मथुरा-आगरा की सीमा पर चुरमुरा गांव में देश का पहला हाथी स्मारक बनाया जा रहा है। वन विभाग के साथ मिलकर वाइल्ड लाइफ एसओएस आठ नवंबर को ‘एलीफेंट मेमोरियल’ की शुरुआत करेगा। चुरमुरा सेंटर पर रहे चार हाथियों की मौत के बाद उनकी यादों को सहेजने के लिए यह पहल की गई है।
साल 2010 में मथुरा के फरह क्षेत्र के चुरमुरा गांव में हाथी संरक्षण केंद्र बनाया गया, जहां बीते साल हाथियों के अत्याधुनिक अस्पताल का उद्घाटन किया गया था। संरक्षण केंद्र में रेस्क्यू कर लाए गए 22 हाथी यहां रह रहे हैं। इनमें 12 मादा और 10 नर हाथी हैं।
संरक्षण केंद्र में अब तक चार हाथी मोहन, सीता, लाखी और लूना की मौत हो चुकी है। इन्हीं चार हाथियों की याद में यह मेमोरियल बनाया जा रहा है। मेमोरियल में चारों हाथियों के बारे में पत्थर पर अलग से जानकारी दी जाएगी, ताकि हाथियों पर किए गए अत्याचार की कहानी लोगों तक पहुंचे।
आठ नवंबर को एलीफेंट मेमोरियल के उद्घाटन में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक के प्रवीन राव, मथुरा के डीएम सर्वज्ञ राम मिश्रा, डीएफओ आगरा मनीष मित्तल, चंबल सेंक्चुरी प्रोजेक्ट के आनंद कुमार और डीएफओ मथुरा मुकेश शर्मा मौजूद रहेंगे।
वाइल्ड लाइफ एसओएस के कार्तिक सत्य नारायण ने बताया कि यह देश का पहला हाथी स्मारक बनाया जा रहा है। इस सेंटर से जुड़े चारों हाथियों की स्मृति को बरकरार रखने का यह एक प्रयास है। इस मेमोरियल पर आकर लोगों में हाथियों के प्रति संवेदनशीलता और जानकारी बढ़ेगी।