हम नए साल में माता रानी के दर्शन मिलने को लेकर बहुत खुश थे....। भीषण भीड़ होने के कारण हम सभी 9 लोग एक दूसरे का हाथ पकड़ कर आगे बढ़ रहे थे....। तभी अचानक माता के भवन की ओर से शोर सुनाई दिया...। दरबार की तरफ बढ़ रही भीड़ पीछे की ओर बिना कुछ सोचे समझे भागने लगी। हम कुछ समझ पाते कि इससे पहले ही भीड़ हम तक पहुंच गई और धक्का मुक्की कर लोग नीचे की तरफ भागने लगे....। इस धक्का मुक्की में हमारे हाथ भी छूट गए और हम बिछड़ गए.....। सुबह हुई और लोगों की खोजबीन शुरु की गई तो पता चला कि हादसे में कुछ लोगों की मौत हो गई है वहीं कुछ लोग घायल भी हुई है।
हादसे में मरने वालों के शव मॉर्चरी में रखे गए हैं। एक दूसरे को तलाश करते हुए जब मॉर्चरी पहुंचे तो...हमारे दो साथियों की मौत का पता चला....। यह आंखों देखा हाल हादसे में कानपुर के मारे गए दो श्रद्धालुओं के साथ गए साथियों ने अमर उजाला से बातचीत के दौरान साझा किए हैं।
भगदड़ में मारे गए पनकी गंगा गंज निवासी महेंद्र गौड़ 29 और उनके जीजा बिधनू काकोरी गांव निवासी नरेंद्र कश्यप के साथ उनके 7 अन्य साथियों में मोहल्ला निवासी अजय कुमार, शिवम, प्रियांशु, कल्लू सविता व दो साथी रसूलाबाद निवासी भी दर्शन करने गए थे।
साथियों ने बताया कि रात करीब 1.25 बजे वे लोग माता रानी के दर्शन कर गर्भ गुफा से बाहर आ गए थे। वे लोग दरबार से करीब 4 किमी ऊंचाई पर स्थित भैरो बाबा के दर्शन के लिए आगे बढ़ रहे थे। तभी दरबार की तरफ से कुछ शरारती तत्वों ने शोर मचा दिया। अचानक भीड़ नीचे की तरफ भागने लगी।
अपनी जान बचाने के लिए लोग आंख बंद कर भाग रहे थे। महिलाओं, बच्चे और बुजुर्गों को भी भीड़ ने पैरों तले रौंद दिया....करीब एक घंटे बाद जब भीड़ शांत हुई तो चारों तरफ मौत की तबाही का मंजर देख कर रोना पीटना मच गया।