राजस्थान के कोटा बैराज से काफी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण एक बार फिर चंबल नदी उफान पर बह रही है। बाढ़ देखते हुए आगरा के पिनाहट क्षेत्र में तटवर्ती गांवों में हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है। रविवार को चंबल नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ता हुआ 131 मीटर पर पहुंच गया, जो खतरे के निशान के बेहद करीब है। प्रशासनिक अफसर लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं।
बुधवार को कोटा बैराज से करीब चार लाख 16 हजार क्यूसेक पानी चंबल नदी में छोड़ा गया है। इसके कारण चंबल नदी खतरे के निशान से महज एक मीटर नीचे बह रही है। शनिवार शाम तक नदी का जलस्तर बढ़कर 129 तक पहुंच गया था, जो रविवार को 131 मीटर को पार कर गया। माना जा रहा है कि शाम तक नदी जलस्तर खतरे के निशान को पार सकता है।
चंबल नदी के उफान को देखते ही प्रशासन ने हाईअलर्ट जारी कर दिया है। राजस्व विभाग की टीमें तटवर्ती गांवों में पहुंची और उन्होंने हालात का जायजा लिया। रविवार सुबह एसडीएम बाह ने बाढ़ प्रभावित गांवों को दौरा किया। प्रशासन ने 8 बाढ चौकियां मनसुखपुरा, पिनाहट, उमरैठा, बासौनी, सिरामई, पुरा भगवान, खेड़ा राठौर और नंदगवां में गठित की हैं। साथ ही ग्रामीणों को सतर्क रहने व तत्काल सूचना देने को कहा गया है।
चंबल नदी में धौलपुर से एक कंटेनर बहकर पिनाहट घाट आ गया जिसे पकड़ने की कोशिश लेकिन सफलता नहीं मिली। कंटेनर बहकर पिनाहट घाट पहुंचा और नहर विभाग की इमारत से टकरा गया जिससे जोर की आवाज के साथ बिल्डिंग तक हिल गई। गनीमत रही कि कंटेनर दोबारा नहीं टकराया। अन्यथा बड़ा हादसा हो जाता।
घाट पर शनिवार को नहर की मशीनों के लिए इमारत के मुख्य द्वार को नहर विभाग ने बंद कर दिया। क्योंकि चंबल नदी का पानी बढ़ने पर इमारत के अंदर भी पानी पहुंच सकता है ऐसे में बड़ी जनहानि को ध्यान में रखते हुए उसे तत्काल बंद कर दिया। नहर विभाग के जेई पीतम सिंह ने बताया कि चार लाख 16 हजार क्यूसेक पानी चंबल नदी में कोटा बैराज से छोड़ा गया है। जिससे नदी उफान पर है।