक्षकों पर नजर रखी जाएगी। मूल्यांकन केंद्रों पर कक्ष नियंत्रकों और परीक्षकों को भी निर्धारित कक्ष में ही जाने की अनुमति होगी। परीक्षक अगर अपनी टोली के अतिरिक्त अन्य किसी टोली में पाया गया तो उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा और कार्य मुक्त कर दिया जाएगा।
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