मुरादाबाद के मझोला और सिविल लाइंस पुलिस ने शनिवार को हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट का खुलासा किया। इस सेक्स रैकेट को संचालित कर रहीं दो महिलाओं और उनके तीन साथियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का दावा है कि गिरोह के सदस्य बीमा कराने वाले ग्राहकों को सेक्स सर्विस मुहैया कराते थे। पुलिस ने दो युवतियों को भी आरोपियों के चंगुल से मुक्त कराया है, जिन्हें नौकरी का झांसा देकर यहां बुलाया गया और उनसे देह व्यापार कराया जा रहा था। सीओ सिविल लाइंस इंदु सिद्धार्थ ने बताया कि सूचना मिली थी कि कुछ महिलाएं और पुरुष शहर में हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट चला रहे हैं। इसी सूचना पर सिविल लाइंस थाना प्रभारी रविंद्र प्रताप सिंह और मझोला थाना प्रभारी जीत सिंह के नेतृत्व में टीमों का गठन किया गया था। टीम ने शुक्रवार रात से शनिवार सुबह तक छापे मारे। पुलिस ने दीन दयाल नगर स्थित एक मकान में दबिश देकर युवक को हिरासत में लिया था। उससे पूछताछ के बाद ही सेक्स रैकेट के बारे में पुख्ता जानकारी मिली थी। शनिवार सुबह पुलिस ने मझोला के हरथला हड्डी मिल भोला सिंह की मिलक कांशी रामनगर स्थित एक मकान में दबिश दी। पुलिस ने यहां से पीलीभीत जनपद के न्यूरिया थानाक्षेत्र के खिरुवा निवासी राहुल दास, मझोला के खुशहालपुर निवासी राजू, धीरज भटनागर उर्फ बाबू निवासी दीन दयालनगर एमडीए सिविल लाइंस को गिरफ्तार किया है।
इसके अलावा हरथला हड्डी मिल थाना सिविल लाइंस निवासी एक महिला और ईशानगर थाना बिलासपुर जिला रामपुर निवासी एक महिला को गिरफ्तार किया गया है। यहां महिलाएं किराये पर रह रही थीं। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह निजी बीमा कंपनी में पॉलिसी करने का काम करते हैं। अधिक लोग इनसे पॉलिसी कराए। इस लिए उन्हें सेक्स सर्विस भी मुहैया कराते थे। पुलिस ने आरोपियों के चंगुल से दो पश्चिम बंगाल की दो युवतियों को भी मुक्त कराया है। इन युवतियों को नौकरी का झांसा देकर यहां लाया गया था और इनसे देह व्यापार कराया जा रहा था। सीओ इंदु सिद्धार्थ ने बताया कि दो महिलाओं समेत आरोपियों के खिलाफ मझोला थाने में अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम में केस दर्ज किया गया है।
चार साल से चला रहे थे रैकेट
आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में कबूला है कि दोनों महिलाएं आरोपी राहुल दास, धीरज भटनागर उर्फ बाबू के साथ बीमा कंपनी में काम करते हैं। पॉलिसी कराने को लोग तैयार नहीं हुए तो उन्हें सेक्स सर्विस देने की योजना बना ली थी। इसके बाद पॉलिसी कराने वाले लोग बढ़ते गए। चार साल से इसी तरह रैकेट चला रहे थे। इसके लिए बाहर से युवतियों और महिलाओं को रुपये देकर बुलाया जाता था। इसके बाद ग्राहक के बताए स्थान उन्हें भेज दिया जाता था। युवतियों और महिलाओं को पहुंचाने का काम राजू करता था, जिसके बदले उसे दस हजार सैलरी दी जाती थी।
पश्चिम बंगाल से दिल्ली पढ़ाई करने आईं और आरोपियों के चंगुल में फंस गईं युवतियां
मझोला थानाक्षेत्र से मुक्त कराई गईं दोनों युवतियां पश्चिम बंगाल दार्जलिंग की रहने वाली हैं। पुलिस ने बताया कि दोनों युवतियां दिल्ली में पढ़ाई करने आईं थीं। लॉकडाउन और कोरोना काल में युवतियां अपने घर नहीं लौट पाईं तो इन्होंने रोजगार की तलाश शुरू कर दी थी, तब आरोपी महिला से इनकी मुलाकात दिल्ली में हुई थी। महिला दोनों युवतियां को दिल्ली से मुरादाबाद नौकरी दिलवाने के बहाने ले आई थी। यहां आकर युवतियों से देह व्यापार कराया गया। यहां एक महिला के घर में दोनों युवतियों को बंद रखा जाता था।
आलीशन मकानों में किराये पर रहते थे आरोपी
हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट चलाने वाले गिरोह के सदस्य शहर के आलीशान मकानों में किराये पर रहते थे, ताकी लोग इनसे जुड़ते रहें। पुलिस और अन्य लोग भी इन पर शक नहीं करते थे।