प्रयागराज छिवकी रेलवे स्टेशन के यात्री वाहन स्टैंड पर टिकट चेकिंग स्टाफ की ड्यूटी लगाए जाने एवं उनसे वाहनों की पर्ची कटवाए जाने का मामला वाणिज्य विभाग केे सबसे बड़े वरिष्ठ अफसर तक पहुंच गया है। उत्तर मध्य रेलवे जोन के प्रधान मुख्य वाणिज्य प्रबंधक (पीसीसीएम) शशिकांत सिंह तक पहुंच गया है। टिकट चेकिंग स्टाफ से उनका मूल काम करवाने की बजाय वाहनों की चौकीदारी का काम करवाने की शिकायत पीसीसीएम से नार्थ सेंट्रल रेलवे इंपलाइज संघ की ओर से हुई है। कहा गया है कि चेकिंग स्टाफ को वाहन स्टैंड में लगाने से रेलवे की छवि धूमिल हो रही है।
दरअसल प्रयागराज मंडल के एक वरिष्ठ अफसर ने छिवकी रेलवे स्टेशन पर वाहन स्टैंड का ठेका खत्म होने के बाद नियमों को ताक पर रखते हुए रेलवे के टिकट चेकिंग स्टाफ सीआईटी, डिप्टी सीआईटी, टीटी आदि स्टाफ की ड्यूटी वाहन स्टैंड पर लगा दी है। वहां पिछले कुछ दिनों से जो काम ठेकेदार के दिहाड़ी मजदूर करते थे, वह काम अब रेलवे को सर्वाधिक राजस्व पहुंचाने वाले टिकट चेकिंग स्टाफ को सौंप दिया गया है।
स्टैंड पर दिन रात चेकिंग स्टाफ को वाहनों की पर्ची काटनी पड़ रही है, जबकि यह काम उनका नहीं है। मंडलीय अफसरों के तुगलकी फरमान के खिलाफ इंपलाइज संघ ने अपनी आवाज बुलंद की है। उन्होंने शुक्रवार को पीसीसीएम को पत्र लिखकर कहा है कि रेलवे में जहां एक ओर ट्रेनें बढ़ रही हैं तो वहीं दूसरी ओर कर्मचारियों की संख्या में लगातार गिरावट हो रही है। अब कामर्शियल मैनुअलों के प्रावधानों के विपरीत टिकट चेकिंग स्टाफ को साइकिल स्टैंड पर वाहन शुल्क की वसूली में लगाकर मानव शक्ति का दुरुपयोग किया जा रहा है। इस वजह से टिकट चेकिंग से होने वाली आय पर भी असर पड़ा है।
प्राइवेट पार्टी ही करती है शुल्क वसूलने का कार्य
स्टैंड पर वाहन वसूली कार्य के लिए टेंडर जारी कर शुल्क वसूली का कार्य प्राइवेट पार्टी करती है। यह कानून व्यवस्था से भी जुड़ा है, लेकिन वाहन शुल्क की वसूली में आम जनता और ठेकेदार के कर्मचारियों के बीच अमूमन विवाद होता देखा गया है। टिकट चेकिंग स्टाफ को लगाने से भी विवाद हो रहा है। इस वजह से चेकिंग स्टाफ भी परेशान है और रेलवे की छवि भी धूमिल हो रही है। ऐसे में अविलंब चेकिंग स्टाफ को स्टैंड से हटा दिया जाए।
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प्रयागराज छिवकी रेलवे स्टेशन के यात्री वाहन स्टैंड पर टिकट चेकिंग स्टाफ की ड्यूटी लगाए जाने एवं उनसे वाहनों की पर्ची कटवाए जाने का मामला वाणिज्य विभाग केे सबसे बड़े वरिष्ठ अफसर तक पहुंच गया है। उत्तर मध्य रेलवे जोन के प्रधान मुख्य वाणिज्य प्रबंधक (पीसीसीएम) शशिकांत सिंह तक पहुंच गया है। टिकट चेकिंग स्टाफ से उनका मूल काम करवाने की बजाय वाहनों की चौकीदारी का काम करवाने की शिकायत पीसीसीएम से नार्थ सेंट्रल रेलवे इंपलाइज संघ की ओर से हुई है। कहा गया है कि चेकिंग स्टाफ को वाहन स्टैंड में लगाने से रेलवे की छवि धूमिल हो रही है।
दरअसल प्रयागराज मंडल के एक वरिष्ठ अफसर ने छिवकी रेलवे स्टेशन पर वाहन स्टैंड का ठेका खत्म होने के बाद नियमों को ताक पर रखते हुए रेलवे के टिकट चेकिंग स्टाफ सीआईटी, डिप्टी सीआईटी, टीटी आदि स्टाफ की ड्यूटी वाहन स्टैंड पर लगा दी है। वहां पिछले कुछ दिनों से जो काम ठेकेदार के दिहाड़ी मजदूर करते थे, वह काम अब रेलवे को सर्वाधिक राजस्व पहुंचाने वाले टिकट चेकिंग स्टाफ को सौंप दिया गया है।
स्टैंड पर दिन रात चेकिंग स्टाफ को वाहनों की पर्ची काटनी पड़ रही है, जबकि यह काम उनका नहीं है। मंडलीय अफसरों के तुगलकी फरमान के खिलाफ इंपलाइज संघ ने अपनी आवाज बुलंद की है। उन्होंने शुक्रवार को पीसीसीएम को पत्र लिखकर कहा है कि रेलवे में जहां एक ओर ट्रेनें बढ़ रही हैं तो वहीं दूसरी ओर कर्मचारियों की संख्या में लगातार गिरावट हो रही है। अब कामर्शियल मैनुअलों के प्रावधानों के विपरीत टिकट चेकिंग स्टाफ को साइकिल स्टैंड पर वाहन शुल्क की वसूली में लगाकर मानव शक्ति का दुरुपयोग किया जा रहा है। इस वजह से टिकट चेकिंग से होने वाली आय पर भी असर पड़ा है।