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फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा इस्लाम के संबंध में की गई टिप्पणी के विरोध में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में बृहस्पतिवार को विरोध मार्च निकाला गया। छात्र और छात्र नेताओं ने फ्रांस के राष्ट्रपति के विरोध में नारे लगाते हुए फ्रांस के बने हुए उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान किया। प्रदर्शनकारियों ने फ्रांस के राष्ट्रपति के पोस्टर भी जलाए।
विरोध मार्च पुरानी चुंगी स्थित गेट से शुरू हुआ। इसके बाद छात्र और छात्र नेता नारेबाजी करते हुए इंजीनियरिंग कॉलेज, दीनियात विभाग, आर्ट फैकल्टी, वाइस चांसलर लॉज, स्टाफ क्लब होते हुए बाबे सैयद गेट पर इकट्ठे हुए।
इस दौरान छात्रों ने नारे लगाए मैक्रों तेरी कब्र खुदेगी एएमयू की धरती पर। फ्रांस के उत्पादों का बहिष्कार करो, बहिष्कार करो, बहिष्कार करो।
छात्र नेता फरहान जुबैरी ने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति ने जिस प्रकार की टिप्पणी इस्लाम के संबंध में की है उसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। पूरी दुनिया में फ्रांस के बने उत्पादों का बहिष्कार हो रहा है। इससे फ्रांस को 3 दिन में ही अरबों डालर का नुकसान हुआ है। इससे फ्रांस को पता लग गया है कि सामूहिक ताकत क्या होती है।
भारत में भी फ्रांस की कंपनियों के बने उत्पाद प्रचलित हैं। हम पूरी एएमयू बिरादरी और एएमयू के चाहने वालों से अपील करते हैं कि वह फ्रांस के बने उत्पादों का बहिष्कार करें। इन उत्पादों में कॉस्मेटिक के उत्पाद शामिल हैं।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा इस्लाम के संबंध में की गई टिप्पणी के विरोध में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में बृहस्पतिवार को विरोध मार्च निकाला गया। छात्र और छात्र नेताओं ने फ्रांस के राष्ट्रपति के विरोध में नारे लगाते हुए फ्रांस के बने हुए उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान किया। प्रदर्शनकारियों ने फ्रांस के राष्ट्रपति के पोस्टर भी जलाए।
विरोध मार्च पुरानी चुंगी स्थित गेट से शुरू हुआ। इसके बाद छात्र और छात्र नेता नारेबाजी करते हुए इंजीनियरिंग कॉलेज, दीनियात विभाग, आर्ट फैकल्टी, वाइस चांसलर लॉज, स्टाफ क्लब होते हुए बाबे सैयद गेट पर इकट्ठे हुए।
इस दौरान छात्रों ने नारे लगाए मैक्रों तेरी कब्र खुदेगी एएमयू की धरती पर। फ्रांस के उत्पादों का बहिष्कार करो, बहिष्कार करो, बहिष्कार करो।
छात्र नेता फरहान जुबैरी ने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति ने जिस प्रकार की टिप्पणी इस्लाम के संबंध में की है उसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। पूरी दुनिया में फ्रांस के बने उत्पादों का बहिष्कार हो रहा है। इससे फ्रांस को 3 दिन में ही अरबों डालर का नुकसान हुआ है। इससे फ्रांस को पता लग गया है कि सामूहिक ताकत क्या होती है।
भारत में भी फ्रांस की कंपनियों के बने उत्पाद प्रचलित हैं। हम पूरी एएमयू बिरादरी और एएमयू के चाहने वालों से अपील करते हैं कि वह फ्रांस के बने उत्पादों का बहिष्कार करें। इन उत्पादों में कॉस्मेटिक के उत्पाद शामिल हैं।