एनजीटी की टीम को नहीं मिला गिट्टी का अवैध खनन
शिकायत के बाद केंद्रीय टीम ने तीन दिनों तक किया था पठारी क्षेत्र का निरीक्षण
करीब पांच दर्जन क्रसर प्लांट मिले बंद लेकिन किसी को नहीं पाया गया दोषी
प्रयागराज। एनजीटी के निर्देश पर निरीक्षण के लिए आई पर्यावरण और प्रदूषण नियंत्रण विभाग की केंद्रीय टीम को गिट्टी के अवैध खनन का कोई प्रमाण नहीं मिला। तीन दिनों के निरीक्षण के दौरान करीब पांच दर्जन क्रसर प्लांट बंद पाए गए लेकिन उनमें भी कोई खामी नहीं मिली।
यमुनापार के पठारी इलाके में गिट्टी के अवैध खनन की लगातार शिकायतें मिल रहीं थीं। इसके मद्देनजर केंद्रीय पर्यावरण निदेशालय, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों ने बृहस्पतिवार, शुक्रवार और शनिवार को क्षेत्र का निरीक्षण किया था। टीम ने रिपोर्ट तैयार कर ली है। निरीक्षण के दौरान 56 प्लांट बंद पाए गए। अफसरों ने बताया कि इन पर पूर्व में ही जुर्माना लगाया जा चुका है। वे अब भी बंद मिले। हालांकि , निरीक्षण के दौरान एक अफसर के अनुसार बिना लाइंसेंस तीन प्लांट चालू हालत में भी पाए गए। वहीं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी आरपी सिंह का कहना है कि बिना अनुमति अवैध खनन का कोई प्रमाण नहीं मिला। किसी के खिलाफ जुर्माना भी नहीं लगाया गया है।
बाढ़ और डीजल ने बढ़ाया बालू का भाव
बाढ़ और डीजल की बढ़ती कीमतों ने मकान के सपने को भी महंगा कर दिया है। दो महीने में ही बालू की कीमतें डेढ़ गुना तक बढ़ गई हैं। बालू का खनन एक अक्तूबर से ही शुरू हो जाना चाहिए लेकिन बेमौसम की बारिश तथा बाढ़ से नदियों का जल स्तर अब भी बढ़ा हुआ है। ऐसे में नदियों में खनन कार्य सुचारू नहीं हो सका है। मुश्किल यह कि खनन बाधित होने की वजह से अन्य जिलों से भी बालू नहीं आ पा रही। वहीं पहले से एकत्रित बालू खत्म होने लगी है। यही वजह है कि इन दिनों बालू 45 से 50 रुपये प्रति वर्ग फीट की दर से मिल रही है। जबकि दो महीने पहले तक 30 से 35 रुपये में मिल जाती थी। झूंसी के बालू व्यापारी राजदेव यादव का कहना है कि नदियों का जल स्तर नीचे नहीं जाने से खनन तो प्रभावित है ही, ज्यादातर पट्टे भी निरस्त हैं। इससे मुश्किलें और बढ़ गई हैं। हालांकि वरिष्ठ खान अधिकारी एमके पांडेय ने जल्द ही राहत की बात कही।
सिर्फ दो घाटों पर हो रहा खनन
बारिश के बाद एक अक्तूबर से खनन की अनुमति है लेकिन जिले में अभी सिर्फ दो जगहों पर ही खनन हो पा रहा है। अन्य घाटों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं या फिर पानी भरा है। इसकी वजह से खनन नहीं हो पा रहा। हालांकि वरिष्ठ खान अधिकारी एमके पांडेय का कहना है कि 15 दिनों के भीतर आठ से 10 घाटों से खनन शुरू हो जाएगा। इसके अलावा फतेहपुर तथा आसपास के अन्य जिलों से बालू आने लगेगी।
15 दिनों में बालू के दाम में कमी की उम्मीद
नदियों से बाढ़ का पानी निकलने लगा है। जल स्तर भी कम होने लगा है। फतेहपुर, सोनभद्र से बालू आने लगेगा। 10 से 15 दिनों में प्रयागराज में भी खनन में तेजी की उम्मीद है। इसके बाद बालू के दाम में कमी की बात कही जा रही है।