देश के पुराने मेडिकल कॉलेजों में शुमार आगरा का सरोजनी नायडू (एसएन) मेडिकल कॉलेज जल्द नए स्वरूप में नजर आएगा। एसएन मेडिकल कॉलेज की 25 एकड़ और लेडी लॉयल की 20 एकड़ जमीन को मिलाकर 45 एकड़ का इंटीग्रेटेड कैंपस बनेगा जहां ताजनगरी का 'एम्स' आकार लेगा। प्रमुख सचिव चिकित्सा आलोक कुमार ने इंटीग्रेटेड कैंपस का नया सर्वे प्लान और नक्शा मांगा हैं। इस प्रस्ताव को कैबिनेट से जल्द ही मंजूरी मिल सकती है।
रविवार को प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने एसएन में निरीक्षण किया था जिसमें यह मुद्दा उठा था। एसएन मेडिकल कॉलेज का पुराना वैभव लौटाने के लिए शासन स्तर पर अब कवायद शुरू हो गई है। जिला प्रशासन ने मार्च 2020 में एसएन के संयुक्त परिसर (इंटीग्रेटेड कैंपस) का प्रस्ताव भेजा था। इसे बनाने में 160 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
संयुक्त परिसर बनने से एक तरफ मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी, दूसरी तरफ चिकित्सा शिक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा और यह मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के नए मानकों को भी पूरा कर सकेगा। एसएन ओपीडी में हर साल करीब पांच लाख मरीज इलाज के लिए आते हैं। आगरा की सीमा से जुड़े राजस्थान, मध्य प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 35 से अधिक जिलों के मरीजों के लिए एसएन सबसे बड़ा सेंटर है।
रविवार को प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने एसएन में निरीक्षण किया था जिसमें यह मुद्दा उठा था। एसएन मेडिकल कॉलेज का पुराना वैभव लौटाने के लिए शासन स्तर पर अब कवायद शुरू हो गई है। जिला प्रशासन ने मार्च 2020 में एसएन के संयुक्त परिसर (इंटीग्रेटेड कैंपस) का प्रस्ताव भेजा था। इसे बनाने में 160 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
संयुक्त परिसर बनने से एक तरफ मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी, दूसरी तरफ चिकित्सा शिक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा और यह मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के नए मानकों को भी पूरा कर सकेगा। एसएन ओपीडी में हर साल करीब पांच लाख मरीज इलाज के लिए आते हैं। आगरा की सीमा से जुड़े राजस्थान, मध्य प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 35 से अधिक जिलों के मरीजों के लिए एसएन सबसे बड़ा सेंटर है।