अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: अमर उजाला लोकल ब्यूरो
Updated Mon, 10 Jan 2022 09:41 PM IST
जिले में लगातार हो रही बेमौसम की बारिश से आलू और सरसों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। तीन दिनों तक हुई लगातार बारिश और बूंदाबांदी के कारण सरसों की तैयार फसल की पैदावार काफी हद तक प्रभावित होगी। खेत में पानी जमा हो जाने और दलदल होने के कारण आलू की पैदावार पर भी खासा असर पड़ा है।
जिले में आलू और सरसों के करीब 20 फीसदी नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। दोनों फसलें लगभग तैयार हो गई थीं। पानी भर जाने से आलू के सड़ जाने और गुणवत्ता प्रभावित होने का संकट पैदा हो गया है। यही स्थिति सरसों का भी है। सरसों में फूल लग गए थे, जो दाने पड़ने के पहले ही बरसात के कारण नष्ट हो गए। बरसात से प्रभावित हुई पैदावार के कारण सरसों के तेल के दाम में और बढ़ोत्तरी की उम्मीद जताई जा रही है।
बढ़ गया खेती का रकबा
पहले से ही सरसों के तेल के दाम आसमान छू रहे हैं। यही स्थिति आलू की भी है। माना जा रहा था कि खुदाई के बाद आलू के दाम में कमी आएगी लेकिन बरसात ने इस उम्मीद पर पानी फेर दिया है। जिले में सरसों और आलू का रकबा भी बढ़ गया है। पहले जहां 15000 हेक्टेयर में खेती होती थी वहीं अब यह रकबा बढ़कर 25 हजार तक पहुंच गया है।
कृषि वैज्ञानिक डा. मनोज कुमार सिंह का कहना है कि बेमौसम की बारिश से तिलहनी और दलहनी फसलों को काफी नुकसान हुआ है। नुकसान का आकलन विभाग की ओर से किया जा रहा है। सोरांव के किसान रामप्रसाद का कहना है कि बारिश के कारण फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। आलू की खुदाई की तैयारी की जा रही थी, लेकिन खेत में पानी भर जाने के कारण अब कुछ दिन बाद ही आलू की खुदाई हो पाएगी।
विस्तार
जिले में लगातार हो रही बेमौसम की बारिश से आलू और सरसों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। तीन दिनों तक हुई लगातार बारिश और बूंदाबांदी के कारण सरसों की तैयार फसल की पैदावार काफी हद तक प्रभावित होगी। खेत में पानी जमा हो जाने और दलदल होने के कारण आलू की पैदावार पर भी खासा असर पड़ा है।
जिले में आलू और सरसों के करीब 20 फीसदी नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। दोनों फसलें लगभग तैयार हो गई थीं। पानी भर जाने से आलू के सड़ जाने और गुणवत्ता प्रभावित होने का संकट पैदा हो गया है। यही स्थिति सरसों का भी है। सरसों में फूल लग गए थे, जो दाने पड़ने के पहले ही बरसात के कारण नष्ट हो गए। बरसात से प्रभावित हुई पैदावार के कारण सरसों के तेल के दाम में और बढ़ोत्तरी की उम्मीद जताई जा रही है।