55 घंटे की बंदी में धार्मिक स्थलों को खुला रखने के सरकार के निर्देश के बावजूद सेना ने शनिवार को सरस्वती घाट स्थित प्रसिद्ध मनकामेश्वर महादेव मंदिर जाने वाले मार्ग के फाटक को बंद कर दिया। पुजारी व श्रद्धालुओं की नहीं सुनी गई।
घंटों इंतजार केबाद सेना की ओर से गेट न खोले जाने से हजारों की तादात में श्रद्धालुओं को वापस होना पड़ा। अब सोमवार को मंदिर खोले जाने की उम्मीद है। कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए दो दिन की पूर्ण बंदी की घोषणा का असर मंदिरों में दर्शन-पूजन पर भी पड़ गया है। भगवान भोलेनाथ के प्रिय मास सावन में मनकामेश्वर महादेव केदर्शन के लिए निकले भक्तों को बीच रास्ते से निराश होकर लौटना पड़ा।
सुबह छह बजे मनकामेश्वर महादेव के अभिषेक और शृंगार आरती केबाद जब दर्शन-पूजन के लिए लगाई गई ड्यूटी पर पुलिस के जवान नहीं पहुंचे और सुरक्षा प्वाइंट खाली पड़े रहे , तब पुजारियों ने कीडगंज पुलिस से संपर्क साधा। मंदिर के प्रधान पुजारी श्रीधरानंद ने बताया कि पहले तो चौकी पुलिस की ओर से जानकारी दी गई कि दूसरी जगह ड्यूटी के लिए जवानों को भेजे जाने की वजह से मंदिर की ड्यूटी लगाने में विलंब हुआ है, कुछ देर में ही पुलिस कर्मी पहुंच जाएंगे।
उधर, मंदिर मार्ग पर सेना के फाटक केसामने श्रद्धालु जुटने लगे थे। भक्तों के आने की जानकारी मिलने पर मंदिर के सेवादार थर्मल स्क्रीनिंग के लिए पहुंच गए, लेकिन वहां काफी देर इंतजार के बाद भी गेट नहीं खोला गया। सेना के जवानों से जब संपर्क किया गया, तब उनका कहना था कि लॉकडाउन की वजह से फाटक बंद कर दिया गया है।
इसके बाद भी मंदिर के पुजारी और श्रद्धालु इस बंदी से धार्मिक स्थलों को अलग रखने का हवाला देते रहे, लेकिन सेना ने नहीं सुनी और गेट नहीं खोला गया। कोट सावन में मंदिर को दूसरी बार लॉकडाउन के नाम पर बंद कर दिया गया। इससे श्रद्धालुओं की भावना आहत हुई है। सेना की ओर से अब सोमवार को गेट खोलने का आश्वासन दिया गया है। श्रीधरानंद, पुजारी- मनकामेश्वर महादेव।
55 घंटे की बंदी में धार्मिक स्थलों को खुला रखने के सरकार के निर्देश के बावजूद सेना ने शनिवार को सरस्वती घाट स्थित प्रसिद्ध मनकामेश्वर महादेव मंदिर जाने वाले मार्ग के फाटक को बंद कर दिया। पुजारी व श्रद्धालुओं की नहीं सुनी गई।
घंटों इंतजार केबाद सेना की ओर से गेट न खोले जाने से हजारों की तादात में श्रद्धालुओं को वापस होना पड़ा। अब सोमवार को मंदिर खोले जाने की उम्मीद है। कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए दो दिन की पूर्ण बंदी की घोषणा का असर मंदिरों में दर्शन-पूजन पर भी पड़ गया है। भगवान भोलेनाथ के प्रिय मास सावन में मनकामेश्वर महादेव केदर्शन के लिए निकले भक्तों को बीच रास्ते से निराश होकर लौटना पड़ा।