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निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों को एलान कर दिया है। इसके साथ ही आचार संहिता लागू हो गई है। इसके अनुपालन के लिए आगरा जिला प्रशासन जुट गया है। आचार संहिता लगने के बाद कोई भी राजनीतिक दल या अभ्यर्थी को बिना अनुमति के होर्डिंग-बैनर नहीं लगा सकेंगे। न ही कोई आयोजन कर सकेंगे।
रविवार को आचार संहिता लागू होने के बाद नगर निगम की विभिन्न टीमें शहर में लगे राजनीतिक दल या नेताओं के होर्डिंग और बैनर उतारने में जुट गईं। अब प्रत्याशियों को चुनाव संबंधी कार्य अनुमति लेकर ही करने होंगे। प्रचार में प्रयोग होने वाले वाहनों की अनुमति, सभा रैली के लिए अनुमति अनिवार्य होगी।
सामान्य नियम
- बिना अनुमति के कहीं भी होर्डिंग, पोस्टर या बैनर नहीं लगाया जा सकता।
- धार्मिक स्थानों का उपयोग चुनाव प्रचार के मंच के रूप में नहीं किया जा सकता।
- सभा के स्थान व समय की अनुमति प्रशासन से लेनी होगी।
- इसकी पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को देनी होगी।
- सभा स्थल में लाउडस्पीकर के उपयोग के लिए भी अनुमति पहले लेनी होगी।
सत्ताधारी दल के लिए नियम
- सरकार के मंत्री शासकीय दौरों के दौरान चुनाव प्रचार नहीं कर सकेंगे।
- सरकारी विमान और गाड़ियों का प्रयोग दल के हितों को बढ़ावा देने के लिए न हो।
- हेलीपैड पर सत्ताधारी दल एकाधिकार न जताए।
- सरकारी आवास और विश्राम स्थलों पर एकाधिकार नहीं होगा।
- सरकारी की योजनाओं का प्रचार सरकारी धन से नहीं किया जाएगा।
- शासकीय कर्मचारी किसी भी अभ्यर्थी के निर्वाचन, मतदाता या गणना एजेंट नहीं बनेंगे।
- मंत्री यदि दौरे के समय निजी आवास पर ठहरते हैं अधिकारी उनसे मिलने वहां नहीं जाएंगे।
- चुनाव कार्य से जाने वाले मंत्रियों के साथ अधिकारी नहीं जाएंगे।
- ड्यूटी के अलावा कोई अधिकारी या अन्य राजनीतिक आयोजन में शामिल नहीं होंगे।
जिलाधिकारी एनजी रवि कुमार ने बताया कि निर्वाचन संबंधी कार्यों के लिए जिम्मेदारियां तय कर दी गई हैं। आचार संहिता लागू होने के 24 घंटे के भीतर होर्डिंग, बैनर उतरवा दिए जाएंगे।
निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों को एलान कर दिया है। इसके साथ ही आचार संहिता लागू हो गई है। इसके अनुपालन के लिए आगरा जिला प्रशासन जुट गया है। आचार संहिता लगने के बाद कोई भी राजनीतिक दल या अभ्यर्थी को बिना अनुमति के होर्डिंग-बैनर नहीं लगा सकेंगे। न ही कोई आयोजन कर सकेंगे।
रविवार को आचार संहिता लागू होने के बाद नगर निगम की विभिन्न टीमें शहर में लगे राजनीतिक दल या नेताओं के होर्डिंग और बैनर उतारने में जुट गईं। अब प्रत्याशियों को चुनाव संबंधी कार्य अनुमति लेकर ही करने होंगे। प्रचार में प्रयोग होने वाले वाहनों की अनुमति, सभा रैली के लिए अनुमति अनिवार्य होगी।
सामान्य नियम
- बिना अनुमति के कहीं भी होर्डिंग, पोस्टर या बैनर नहीं लगाया जा सकता।
- धार्मिक स्थानों का उपयोग चुनाव प्रचार के मंच के रूप में नहीं किया जा सकता।
- सभा के स्थान व समय की अनुमति प्रशासन से लेनी होगी।
- इसकी पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को देनी होगी।
- सभा स्थल में लाउडस्पीकर के उपयोग के लिए भी अनुमति पहले लेनी होगी।
सत्ताधारी दल के लिए नियम
- सरकार के मंत्री शासकीय दौरों के दौरान चुनाव प्रचार नहीं कर सकेंगे।
- सरकारी विमान और गाड़ियों का प्रयोग दल के हितों को बढ़ावा देने के लिए न हो।
- हेलीपैड पर सत्ताधारी दल एकाधिकार न जताए।
- सरकारी आवास और विश्राम स्थलों पर एकाधिकार नहीं होगा।
- सरकारी की योजनाओं का प्रचार सरकारी धन से नहीं किया जाएगा।
अधिकारियों के लिए नियम
- शासकीय कर्मचारी किसी भी अभ्यर्थी के निर्वाचन, मतदाता या गणना एजेंट नहीं बनेंगे।
- मंत्री यदि दौरे के समय निजी आवास पर ठहरते हैं अधिकारी उनसे मिलने वहां नहीं जाएंगे।
- चुनाव कार्य से जाने वाले मंत्रियों के साथ अधिकारी नहीं जाएंगे।
- ड्यूटी के अलावा कोई अधिकारी या अन्य राजनीतिक आयोजन में शामिल नहीं होंगे।
जिलाधिकारी एनजी रवि कुमार ने बताया कि निर्वाचन संबंधी कार्यों के लिए जिम्मेदारियां तय कर दी गई हैं। आचार संहिता लागू होने के 24 घंटे के भीतर होर्डिंग, बैनर उतरवा दिए जाएंगे।