अकूत संपत्ति का मालिक पीयूष जैन का नया पता जिला जेल की बैरक नंबर 15 है। जब से वह जेल पहुंचा है वह तनावग्रस्त है। न किसी से बातचीत कर रहा है और न ही किसी तरह की कोई मांग की है। जेल में उसकी पहली रात करवटें बदलते कटी।
जेल कर्मचारियों ने जब उससे बातचीत का प्रयास किया तो वह हां, न में ही जवाब देता रहा। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि काली कमाई उजागर होने और उसके जब्तीकरण की वजह से वह कितना परेशान है।
इत्र कारोबारी पीयूष जैन के ठिकानों से 197 करोड़ की नकदी, 23 किलो सोना, चांदी व छह सौ लीटर चंदन का तेल मिला था। सेंट्रल जीएसटी की टीम ने रविवार रात पीयूष को गिरफ्तार किया था। सोमवार को कोर्ट ने उसको 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
जिला जेल में पहुंचने के बाद उसकी मेडिकल जांच की गई। जेल सूत्रों के मुताबिक पीयूष को बैरक नंबर 15 में रखा गया है। सोमवार रात पीयूष ने बहुत थोड़ा खाना खाया था। रात में वह कई बार उठा। इधर-उधर घूमता रहा।
जब जेल कर्मचारियों ने उससे बातचीत कर परेशानी जानने का प्रयास किया तो उसने कहा कि कोई खास बात नहीं है। बस नींद नहीं आ रही। मंगलवार सुबह जेल के नियमानुसार वह सोकर उठा। उसके बाद नाश्ता ठीक से किया।
खामोशी बयां कर रही काली कमाई के जाने का गम
जेल सूत्रों के मुताबिक पहले दिन कोई भी उससे मिलने भी नहीं गया। चूंकि वह बीपी व डिप्रेशन का मरीज है, लिहाजा जेल अस्पताल के डॉक्टर उसकी निगरानी कर रहे हैं। संबंधित दवाएं भी उसको दी जा रही है। तनाव ग्रस्त पीयूष को देखकर स्पष्ट है कि काली कमाई जाने से वह बेहद गम में है।
सामान्य बंदियों की तरह रखा गया पीयूष
अकूत संपत्ति का मालिक पीयूष चंद दिनों में अर्श से फर्श पर आ गया है। अपने घर की चाहर दिवारी से जेल की सलाखों तक पहुंच गया। जेल में उसको सामान्य बंदियों की तरह की रखा गया है। किसी तरह का वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं दिया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक पीयूष के करीबी व रिश्तेदार इस जुगत में लगे हैं कि जेल में उसको अधिक से अधिक सुविधाएं मिल जाएं।