उत्तर प्रदेश में बागपत जनपद की 150 ग्राम पंचायतों में भारतीय प्रमाणीकरण संस्थान के मानकों को दरकिनार कर नॉन इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाने में 1.6 करोड़ का खेल सामने आया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीपीआरओ ने पूरे मामले में जांच बैठा दी है। जनपद के सभी छह ब्लॉक के बीडीओ को एक सप्ताह के अंदर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
जनपद में 244 ग्राम पंचायतें हैं। विभागीय आंकड़ों के अनुसार दो साल में जनपद की 150 ग्राम पंचायतों में इंटरलॉकिंग टाइल्स से रास्तों के निर्माणों में करीब 4.5 करोड़ रुपयों की धनराशि खर्च हुई है। हैरानी की बात यह है कि इनमें से लगभग 1.60 करोड़ की इंटरलॉकिंग टाइल्स मानकों को दरकिनार कर खपा दी गई है। इस गड़बड़झाले में ठेकेदार से लेकर ग्राम सचिव सहित ग्राम प्रधान व विभागीय अफसरों ने जेबें भरी है। अब मामला उजागर हुआ तो विभागीय अफसरों में हड़कंप मच गया। फिलहाल डीपीआरओ बनवारी सिंह ने पूरे मामले में जांच बैठा दी है। बागपत, बड़ौत, छपरौली, बिनौली, पिलाना और खेकड़ा के बीडीओ को एक सप्ताह के अंदर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
जनपद में 244 ग्राम पंचायतें हैं। विभागीय आंकड़ों के अनुसार दो साल में जनपद की 150 ग्राम पंचायतों में इंटरलॉकिंग टाइल्स से रास्तों के निर्माणों में करीब 4.5 करोड़ रुपयों की धनराशि खर्च हुई है। हैरानी की बात यह है कि इनमें से लगभग 1.60 करोड़ की इंटरलॉकिंग टाइल्स मानकों को दरकिनार कर खपा दी गई है। इस गड़बड़झाले में ठेकेदार से लेकर ग्राम सचिव सहित ग्राम प्रधान व विभागीय अफसरों ने जेबें भरी है। अब मामला उजागर हुआ तो विभागीय अफसरों में हड़कंप मच गया। फिलहाल डीपीआरओ बनवारी सिंह ने पूरे मामले में जांच बैठा दी है। बागपत, बड़ौत, छपरौली, बिनौली, पिलाना और खेकड़ा के बीडीओ को एक सप्ताह के अंदर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।