अमर उजाला ब्यूरो
एटा।
सावन का महीना चल रहा है और तेज हवाओं और जोरदार बारिश कहीं नजर नहीं आ रही। चिलचिलाती धूप और उमस ने लोगों का जीन मुश्किल कर दिया है। बादल छाते भी हैं तो उमड़-घुमड़कर कर बिना बरसे ही चले जाते हैं। मौसम में आए बदलाव से लोग बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। मौसम का यह बदलाव लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
सावन के महीने में भी मन को तरोताजा करने वाली ठंडी हवाएं और घनघोर बारिश नहीं हो रही है। अब तो लोग बारिश न होने से परेशान होने लगे हैं। लोग बीमारियों का शिकार होने लगे हैं। गुरुवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में ही 1800 से मरीज पहुंचे। इनमें अधिकतर वायरल, सर्दी, जुकाम और डिहाइड्रेशन से पीड़ित थे। मच्छरों का प्रकोप होने के कारण मलेरिया के रोगी भी सामने आ रहे हैं। निजी चिकित्सकों के यहां भी मरीजों की कतारें लगी रहती हैं। डा. एस चंद्रा बताते हैं कि मौसम में बदलाव से बीमारियों का कहर बढ़ रहा है। इन दिनों मरीजों को वायरल, सर्दी, जुकाम की समस्याएं सामने ज्यादा आ रही हैं।
कृषि के लिए बारिश पर्याप्त
सावन में भले ही अब तक हुई बारिश वातावरण को ठंडा नहीं कर सकी हो, लेकिन खेती के लिहाज से अच्छी बारिश हो चुकी है। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार अब तक 340 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। जबकि धान की रोपाई के लिए 320 मिलीमीटर बारिश पर्याप्त मानी जाती है। कृषि विभाग के जितेंद्र सिंह कहते हैं कि धान के लिए बारिश अच्छी हो चुकी है। किसानों को रोपाई में गर्मी के कारण दिक्कत आ रही है।
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तापमान एक नजर में
दिनांक अधिकतम न्यूनतम
15 जुलाई 36 25
16 जुलाई 34 24
17 जुलाई 37 28
18 जुलाई 35 30
19 जुलाई 34 26
20 जुलाई 33 25