बिजनौर में खो-खो की राष्ट्रीय खिलाड़ी की हत्या का मामला हाईप्रोफाइल केस बन गया है। जहां इसमें कई टीम मिलकर जांच कर रही हैं तो वहीं डीआईजी शलभ माथुर केस के हर पहलु पर अपनी नजर बनाए हुए हैं।
डीआईजी ने कहा कि इस केस को गंभीरता से लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हत्यारे पर सख्त कार्रवाई होगी। यदि एक हत्यारा निकलता है तो उस पर एनएसए की कार्रवाई की जाएगी। यदि हत्यारों की संख्या ज्यादा होती है तो एनएसए के साथ-साथ गैंगेस्टर की कार्रवाई भी की जाएगी। हमारी कई टीम जांच में लगी हैं और अच्छा काम कर रही हैं। हमारे हाथ कुछ सुराग लगे हैं, शीघ्र ही केस खोला जाएगा।
सिविल पुलिस का क्षेत्र है घटनास्थल
खो-खो की नेशनल खिलाड़ी की हत्या के मामले में सीमा विवाद ने पुलिस की जमकर किरकिरी कराई थी। जब शाम तक मामला नहीं सुलझा और पीड़ित एफआईआर दर्ज कराने को चक्कर काटते रहे थे तो जीआरपी एसपी के निर्देश पर नजीबाबाद जीआरपी थाने में धारा 302, 376 और 201 में अज्ञात अपराधियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया था। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा तो जांच के लिए सिविल पुलिस की कई टीम गठित की गई। जीआरपी सूत्रों की मानें तो एरिया को लेकर जांच पड़ताल की गई और इससे तय हुआ कि घटनास्थल सिविल पुलिस के अंतर्गत ही आता है।
डीआईजी ने कहा कि इस केस को गंभीरता से लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हत्यारे पर सख्त कार्रवाई होगी। यदि एक हत्यारा निकलता है तो उस पर एनएसए की कार्रवाई की जाएगी। यदि हत्यारों की संख्या ज्यादा होती है तो एनएसए के साथ-साथ गैंगेस्टर की कार्रवाई भी की जाएगी। हमारी कई टीम जांच में लगी हैं और अच्छा काम कर रही हैं। हमारे हाथ कुछ सुराग लगे हैं, शीघ्र ही केस खोला जाएगा।
सिविल पुलिस का क्षेत्र है घटनास्थल
खो-खो की नेशनल खिलाड़ी की हत्या के मामले में सीमा विवाद ने पुलिस की जमकर किरकिरी कराई थी। जब शाम तक मामला नहीं सुलझा और पीड़ित एफआईआर दर्ज कराने को चक्कर काटते रहे थे तो जीआरपी एसपी के निर्देश पर नजीबाबाद जीआरपी थाने में धारा 302, 376 और 201 में अज्ञात अपराधियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया था। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा तो जांच के लिए सिविल पुलिस की कई टीम गठित की गई। जीआरपी सूत्रों की मानें तो एरिया को लेकर जांच पड़ताल की गई और इससे तय हुआ कि घटनास्थल सिविल पुलिस के अंतर्गत ही आता है।