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प्रयागराज। प्रयाग जंक्शन से फाफामऊ के बीच अब ट्रेनें नहीं फंसेंगी। इस रूट पर ट्रेनों का संचालन अधिकतम सौ किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से होगा। रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) पूर्वोत्तर परिमंडल मोहम्मद लतीफ खान द्वारा इस रूट पर बुधवार को स्पीड ट्रायल किया गया। इस दौरान फाफामऊ से इलेक्ट्रिक इंजन के साथ आठ कोच की स्पेशल ट्रेन को नवनिर्मित लाइन पर अधिकतम 130 की रफ्तार से दौड़ाया गया। पांच मिनट से भी कम समय में यह ट्रेन फाफामऊ से प्रयाग जंक्शन पहुंच गई। स्पीड ट्रायल के बाद सीआरएस ने इस रूट पर बिछाई गई नई लाइन पर रेल संचालन की अनुमति दे दी।
प्रयाग से फाफामऊ के बीच दोहरीकरण और विद्युतीकरण का कार्य पिछले दिनों ही रेलवे ने पूरा किया था। 8.56 किलोमीटर लंबे इस रूट पर स्पीड ट्रायल एवं रेल ब्रिज की जांच सीआरएस को करनी थी। सीआरएस बुधवार की सुबह ही डीआरएम लखनऊ संजय त्रिपाठी के साथ प्रयाग जंक्शन पहुंचे। सुबह निरीक्षण के दौरान उन्होंने प्रयाग स्टेशन पर नवनिर्मित आरआरआई बिल्डिंग का उद्घाटन किया।
इसके बाद प्रयाग से फाफामऊ स्टेशन के मध्य मोटर ट्राली के माध्यम से उन्होंने निरीक्षण किया । वापसी में शाम 5.08 बजे फाफामऊ- प्रयाग प्रयागराज संगम स्टेशनों के मध्य उन्होंने स्पीड ट्रायल किया। निरीक्षण के अंत में प्रयागराज संगम के रेल विद्युतीकरण के कार्य को देखा। डीआरएम संजय त्रिपाठी ने बताया कि इस रूट पर अधिकतम 130 किमी की रफ्तार से ट्रेन चलाई गई।
हालांकि, सीआरएस ने अभी 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन संचालन की अनुमति दी है। कहा कि आने वाले दिनों में इस रूट पर 110 किमी की रफ्तार से ट्रेन संचालन किया जा सकता है। इस रूट के दोहरीकरण के बाद अब फाफामऊ से प्रयाग के बीच ट्रेनों का आवागमन बेहतर होगा। पहले सिंगल लाइन की वजह से ट्रेनें फंसती थी।
डायवर्ट ट्रेनों का आज से प्रयाग के रास्ते होगा संचालन
सीआरएस ने बुधवार को 990 मीटर लंबे गंगा पुल का भी निरीक्षण किया। इस पुल का भी रेलवे ने दोहरीकरण के साथ विद्युतीकरण किया है। डीआरएम ने बताया कि नॉन इंटरलॉकिंग की वजह से इस रूट की ट्रेनों को डायवर्ट किया गया था, लेकिन अब बृहस्पतिवार से प्रयाग-फाफामऊ के रास्ते संचालन हो जाएगा।