मेरठ में शूटिंग की आड़ में वन्य जीवों का शिकार और तस्करी का यह धंधा प्रशांत और उसकी टीम ने देश भर में फैला रखा था। इसका नेटवर्क देश के विभिन्न बड़े राज्यों में खड़ा किया। दरअसल, प्रशांत की सिक्योरिटी एजेंसी 14 राज्यों में काम करती है। उसे बिहार में पांच सौ नील गायों को मारने का ठेका मिला, तो इसी की आड़ में बड़ा खेल किया गया।
डीआरआई की टीम की मानें तो प्रशांत ने इस धंधे को बड़ा करने के लिए इस खेल से जुड़े कई पुराने लोगों को अपने साथ जोड़ा। पूरे देश में इस काम को शुरू किया गया। 14 राज्यों में उसकी सिक्योरिटी एजेंसी काम करती ही है, इसका लाभ उठाया गया। चूंकि इस टीम के पास नील गायों को मारने की अनुमति है, तो इसी की आड़ में वन्य जीवों का लगातार शिकार किया गया। बिहार में जब पांच सौ नील गायों को मारने का ठेका मिला, तो सबसे बड़ा खेल इसी की आड़ में हुआ।
दरअसल, पूर्वी उत्तर प्रदेश के जंगलों के अलावा बिहार के जंगल, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड में भी इस टीम ने ताबड़तोड़ ढंग से वन्य जीवों का शिकार किया।
अंतरराष्ट्रीय शूटर होने के कारण प्रशांत लगातार हाई प्रोफाइल लोगों के संपर्क में रहा। अपनी फेसबुक वॉल पर भी उसने कई वीआईपी लोगों के साथ फोटो शेयर किए हैं। क्रिकेटर हरभजन सिंह के साथ उसने अपनी फोटो शेयर की है तो इसके अलावा उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ भी उसकी फोटो उसकी फेसबुक वॉल पर है। अन्य कई फोटो ऐसे हैं।
वीआईपी और पॉश सिविल लाइन इलाके में स्थित रिटायर्ड कर्नल की कोठी में इतनी बड़ी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है, शायद ही किसी ने सोचा होगा। इस कोठी के सामने महिला थाना है तो चंद कदमों की दूरी पर एसएसपी और डीआईजी ऑफिस। कुल मिलाकर मेरठ का खुफिया तंत्र और लोकल इंटेलीजेंस भी पूरी तरह से धड़ाम हो गया। इतना बड़ा जुर्म फलता फूलता रहा और कानों कान भी भनक नहीं लगी।