पिछले 98 वर्ष से कोेऑपरेटिव बैंक में चला आ रहा मेेंस यूनियन का कब्जा इस बार भी बरकरार रहा। नार्दर्न रेलवे मल्टी स्टेट प्राइमरी कोऑपरेटिव बैंक के चुनाव में शुक्रवार को एक बार फिर से मेंस यूनियन का डंका बजा है। दिन भर हुए मतदान के बाद बहुमत केे लिए एक बार फिर से जरूरी आंकड़ा मेंस यूनियन ने जुटा लिया।
34 में से 22 डेलीगेेट्स मेंस यूनियन के ही जीते। उधर इस चुनाव में इंपलाइज संघ ने भी पिछले बार के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया। घोषित परिणाम में 10 डेलीगेट्स इंपलाइज संघ के और दो अन्य यूनियन से निर्वाचित हुए। जरूरी बहुमत मिलने के बाद मेंस यूनियन के पदाधिकारी जश्न में डूब गए। यूनियन पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता जमकर थिरके।
कोआपरेटिव बैंक का चुनाव प्रयागराज के साथ मंडल के मिर्जापुर, चुनार, इटावा, शिकोहाबाद, अलीगढ़, हाथरस, खुर्जा, फतेहपुर, कानपुर, टूंडला में बनाए गए 30 पोलिंग बूथों पर हुआ। सुबह आठ बजे से लेकर शाम पांच बजे तक चले मतदान के बाद कुल 34 डेलीगेट्स चुने जाने के लिए तकरीबन 85 फीसदी वोटरों ने अपने मत का प्रयोग किया। घंटे भर के ब्रेक के बाद शाम छह बजे से सभी पोलिंग बूथों पर काउंटिंग शुरू हुई।
प्रयागराज मंडल में नार्थ सेंट्रल रेलवे मेंस यूनियन, नार्थ सेंट्रल रेलवे इंपलाइज संघ, नार्थ सेंट्रल रेलवे वर्कर्स यूनियन, टैकमैन आदि संगठन ने अपने प्रत्याशी उतारे। मतगणना शुरू होने के बाद से ही मेंस यूनियन ने अपनी बढ़त बनानी शुरू कर दी। रात 10.30 बजे तक प्रयागराज मंडल के सभी 30 पोलिंग बूथ पर हुए चुनाव का परिणाम घोषित हो गया। कुल 34 में से 22 डेलीगेेट्स इस बार मेंस यूनियन के ही रहे। चुनाव जीतने वालों में मेंस यूनियन के मंडल मंत्री डीएस यादव भी प्रमुख रूप से शामिल रहे।
उधर इंपलाइज संघ का भी प्रदर्शन बेहतर रहा। पिछले चुनाव में उसके सात डेलीगेट्स ही चुने गए थे, इस बार यह आंकड़ा दस पर पहुंच गया, जबकि टैकमैन एसोसिएशन के भी दो डेलीगेट्स चुनाव जीतने में कामयाब हो गए। वर्कर्स एसोसिएशन इस बार अपना खाता भी नहीं खोल सकी।
इंपलाइज संघ कानपुर में रही अव्वल
इंपलाइज संघ के महामंत्री आरपी सिंह ने बताया कि उनके संगठन से टूंडला में चार में से तीन, कानपुर में नौ में से छह और उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय में दो में एक डेलीगेट्स निर्वाचित हो गया। उधर डीआरएम ऑफिस में मेंस यूनियन से चुनाव जीते अरविंद पांडेय के साथ उनके समर्थकों ने खूब जश्न मनाया।
यूनियन की नीतियों की वजह से ही पिछले 98 वर्ष से कोेऑपरेटिव बैंक का चुनाव हम जीतते आ रहे हैं। इस बार भी रेलकर्मियों ने मेंस यूनियन पर भरोसा जताया। इसके लिए सभी का आभार है। - आरडी यादव, महामंत्री, मेंस यूनियन।
प्रयाग में भी जीती मेंस यूनियन
नार्दन रेलवे मल्टी स्टेेट प्राइमरी कोआपरेटिव बैंक लखनऊ मंडल की प्रयाग शाखा में भी मेंस यूनियन का परचम फहराया। यहां शाखामंत्री गोविंद सिंह निर्वाचित हुए। उन्हें यूनियन नेता विजय मिश्र आदि ने बधाई दी।
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पिछले 98 वर्ष से कोेऑपरेटिव बैंक में चला आ रहा मेेंस यूनियन का कब्जा इस बार भी बरकरार रहा। नार्दर्न रेलवे मल्टी स्टेट प्राइमरी कोऑपरेटिव बैंक के चुनाव में शुक्रवार को एक बार फिर से मेंस यूनियन का डंका बजा है। दिन भर हुए मतदान के बाद बहुमत केे लिए एक बार फिर से जरूरी आंकड़ा मेंस यूनियन ने जुटा लिया।
34 में से 22 डेलीगेेट्स मेंस यूनियन के ही जीते। उधर इस चुनाव में इंपलाइज संघ ने भी पिछले बार के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया। घोषित परिणाम में 10 डेलीगेट्स इंपलाइज संघ के और दो अन्य यूनियन से निर्वाचित हुए। जरूरी बहुमत मिलने के बाद मेंस यूनियन के पदाधिकारी जश्न में डूब गए। यूनियन पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता जमकर थिरके।
कोआपरेटिव बैंक का चुनाव प्रयागराज के साथ मंडल के मिर्जापुर, चुनार, इटावा, शिकोहाबाद, अलीगढ़, हाथरस, खुर्जा, फतेहपुर, कानपुर, टूंडला में बनाए गए 30 पोलिंग बूथों पर हुआ। सुबह आठ बजे से लेकर शाम पांच बजे तक चले मतदान के बाद कुल 34 डेलीगेट्स चुने जाने के लिए तकरीबन 85 फीसदी वोटरों ने अपने मत का प्रयोग किया। घंटे भर के ब्रेक के बाद शाम छह बजे से सभी पोलिंग बूथों पर काउंटिंग शुरू हुई।
प्रयागराज मंडल में नार्थ सेंट्रल रेलवे मेंस यूनियन, नार्थ सेंट्रल रेलवे इंपलाइज संघ, नार्थ सेंट्रल रेलवे वर्कर्स यूनियन, टैकमैन आदि संगठन ने अपने प्रत्याशी उतारे। मतगणना शुरू होने के बाद से ही मेंस यूनियन ने अपनी बढ़त बनानी शुरू कर दी। रात 10.30 बजे तक प्रयागराज मंडल के सभी 30 पोलिंग बूथ पर हुए चुनाव का परिणाम घोषित हो गया। कुल 34 में से 22 डेलीगेेट्स इस बार मेंस यूनियन के ही रहे। चुनाव जीतने वालों में मेंस यूनियन के मंडल मंत्री डीएस यादव भी प्रमुख रूप से शामिल रहे।
उधर इंपलाइज संघ का भी प्रदर्शन बेहतर रहा। पिछले चुनाव में उसके सात डेलीगेट्स ही चुने गए थे, इस बार यह आंकड़ा दस पर पहुंच गया, जबकि टैकमैन एसोसिएशन के भी दो डेलीगेट्स चुनाव जीतने में कामयाब हो गए। वर्कर्स एसोसिएशन इस बार अपना खाता भी नहीं खोल सकी।