चौबेपुर के बिकरू गांव में हुए एनकाउंटर में तत्कालीन चौबेपुर एसओ विनय तिवारी और हलका इंचार्ज दरोगा केके शर्मा की गद्दारी पर मुहर लग गई है। आठ पुलिसकर्मियों की मौत के जिम्मेदार यही हैं। आंखों से खूनी खेल देखने के बाद मौके से फरार हो गए थे। पुलिसकर्मियों की शहादत पर ये पुलिसकर्मी खुश हुए थे।
एनकाउंटर में डीएसपी देवेंद्र मिश्र, शिवराजपुर एसओ महेश यादव समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। शुरुआती जांच में ही पता चला था कि थाने से दहशतगर्द विकास को सूचना दी गई थी कि दबिश पड़ने वाली है। इसलिए उसने पूरी तैयारी के साथ पुलिस पर हमला किया।
एसएसपी ने इस प्रकरण की जांच एसपी ग्रामीण बृजेश कुमार श्रीवास्तव को दी थी। जांच में पता चला कि एसओ और दरोगा ने गद्दारी की। दबिश की सूचना विकास को दी। फिर भाग निकले। हमला होने के कुछ मिनटों पहले तक एसओ वहां मौजूद रहा था। फिर वहां से भाग निकला।
बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुरू
एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि दोनों पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया जाएगा। बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इन सभी के खाते सीज कराए गए हैं। मोबाइल जब्त हैं। उनकी जांच की जा रही है। सीडीआर समेत मोबाइल से कई अहम सुबूत पुलिस के हाथ लगे हैं।
विकास की रोटी-बोटी पर पल रहे थे ये पुलिसकर्मी
थानेदार विनय तिवारी और दरोगा केके शर्मा विकास के पैर छूते थे। उसके खिलाफ जो भी शिकायत करने पहुंचता था, उसी को धमकाकर खदेड़ देते थे। संरक्षण देने के लिए हर महीने मोटी रकम इन दोनों के पास पहुंचती थी। दोनों पुलिसकर्मी दहशतगर्द की रोटी और बोटी पर पल रहे थे। एक तरह से उनकी गुलामी कर रहे थे।