फिरोजाबाद के राजकीय मेडिकल कॉलेज में दो पहिया और चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य के फरमान से मरीजों की परेशानी बढ़ गई हैं। विशाल भूखंड में बने मेडिकल कॉलेज परिसर में मरीज और तीमारदार पैदल चलने को विवश हो रहे हैं। सबसे अधिक दिक्कत पैरों से लाचार मरीजों को हो रही है। शनिवार को एसीएमओ और सीएफओ की गाड़ी को भी प्रवेश नहीं दिया गया।
मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. संगीता अनेजा के नए आदेश के बाद पहले दिन ही मरीज काफी परेशान नजर आए। लेबर कॉलोनी निवासी अनवर अली ने बताया कि वह घुटने से लाचार है। डंडे के सहारे एक दो कदम चल लेते हैं। कोरोना की वैक्सीन लगवाने के लिए अस्पताल आए हैं और यहां की व्यवस्था को लेकर वह काफी आहत हैं।
सुहागनगर निवासी नीलम ने कहा कि कम से कम छोटे-छोटे बच्चों को दवा दिलाने के लिए अस्पताल आने वाली महिलाओं को वाहन से प्रवेश मिलना चाहिए। एक तो रास्ता खराब और उस पर पैदल चलने में दिक्कत होती है। बच्चों के गिरने का भी डर रहता है। युवती को लेकर अस्पताल पहुंची नगला खंगर पुलिस के वाहन को भी अंदर नहीं जाने दिया गया।
निजी वाहन से मेडिकल कॉलेज पहुंचे एसीएमओ डॉ. हंसराज और सीएफओ जसवीर को भी शनिवार दोपहर करीब 12 बजे प्रवेश नहीं मिला सका। एसीएमओ डॉ. हंसराज सरकारी कार्य से मेडिकल कॉलेज आए थे और सीएफओ उपचार के लिए। प्रवेश न मिलने पर एसीएमओ लौट गए। वहीं सीएफओ को अपना परिचय देने के बाद प्रवेश मिल सका।
मक्खनपुर क्षेत्र के गांव घुनपई निवासी एदल सिंह अपनी पत्नी गुड्डी देवी को उपचार के लिए दोपहर करीब साढ़े 12 बजे निजी वाहन से जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। गुड्डी देवी की हालत गंभीर होने पर वह कार की बीच वाली सीट पर लेटी थी। कार को सीएमएस आवास के समीप लगे बैरियर पर रोक दिया गया। काफी प्रयास के बाद कार को अंदर नहीं जाने दिया गया। इस बीच कार में लेटी गुड्डी देवी उपचार को तड़पती रही।
टूंडला निवासी मिथलेस देवी ने बताया कि पैदल नहीं चला जाता। सांस फूल जाती है। टूंडला से पति के साथ बाइक से आए थे लेकिन बाइक अंदर नहीं जाने दे रहे है। पति बाइक खड़ी करने गए है। पता नहीं डॉक्टर तक कैसे पहुंचेगे। गांव नैपई के नीरज कुमार ने कहा कि पत्नी की जांच कराई थी। इसकी जांच रिपोर्ट लेने के लिए आए हैं लेकिन बाइक को अंदर नहीं जाने दिया। साइकिल स्टैंड दूर है। बाइक आसपास खड़ी करने की कोई व्यवस्था नहीं है।
मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. संगीता अनेजा ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में वाहन खड़े होने से जाम की स्थिति बन जाती है। एंबुलेंस तक निकलने की जगह नहीं मिल पाती है। इस कारण व्यवस्थाओं में परिवर्तन किया गया है। स्टाफ तक के वाहन पार्किंग में खड़े कराए जा रहे है। पार्किंग को गेट नंबर तीन के समीप बनाने की व्यवस्था की जा रही है। इससे मरीजों को दिक्कत नहीं होगी।